ये है दुनिया का सबसे खतरनाक जीव, हर साल ले रहा 7 लाख लोगों की जान
अगर आपसे दुनिया के सबसे खूंखार और खतरनाक जानवरों के बारे में पूछा जाए तो आपका जवाब क्या होगा?
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। अगर आपसे दुनिया के सबसे खूंखार और खतरनाक जीवों के बारे में पूछा जाए तो आपका जवाब क्या होगा?
अगर आपने डिस्कवरी और नेशनल ज्योग्राफिक चैनल पर शार्क को शिकार करते हुए देखा है या आपका व्यक्तिगत अनुभव है और आपने शार्क के जबड़े देखें हैं तो हो सकता है आप शार्क को धरती पर मौजूद सबसे खतरनाक प्राणी मानते हों...
कुछ लोगों को मगरमच्छ दुनिया का सबसे खतरनाक जानवर नजर आता है... हो भी क्यों न मगरमच्छों की बाइट 3700 पाउंड पर स्क्वॉयर इंच तक होती है। मगरमच्छ कितना खतरनाक होता है उसको आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि अन्य शिकारी जैसे हायना, शेर और बाघ की बाइट सिर्फ 1,000 पाउंड पर स्क्वॉयर इंच के आसपास होती है। लेकिन मगरमच्छ भी जान लेने के मामले में सबसे खतरनाक प्राणी नहीं है।
बाघ, शेर, सांप, गैंडा, हाथी, जंगली कुत्ता और न जाने किन-किन जानवरों की तस्वीर इस वक्त आपकी आंखों से गुजर रही होगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि न खूंखार जबड़े वाले जानवर न जहरीले डंक वाले सरीसृप, कोई भी हमारे पहले सवाल का जवाब नहीं है।
यहां खतरनाक से हमारा अभिप्राय उन जानवरों से है जिनकी वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों की जान जाती है। अब शायद आप शार्क को उतना खतरनाक नहीं मानेंगे। क्योंकि शार्क के हाथों जान गंवाने वाले लोगों की संख्या सालभर में 10 के आसपास होती है। इन जानवरों से ज्यादा इंसानों की हत्या तो इंसान ही हर साल कर देते हैं। इस लिहाज से इंसान इनसे ज्यादा खतरनाक हैं। लेकिन बता दें कि हमारे सवाल का जवाब इंसान भी नहीं है।
सिर्फ 10 जानें लेती हैं शार्क हर साल
शार्क के हमले में प्रति वर्ष करीब 10 लोगों की जान जाती है, भेड़िये भी हर साल करीब 10 लोगों की जान ले लेते हैं। शेर और हाथी भी 100-100 लोगों की मौत का कारण बनते हैं। जबकि दरियाईघोड़े हर साल 500 और मगरमच्छ 1000 लोगों की जान ले लेते हैं। टेपवर्म (फीता कृमि) 2000 और राउंडवॉर्म 2500 लोगों को हर साल मौत के घाट उतार देते हैं।
5 लाख जानें तो इंसान ले लेते हैं
कुत्तों के काटने से भी करीब 25 हजार लोग हर साल रैबीज का शिकार हो जाते हैं और अंतत: उनकी मौत हो जाती है। सांप भी दुनियाभर में 50 हजार लोगों की जान ले लेते हैं। ऊपर दिए गए जानवरों और कीड़े मिलकर भी जितने लोगों को नहीं मारते उससे ज्यादा तो इंसान खुद एक-दूसरे को मार देते हैं। हर साल 4 लाख 75 हजार से ज्यादा लोगों को इंसान ही मार देते हैं। लेकिन बता दें कि करीब 5 लाख लोगों को मारने वाला इंसान भी खुद का उतना बड़ा दुश्मन नहीं है, जितना बड़ा एक छोटा सा दिखने वाला और उड़ने वाला जीव है।
तो फिर कौन सा जीव है वो...?
शायद अब आपको समझ आने लगा होगा कि हम किसकी बात कर रहे हैं। यह वह प्राणी है, जिसका प्रकोप भारत में सदियों से रहा है और आज भी यह तरह-तरह की बिमारियां फैलाकर भारत के स्वास्थ्य बजट को बिगाड़ रहा है। यह एक ऐसी बीमारी भी फैलाता है, जिसके कारण भारत की प्रमुख कार निर्माता कंपनी टाटा को अपनी एक नई कार का नाम तक बदलना पड़ गया था। जी हां, टाटा करीब दो साल पहले 'जीका' नाम से एक कार बाजार में उतारने जा रही थी, लेकिन इसी नाम के वायरस के प्रकोप के कारण कार का नाम बदलकर टियागो रखना पड़ा।
जी हां! आप सही समझे। हम बात मच्छरों की ही कर रहे हैं। मच्छरों के कारण दुनियाभर में हर साल लगभग सवा सात लाख लोगों की जान जाती है।
क्यों इतने खतरनाक हैं मच्छर
मच्छर एक छोटा सा जीव है, लेकिन इंसानी जान लेने वाला सबसे खतरनाक जानवर भी यही है। दरअसल, मच्छर बेहद खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं। इनमें मलेरिया भी है। मलेकिया के कारण दुनियाभर में हर साल 6 लाख लोगों की जान चली जाती है। यही नहीं 20 करोड़ लोग कई दिनों तक कामकाज से दूर हो जाते हैं। इसके अलावा दुनिया की आधी आबादी मच्छर जनित रोगों के कारण होने वाले करोड़ों डॉलर के नुकसान के डर में रहती है। मच्छरों के कारण पीला बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफ्लाइटिस जैसी अन्य कई बीमारियां भी होती हैं और जानलेवा साबित होती हैं।
यहां नहीं एक भी मच्छर
दुनियाभर में मच्छरों की 2500 से ज्यादा प्रजातियां हैं। यही नहीं, चाहे गरीब देश हों या अमीर, मच्छर हर जगह पाए जाते हैं। लेकिन दुनिया का एक कोना ऐसा है, जहां मच्छर अभी तक नहीं हैं। दुनिया का वह कोना कोई और नहीं बल्कि अंटार्कटिका है। वैसे बता दें कि जब मच्छरों के ब्रीडिंग का वक्त होता है, उस समय इनकी संख्या दीमक और चींटीं को छोड़कर धरती पर किसी भी अन्य जीव से ज्यादा हो जाती है। पनामा नहर के निर्माण के दौरान भी मच्छरों ने हजारों लोगों की जान ले ली थी।
बिल गेट्स के ब्लॉग पर मच्छर
दुनिया के सबसे अमीर शख्स और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने अपने ब्लॉग gatesnotes पर इस बारे में एक लेख लिखा है। बता दें कि बिल गेट्स अब परोपकार के कामों में लगे हुए हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा दान में दे दिया है।