जानें भारत और अमेरिका के लिए क्यों इतना महत्वपूर्ण है आज का दिन
आइए जानते हैं भारत और अमेरिका दोनों देशों के इतिहास में 4 जुलाइ के दिन का क्या महत्व है...
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। चार जुलाइ यानि आज का दिन अमेरिका और भारत के इतिहास में खास महत्व रखता है। दोनों ही देशों के स्वतंत्रता के इतिहास में चार जुलाइ एक अहम दिन है। इस दिन के बाद दोनों देशों की तकदीर बदल गई, दोनों ही देशों ने अपना एक अलग इतिहास कायम करना शुरू कर दिया। आइए जानते हैं दोनों देशों के इतिहास में इस दिन का क्या महत्व है...
अमेरिका के लिए क्यों महत्व
अमेरिका आज दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। अमेरिका दुनियाभर में दादागिरी दिखाने से भी बाज नहीं आता। लेकिन किसी समय यह देश भी गुलाम था। जी हां 4 जुलाइ 1776 को अमेरिका आजाद हुआ था। अमेरिका को आजाद हुए 241 साल हो चुके हैं। इस बात की तस्दीक फ्रांस द्वारा अमेरिका को 1876 में तोहफे के रूप में दी गई 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से होती है। स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी पर अमेरिका की स्वतंत्रता की तिथि 4 जुलाइ 1776 अंकित है।
भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास
भारतीय स्वतंत्रता का आंदोलन कई मायनों में अदभुत था। यहां भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और सुभाष चंद्र बोस जैसे वीरों ने देश की आजादी की खातिर अपनी जान की परवाह नहीं की। मां भारती के इन सपूतों ने अंग्रेजों को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया। जबकि दूसरी तरफ महात्मा गांधी ने अहिंसा को हथियार बनाकर अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती दी। करीब 200 साल तक अंग्रेजों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ और देश के लोगों ने अपनी किस्मत खुद लिखने का निर्णय लिया। देश आजाद होने के बाद 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र लागू हुआ और पूरे देश में एक संविधान लागू हो गया।
भारत के लिए 4 जुलाइ का महत्व
भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में 15 अगस्त और 26 जनवरी का खास महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 4 जुलाइ भी इसी तरह का एक खास दिन है। बता दें कि 4 जुलाइ के ही दिन 1947 को ब्रिटिश पार्लियामेंट के सामने भारत की स्वतंत्रता से संबंधित बिल का प्रस्ताव रखा गया था। इसी बिल के तहत देश का भारत और पाकिस्तान दो मुल्कों के रूप में बंटवारा हुआ था।
तिरंगे से भी जुड़ी है 4 जुलाइ की कहानी
देश की आन-बान और शान तिरंगे से है। तिरंगा भारत का राष्ट्रध्वज है और भारतीय इसकी शान को लेकर सजग भी रहते हैं। तिरंगे में भगवा, सफेद और हरे रंगों के बीच में अशोक चक्र है। तिरंगे को 22 जुलाई 1947 को भारत के राष्ट्रध्वज के रूप में मान्यता मिली थी। इसे बनाने का श्रेय स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैय्या को जाता है। भारत को उसका राष्ट्रध्वज देने वाले पिंगली वेंकैय्या का निधन आज ही के दिन यानि 4 जुलाइ 1963 को हुआ था।
इस महन हस्ती की पुण्यतिथि
4 जुलाइ को ही स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि भी है। इसी दिन 4 जुलाइ 1902 को स्वामी विवेकानंद ने अंतिम सांस ली थी। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी दुनियाभर के करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन में भी स्वामी विवेकानंद का खासा योगदान है। खासकर उनके योग और दर्शन को लेकर विवेकानंद के अनुयायी उन्हें याद करते हैं।