कुछ इस तरह पाकिस्तान ने कश्मीर में फैला रखी है दहशत, पेश हैं आंकड़े
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सीजफायर का उल्लंघन उसकी फितरत बन चुकी है। आइए जानते हैं कश्मीर में हुए आतंकी हमलों के बारे में।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। घाटी में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है। यहां लगातार अशांति का माहौल बने होने से देश में गुस्सा है। रविवार को पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया तो उसमें कैप्टन कपिल कुंडू समेत सेना के 4 जवान शहीद हो गए। इसके बाद मंगलवार को आतंकियों ने अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए एक अस्पताल पर हमला कर दिया जिसमें पुलिस का एक जवान शहीद हो गया और आतंकवादी अपने साथी को छुड़ाने में सफल हो गए।
साल 2015 में पुलिस ने लश्कर के आतंकी नावेद उर्फ अबु हंजुला को हिरासत में लिया था। आतंकवाद का दंश भारत लगातार झेलता आ रहा है। समय-समय पर भारत आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब भी दिया है। लंबे समय से आतंक की मार झेल रहे जम्मू-कश्मीर में फिदायीन हमलों की सूची बहुत लंबी है। इन हमलों को ज्यादातर आतंकियों ने के निशाने पर सेना के जवान ही रहे लेकिन उन्होंने आम नागरिकों को भी नहीं बख्शा है। यहां हम जानेंगे कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने सेना और सीआरपीएफ पर कब बड़े हमले किए।
जम्मू-कश्मीर में मुख्य आतंकी हमले
- साल 2001 में श्रीनगर में स्थित विधानसभा पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें 11 जवान शहीद हो गए थे जबकि 24 आम नागरिकों की मौत हो गई थी। हमला करने आए आतंकियों को सेना ने ढेर कर दिया था।
- साल 2002 में कालू चक के सैन्य क्षेत्र में आतंकियों ने बड़ा हमला कर दिया था जिसमें 36 जवान शहीद हुए थे और 48 जख्मी हुए थे।
- साल 2003 में आतंकियों ने जम्मू के सुजआं इलाके में सेना की डोगरा रेजिमेंट पर हमला कर दिया था। इस हमले में 12 जवान शहीद हुए थे और दो आतंकी मारे गए थे।
- साल 2004 काजीगुंड के पास लोअर मुंडा क्षेत्र में आईईडी विस्फोट में 19 बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले में 6 महिलाओं और पांच बच्चों की भी मौत हुई थी।
- साल 2005 में श्रीनगर की रेजीडेंसी रोड स्थित जेएंडके बैंक हेड क्वार्टर के सामने कार बम हमले में चार नागरिक मारे गए, जबकि विधायक व पूर्व मंत्री उस्मान मजीद सहित 72 लोग जख्मी हो गए थे।
- साल 2006 में दशनमी अखाड़ा इमारत में हुए हमले में आतंकी हमले में एक की मौत हुई, जबकि तीन अन्य जख्मी हो गए थे।
- साल 2007 में बारामूला की शीरी में लश्कर फिदायीन ने सेना कान्वाई पर हमला किया। दोनों आतंकी ढेर। सेना के छह जवान शहीद। 15 जख्मी।
- साल 2008 में जम्मू के बाहरी इलाके काना चक सेक्टर में तीन फिदायीन आतंकियों ने हमला किया। तीन सेना के जवान शहीद हुए। पांच नागरिकों की भी घटना में मौत।
- साल 2009 में पुंछ के मंडी सेक्टर में सैन्य कैंप में फिदायीन हमले में तीन आतंकी ढेर।
- साल 2010 में लश्कर आतंकियों ने लाल चौक पर सीआरपीएफ कैंप पर फिदायीन हमला किया। दोनों आतंकियों को मार गिराया। एक नागरिक और पुलिसकर्मी की मौत। 12 जख्मी।
- साल 2013 का सबसे भयावह हमला था। इसमें पाक रेंजर आतंकी भारतीय सीमा में आए और पुंछ सेक्टर में 13 राजपूताना राइफल्स के लांस नायक हेमराज और सुधाकर सिंह की हत्या कर उनके सिर काटकर ले गए।
- साल 2014 में बारामुला के उरी सेक्टर में मोहरा में सेना के 31 फील्ड रेजिमेंट पर हमला हुआ जिसमें एक ले. कर्नल और 7 जवान शहीद हुए। इसके अलावा जम्मू कश्मीर का एक एएसआई और 2कांस्टेबल भी शहीद हुए।
- साल 2015 में आतंकियों ने कठुआ जिले के एक पुलिस थाने पर हमला कर दिया था जिसमें साल लोगों की जान चली गई थी और 12 लोग घायल हो गए थे।
- साल 2016 में कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर हमला हुआ था जिसमें 18 जवान शहीद हुए थे और 4 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। इसी हमले के बाद भारतीय सेना ने एलओसी में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
- साल 2017 आतंकियों ने अमरनाथ श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक बस पर दक्षिणी कश्मीर के श्रीनगर जम्मू नेशनल हाइवे पर धावा बोल दिया। 56 श्रद्धालुओं को लेकर जा रही इस बस पर हुए आतंकी हमले में पांच महिला समेत सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 15 घायल हुए।
कहा जा रहा है कि पाकिस्तान भारत के अंदर घुसपैठ को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है इसलिए वो लगातार सीमा पर गोलीबारी कर रहा है। इसके साथ ही ऑपरेशन ऑल आउट के दौरान जो भी आतंकी मारे गए उसका बदला लेने के लिए पाकिस्तान लगातार सीमा पर गोलाबारी कर रहा है।
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