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कानपुर देहात से रायसीना हिल तक, जानें- रामनाथ कोविंद का पूरा सफर

एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद देश के चौदहवें राष्ट्रपति होंगे। उनके पक्ष में 40 दलों ने अपना समर्थन दिया।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Thu, 20 Jul 2017 03:26 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jul 2017 06:44 PM (IST)
कानपुर देहात से रायसीना हिल तक, जानें- रामनाथ कोविंद का पूरा सफर
कानपुर देहात से रायसीना हिल तक, जानें- रामनाथ कोविंद का पूरा सफर

नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से उतारे गए एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद विपक्षी उम्मीदवार और पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार पर भारी पड़े। कोविंद के पक्ष में 7,02,044 वोट पड़े जबकि 17 दलों से समर्थन से मैदान में उतरीं मीरा के समर्थन में 3,67,314 वोट पड़े। कोविंद उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात से संबंध रखते हैं। इससे पहले साल 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने विपक्षी पीए संगमा को हराकर 69 फीसद मत हासिल किए थे।

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दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद देश के चौदहवें और के.आर. नारायणन के बाद दूसरे दलित राष्ट्रपति बनेंगे। दो बार राज्यसभा सदस्य रहे रामनाथ कोविंद को करीब चालीस दलों ने अपना समर्थन किया था, जिनमें एनडीए के सहयोगी दलों के अलावा जेडीयू, बीजेडी, टीआरएस, एआईएडीएमके का विरोधी धड़ा और वाईएसआर कांग्रेस शामिल थे। सबसे खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश ने मोदी समेत अब तक देश को 9 प्रधानमंत्री दिए और राष्ट्रपति के रूप में यूपी से ताल्लुक रखने वाले रामनाथ कोविंद पहले राष्ट्रपति होंगे।

राष्ट्रपति से पहले यूपी ने देश को दिए 9 पीएम
मोदी वाराणसी संसदीय क्षेत्र से चुनकर देश की कमान संभाल रहे हैं। इससे पहले जिन प्रधानमंत्रियों को उत्तर प्रदेश से भेजा गया वह हैं- जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह, चंद्रशेखर और अटल बिहारी वाजपेयी हैं।

कौन हैं रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। कोविंद का सम्बन्ध कोरी या कोली जाति से है जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वकालत की उपाधि लेने के बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। 1977 से लेकर 1979 तक दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रहे। 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल के पद पर उनकी नियुक्ति हुई। रामनाथ कोविंद 1991 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।

12 साल तक राज्यसभा सदस्य रहे कोविंद

1994 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। वर्ष 2000 में पुनः उत्तरप्रदेश राज्य से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। कोविंद लगातार 12 वर्ष तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे। भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष भी रहे। 1986 में वो  दलित वर्ग के कानूनी सहायता ब्यूरो के महामंत्री भी रहे। रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाये जाने के बाद पीएम ने कहा कि वो देश के लिए असाधारण राष्ट्रपति होंगे।

अब तक कौन-कौन बने देश के राष्ट्रपति
भारत का राष्ट्रपति न सिर्फ देश का मुखिया होता है बल्कि प्रथम नागरिक भी होता है। राष्ट्रपति के पास सशस्त्र सेना की सर्वोच्च कमान भी होती है। अब आईये आपको बताते हैं कि स्वतंत्रा प्राप्ति के बाद अब तक देश में कितने राष्ट्रपति बने हैं
1- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ( 26 जनवरी 1950 से 12 मई 1962), 12 वर्ष सबसे लंबा कार्यकाल
2- ड़ॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( 13 मई 1962 से 13 मई 1967)
3- जाकिर हुसैन (13 मई 1967 से 3 मई 1969)
3- वराहगिरि वेंकटगिरि ( 3 मई 1969 से 20 जुलाई 1969)
3- मुहम्मद हिदायतुल्लाह ( 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969)
4- वराहगिरि वेंकटगिरि ( 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974)
5- फ़खरुद्दीन अली अहमद ( 24 अगस्त 1974 से 11 फरवरी 1977)
5- बासप्पा दानप्पा जत्ती ( 11 फरवरी 1977 से 25 जुलाई 1977)
6- नीलम संजीव रेड्डी (25 जुलाई 1977 से 25 जुलाई 1982)
7-ज्ञानी जैल सिंह (25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987)
8- रामास्वामी वेंकटरमण (25 जुलाई 1987 से 25 जुलाई 1992)
9- शंकर दयाल शर्मा ( 25 जुलाई 1992 से 25 जुलाई 1997)
10- के. आर. नारायणन ( 25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002)
11- ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ( 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007)
12- प्रतिभा पाटिल ( 25 जुलाई 2007 से 25 जुलाई 2012)
13- प्रणब मुखर्जी  ( 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017)


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