आपको कैंसर जैसी घातक बीमारी दे सकती हैं किचन में मौजूद ये सब्जियां
सेहतमंद रहने के लिए डॉक्टर भी हरी भरी सब्जियां खाने की राय देता है लेकिन अगर वही सब्जी कैंसर जैसी घातक बीमारी देने लग जाए तो।
बागपत, [मनोज कलीना]। हम सभी को घरों में माता-पिता सब्जियां खाना सिखाते हैं। बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि सब्जियां खाने से सेहत बनती है। लेकिन शायद वे नहीं जानते कि आजकल सब्जियां कैसे उगती और धुलती हैं। आपके घर के किचन में मौजूद सब्जियां आपको कैंसर जैसी घातक बीमारी दे सकती हैं। यहां जानें कैसे...
हिंडन और कृष्णा नदियों के किनारे बसे मेरठ व बागपत जिले के कई गांवों के किसान हजारों बीघा जमीन पर सब्जियां उगा रहे हैं। इसमें चिंताजनक बात यह है कि सब्जियों की सिंचाई से लेकर धुलाई तक में नदियों का रसायनयुक्त जहरीला पानी प्रयोग हो रहा है। इसके चलते यह जहरीला पानी सब्जियों की शक्ल में रसोई तक पहुंच रहा है। इससे स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। यहां से अधिकांश सब्जियां दिल्ली-एनसीआर भेजी जाती है। इस कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को जहर खाने को मिल रहा है।
ये रसायन मिले हैं नदियों के पानी में
पर्यावरण विभाग के पूर्व डायरेक्टर डॉ. चंद्रवीर सिंह ने बताया कि नदियों के पानी में आर्सेनिक, लेड, मरकरी, सल्फेट, क्रोमियम, निकिल, केडमियम आदि खतरनाक केमिकल मिले रहते हैं। यह जांच में सामने आया है, जो कैंसर जैसी कई खतरनाक बीमारियों को जन्म देते हैं।
इन गांवों में होती हैं सब्जियों की पैदावार
मेरठ जिले के हर्रा, खिवाई, पांचली, बपारसी बागपत जिले के बरनावा, दादरी, खपराना, शाहपुर बाणगंगा, रहतना, रंछाड, सूजती शामली जिले के कुडाना, बड़ौत आदि सहित इन नदियों के किनारे स्थित गांवो में किसान सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं।
कई राज्यों में सप्लाई होती हैं सब्जियां
गाजर, प्याज, मूली, शलगम, गोभी, आलू, बैंगन, टमाटर, लौकी, भिंडी, मिर्च, मेथी, तोरई आदि सब्जियों का उत्पादन किया जाता है और सब्जियों को मेरठ, नजीबाबाद, सरधना, सोनीपत, पानीपत, रुड़की, आजादपुर मंडी दिल्ली, सरधना, लोनी, साहिबाबाद, खतौली आदि जगहों की सब्जी मंडियों में भेजा जाता है।
क्या कहना है गांव के लोगों का
रहतना के प्रधान भारतवीर सिंह, बरनावा निवासी पूर्व प्रधान धनपाल सिंह, सलीम, चंद्रपाल, सलेक, राजू, मुनि, जमशेद, संजय ने बताया कि नदी के आसपास नलकूप न होने के कारण नदियों के पानी का उपयोग सिंचाई में किया जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा के प्रभारी डॉ. गजेंद्र पाल सिंह का कहना है कि नदियों के किनारे जो कारखाने लगे हैं, यह उन पर निर्भर करता है, वह कौन सा रसायन प्रयोग करते हैं। वही रसायनयुक्त पानी नदियों में आता है। सिंचाई के बाद वही पानी सब्जियों में पहुंचता है। यह सब्जियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
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