एक्शन में भारतीय फौज,एलओसी पार कर की जबरदस्त कार्रवाई
पाकिस्तान अपने आपको आतंकवाद से पीड़ित देश बताता है। ये बात अलग है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातों पर वो दोहरा रुख अपनाता है।
नई दिल्ली [ स्पेशल डेस्क ]। पाकिस्तान एक तरफ भारत के साथ रिश्ते सुधारने पर बल देता है। लेकिन दूसरी तरफ वो घुसपैठियों को भारतीय सीमा में भेजता रहता है। पाकिस्तान एक तरफ नियंत्रण रेखा पर शांति की अपील करता है तो दूसरी तरफ पाक रेंजर्स और पाक सेना के जवान आतंकियों के लिए ढाल का काम करते हैं। सेना दिवस के मौके पर जिस वक्त सेना प्रमुख बिपिन रावत सैनिकों के सामने भारतीय सेना के शौर्य, साहस और चुनौतियों का जिक्र कर रहे थे उस वक्त जम्मू-कश्मीर के कोटली सेक्टर में भारतीय जवान पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। दोबारा उड़ी जैसे हमले को भी फौज ने नाकाम कर दिया, सेना की कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी मारे गये।
एक्शन में भारतीय फौज
सोमवार की सुबह दस बजे के करीब पाक सेना ने पुंछ के मेंढर सेक्टर में एकाएक भारतीय सैन्य चौकियों को निशाना बनाने के साथ साथ रिहायशी क्षेत्रों को भी निशाना बनाकर गोलाबारी को शुरू कर दिया। भारतीय सेना की तरफ से जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। लेकिन पाक सेना ने गोलाबारी को बंद करने के बजाए और तेज कर दिया। इसके बाद भारतीय सेना के जांबाज जवानों ने मेंढर के साथ जंदोरोट सेक्टर में दाखिल होकर पाक सेना के अग्रिम चौकी व चौकी पर फोन लाइन बिछा रहे पाक सेना के जवानों पर हमला कर दिया और भारतीय सेना के जवान सुरक्षित वापस अपने क्षेत्र में लौट आए। सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना की इस जवाबी कार्रवाई में पाक सेना के छह से सात जवान मारे गए है जिनमें एक मेजर रेंक का अधिकारी भी शामिल है। इसके बाद सीमा पार से पाक सेना द्वारा भारी गोलाबारी को किया जा रहा है। भारतीय सेना द्वारा पाक सेना को मुंह तोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस घटना के बाद से ही सेना के उच्च अधिकारी सीमा पर मौजूद रहकर हालात पर अपनी नजर रखे हुए है।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने रविवार को कश्मीर में शांति के लिए राजनीतिक पहल और सैन्य अभियानों को साथ-साथ चलाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाना जरूरी है। सीमा पर काम करने के लिए सेना की योजना हमेशा एक जैसी नहीं रह सकती, इसलिए हालात से निपटने के लिए नई रणनीतियां बनानी पड़ेंगी।
तालमेल से काम करना होगा
सेनाध्यक्ष ने कहा कि राजनैतिक पहल और सैन्य अभियानों को अब साथ चलना होगा। तालमेल के साथ काम करने से ही कश्मीर में शांति स्थापित की जा सकती है। सेना हमेशा एक जैसी स्थिति में नहीं रह सकती है। अलग-अलग हालात से निपटने के लिए हमेशा अपनी योजनाओं और रणनीतियों में बदलाव करते रहना होगा।आर्मी चीफ ने कहा कि कश्मीर में कुछ युवा अभी भी आतंकी बन रहे हैं। लेकिन सेना की पूरी कोशिश है कि आतंकी संगठनों पर दबाव बना रहे, ताकि युवाओं को आतंकी बनने से रोका जा सके।
जानकार की राय
दैनिक जागरण से खास बातचीत में रक्षा मामलों के जानकार पी के सहगल ने बताया कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय फौज की कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला गया है। अपनी घोषित नीति के तहत पाकिस्तान घुसपैठियों को कश्मीर में घुसपैठ कराने की कोशिश में जुटा है। लेकिन जिस तरह से सेना प्रमुख ने सेना दिवस से पहले और सेना दिवस के मौके पर पाकिस्तान को चेताया है वो भारतीय फौज के हौसले को बयां करने के लिए पर्याप्त है। पाकिस्तान लगातार इस तरह की कार्रवाई करता रहेगा ऐसे में भारतीय फौज को और सजग रहना होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम को और धारदार बनाना होगा।
कश्मीर में अब बेहतर हैं हालात
सेना प्रमुख ने बताया कि कश्मीर में स्थितियां काफी हद तक ठीक हुई हैं। कश्मीर में जमीन पर बड़ा अंतर देख रहा हैं। हालांकि ये समय अति आत्मविश्वास में रहकर सोचने का नहीं है कि हालात पूरी तरह से नियंत्रण में है।
उत्तरी कश्मीर सेना ध्यान करेगी केंद्रित
आर्मी ने ऑपरेशन ऑल-आउट के तहत कश्मीर में सैकड़ों आतंकियों को मार गिराया है। इससे आतंकी घटनाओं में भी काफी कमी आई है। जनरल रावत ने कहा कि नए साल में उनका फोकस साउथ कश्मीर से हटकर उत्तरी कश्मीर पर रहेगा।
2018 में अब तक 6 जवान हुए शहीद
पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर वॉयलेशन में आर्मी के 6 अफसर और जवान मारे गए हैं। इनमें से 3 जनवरी को बीएसएफ कॉन्स्टेबल आरपी हाजरा शहीद हुए और इसी दिन उनका जन्मदिन था।
सीमापार घुसपैठ में 4 गुना इजाफा
भारतीय सेना को 2017 में घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। सेना के प्रवक्ता अमन आनंद ने कहा कि भारतीय फौज इससे असरदार तरीके से निपट रही है। 2017 में पाकिस्तानी सेना ने 860 बार सीजफायर का उल्लंघन किया जबकि 2016 में 221 बार सीजफायर उल्लंघन हुआ था।
2017 में कुल 210 आतंकी मारे गए
सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में कुल 210 आतंकियों को मार गिराया। इनमें से 72 एलओसी और 148 कश्मीर के अंदरुनी इलाकों में मारे गए।
2017 में भारत के 61 जवान हुए थे शहीद
2017 में एयरफोर्स के 3 गरुड़ कमांडो समेत भारतीय सेना के कुल 61 जवान शहीद हुए थे। इनमें से 30 ने आतंकियों से लड़ते हुए शहादत हासिल की। 14 जवान पाकिस्तान के सीजफायर वॉयलेशन और 17 को आतंकी घुसपैठ को नाकाम करते वक्त जान गंवानी पड़ी थी।
कश्मीर से पकड़े गए 91 आतंकी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने पिछले दिनों लोकसभा में बताया कि 2017 में 14 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर में कुल 337 आतंकी घटनाएं हुईं। इनमें कुल 318 लोगों की मौत हुई। इस दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना के कुल 75 जवान शहीद हुए थे जबकि आतंकी हमले के दौरान 40 आम नागरिकों की भी जान गई। 91 आतंकियों को घाटी से पकड़ने में कामयाबी मिली थी।
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