सिर्फ देखें नहीं, अब आप ही तय करें कैसी देखना चाहते हैं आगे की कहानी
हम फिल्म देखते हुए या कहानी पढ़ते हुए सोचते हैं कि अगर ऐसा न होता तो कहानी कुछ और हो सकती थी। अब आगे की कहानी आप तय करेंगे कि आप क्या देखना चाहते हैं...
नई दिल्ली, [विकास पोरवाल]। आप सिनेमा हॉल में जाते हैं। अपने पसंदीदी एक्टर की एक्शन पैक मूवी देखते हैं। क्योंकि आप उस एक्टर के फैन हैं, इसलिए उसकी परफॉर्मेंस पर तालियां भी खूब बजाते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि फिल्म एक निश्चित मोड (जाहिर है क्लाइमेक्स) पर पहुंचने के बाद किस ओर जाए यह आप तय कर पाएं। ऐसा आजतक आपने किसी फिल्म में नहीं देखा न! लेखक ने जो कहानी लिख दी और डायरेक्टर जैसी कहानी आपको दिखाना चाहता है वैसी ही एंडिंग फिल्म की होती है। इसमें आपकी भूमिका सिर्फ फिल्म को सराहने या उसकी आलोचना करने भर की ही होती है।
नहीं समझे तो इसे यूं समझिए
कई बार हम फिल्म देखते हुए या कहानी पढ़ते हुए सोचते हैं कि अगर ऐसा न होता तो कहानी कुछ और हो सकती थी। जैसे कि हीरो विलेन से लड़ रहा है और उसे मार देता है...हो गई हैपी एंडिंग, लेकिन हीरो अगर विलेन से मात खा जाए तो...? आज का सिनेमा प्रयोगधर्मी है। असल में अब आप तय कर सकते हैं कि कहानी किस ओर बढ़ेगी...
क्या ऐसी कोई फिल्म बनी है...
इस प्रश्न का उत्तर देना थोड़ा कठिन है। लेकिन जल्द ही रिलीज होने वाली एक फिल्म का ट्रेलर जरूर ऐसा बना है। जब आप यूट्यूब पर जारी फिल्म के एक्शन पैक ट्रेलर को देखते हैं तो अचानक एक मोड़ पर जाकर आपसे पूछा जाता है कि आप आगे का ट्रेलर कैसा देखना चाहते हैं। इसमें आपके पास दो विकल्प हैं। आप इन दोनों में से जिस भी विकल्प को चुनते हैं, कहानी उसी के अनुसार आगे बढ़ती है। पूरा ट्रेलर करीब साढ़े तीन मिनट का है।
कौन सी फिल्म का ट्रेलर है यह...
यह ट्रेलर है आगामी 15 दिसंबर को रिलीज होने जा रही फिल्म 'मॉनसून शूटआउट' का। एक्शन से भरपूर यह ट्रेलर जैसे ही 1.10 मिनट पूरे करता है, वैसे ही आपके पास यह चुनने का विकल्प आता है कि आप आगे का ट्रेलर कैसा देखना चाहते हैं। स्क्रीन पर एक तरफ 'टू शूट' और दूसरी तरफ 'नॉट टू शूट' लिखा आता है। ऐसे में आप जिस भी विकल्प को चुनेंगे आपको आगे की कहानी उसी के अनुरूप दिखाई जाएगी। करीब साढ़े तीन मिनट के इस पूर ट्रेलर से आपके लिए नजरें हटाना मुश्किल होगा।
इस एक्टर ने निभाया है यह दमदार रोल
जाहिर है ऐसी एक्शन पैक फिल्म है तो एक्टर भी दमदार ही होना चाहिए। खासकर विलेन का किरदार किसी ऐसे एक्टर को निभाना चाहिए, जिसकी एक्टिंग के कायल उसके आलोचक भी हों। 'चांद नवाब' तो आपको याद ही होगा। जी हां हम फिल्म 'बजरंगी भाईजान' के चांद नवाब यानी नवाजुद्दीन सिद्दीकी की ही बात कर रहे हैं। ट्रेलर को देखने के बाद एक बात तो तय है कि नवाजुद्दीन ने इस फिल्म में दमदार अभिनय किया है।
ऐसी है ट्रेलर की कहानी...
दरअसल फिल्म 'मॉनसून शूटआउट' में नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक सीरियल किलर बने हैं। उनके पीछे पड़ा है एक पुलिस वाला (इसे विजय ने निभाया है जो फिल्म 'पिंक' में भी दिखे थे)। चोर-पुलिस के इस खेल में विजय और नवाज आमने-सामने होते हैं। एक गोली और किलर का काम तमाम हो सकता है, लेकिन यहीं पर आपको ट्रेलर के दो हिस्से मिलेंगे। 'टू शूट' और 'नॉट टू शूट', और यही ट्रेलर का सबसे मजेदार हिस्सा है। आप अपने अनुसार आगे का ट्रेलर देख सकते हैं। आप जो विकल्प चुनेंगे, ट्रेलर उस हिसाब से चलेगा। 3:30 मिनट का यह ट्रेलर चिल-थ्रिल है। इसमें डर है, सस्पेंस है, मर्डर है और लगातार होती बारिश इसके थ्रिल को बढ़ा रही है।
इस बुक में भी था ऐसा ही कुछ
एक अमेरिकन हॉरर बुक सीरिज थी गूजबम्प्स। इसमें बच्चों के लिए डरावनी व भूतहा कहानियां होती थीं। कहानी में एक मोड़ आते ही दो विकल्प होते थे, जहां से पढऩे वाला अपने हिसाब से आगे का प्लाट चुन सकता था। कहानियों के दोनों ही वैरिएंट रोचक होते थे। आरएल स्टाइन की लिखी इस सीरिज का हिंदी रूपांतरण भी हुआ, जो भारत में भी खूब पसंद किया गया।