गुजरात की धरती से जीएसटी पर बोले पीएम, दिवाली से पहले आई दिवाली
गुजरात दौरे के पहले दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। बेजा विरोध की प्रवृत्ति से बचने की जरूरत है।
नई दिल्ली [ स्पेशल डेस्क ] । विकास दर में गिरावट और जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर विपक्षी दल जबरदस्त हमला कर रहे थे। लेकिन शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कुछ अहम फैसले किए गये। अपने दो दिन के गुजरात दौरे के पहले दिन पीएम नरेंद्र मोदी ने द्वारका में न केवल विरोधियों पर निशाना साधा बल्कि ये कहा कि उनकी सरकार खुले दिमाग से काम करती है। कोई भी नियम-कानून लोगों की सहुलियत के लिए बनते हैं। जीएसटी के लागू होने के दिन संसद के सेंट्रल हॉल में कहा था कि समय के साथ व्यवहारिक दिक्कतों को दूर किया जाएगा। जीएसटी के क्रियान्वयन में जो दिक्कतें आ रही थीं उसका बेहतर समाधान निकाला गया है। जीएसटी परिषद ने जो फैसला किया है उससे देश में 15 दिन पहले दिवाली आ गई।
देश के आम लोग चाहते हैं कि विकास के फल को चखने का उन्हें मौका मिले। कोई ये नहीं चाहता है कि उनका बच्चा गरीबी में पले। सरकार आम लोगों की भलाई की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार विकास के दायरे को सीमित नहीं करना चाहती है। विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस के कद्दावर नेता और सीएम माधव सिंह सोलंकी का जिक्र किया।उन्होंने कहा कि पहले के समय में टैंक के उद्घाटन की तस्वीरें अखबारों के फ्रंट पेज पर छपती थी। इस तरह की तस्वीरों और खबरों से अंदाजा लगाया जा सकते हैं कि वो दल जो विकास गाथा को सिर्फ अपनी जागीर समझते हैं वो कितनी सीमित सोच रखते हैं।
सिर्फ विरोध के लिए न हो विरोध
पीएम ने कहा कि सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध के हथियार को नहीं चलाना चाहिए। देश का मूड बदल चुका है। देश तरक्की की राह पर है और ये किसी को अधिकार नहीं है कि अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए वो देश के माहौल को खराब करे। वोट की राजनीति के लिए समाज को खांचों में नहीं बांटना चाहिए, बल्कि गलत और सही का फैसला तर्कपूर्ण हो।
जानकार की राय
Jagran.Com से खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने कहा कि जीएसटी पर पीएम का बयान नया नहीं है। उन्होंने पहले भी कहा था कि जीएसटी के क्रियान्वयन में दिक्कत को दूर किया जाएगा। ये सच है कि जीएसटी को लेकर व्यापारियों में भ्रम की स्थिति के साथ-साथ निराशा थी। लेकिन इसे दूर करने के लिए ही जीएसटी परिषद का गठन किया गया। वित्त मंत्री की अगुवाई में जो फैसले लिए उससे बाजार को स्पष्ट संदेश गया है। विरोधी दल स्वभाविक तौर पर ये आरोप लगाएंगे कि गुजरात चुनाव के मद्देनजर फैसले लिए गए हैं। लेकिन जीएसटी परिषद की बैठक पहले से तय थी, लिहाजा जनता विरोधी दलों के आरोपों को तवज्जों न दे।
जीसटी काउंसिल के बड़े फैसले
- डेढ़ करोड़ तक कारोबार वालों को भरना होगा तिमाही रिटर्न।
- कंपोजीशन स्कीम की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये हुई ।
- निर्यातकों की भी दिक्कतें दूर।
- ई-वॉलेट व्यवस्था अगले मार्च से लागू होगी ।
- 27 वस्तुओं व कई सेवाओं पर टैक्स घटाकर आम लोगों को दी गई राहत ।
-ई वे बिल अप्रैल 2018 से पूरे देश में होगा लागू ।
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