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जानें,छत्तीसगढ़ के चुनाव में पीएम मोदी ही क्यों होंगे चेहरा

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के रणनीतिकार पुख्ता तैयारियों में जुट चुके हैं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Mon, 08 Jan 2018 04:20 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jan 2018 07:00 PM (IST)
जानें,छत्तीसगढ़ के चुनाव में पीएम मोदी ही क्यों होंगे चेहरा
जानें,छत्तीसगढ़ के चुनाव में पीएम मोदी ही क्यों होंगे चेहरा

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] । चाउर वाले बाबा, धान वाले बाबा या चावल वाले बाबा ये सब कुछ छत्तीसगढ़ के सीएम डॉ. रमन सिंह के उपनाम  है। चावल के कटोरे के नाम से मशहूर छत्तीसगढ़ में लोग सामान्य तौर पर कहते हैं कि रमन सिंह ने जितना संभव हो पाता है वो जरूरतमंद लोगों के लिए करते हैं। इस साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा के चुनाव होने हैं, भाजपा अपने विजय रथ को बिना किसी बाधा के दौड़ाने की तैयारी में जुट चुकी है। भाजपा संगठन राज्य स्तरीय नेताओं को पुचकार और डांट के साथ नसीहते भी दे रहा है। भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है 15 वर्षों की सत्ता विरोधी लहर की काट के लिए बहुत ही पुख्ता तौर पर विश्वसनीय रणनीति पर काम करना होगा। लेकिन इन सबके बीच सवाल ये है कि क्या पार्टी को लगता है कि रमन सिंह उतने कारगर नहीं होंगे लिहाजा पीएम मोदी के चेहरे पर भी भरोसा कर चुनावी मैदान में उतरा जाए।

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पीएम मोदी के चेहरे पर भरोसा

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल की रविवार को दस घंटे चली मैराथन बैठक में पार्टी नेताओं को दो नारा दिया गया और इस नारे को आधार बनाकर चुनाव मैदान में उतरने का निर्देश दिया गया। रामलाल ने दो नारे, ‘अपनी सरकार अच्छी सरकार’, ‘गरीबों का कल्याण-मोदी सरकार की पहचान’ दिए। पांचों बैठकों में उन्होंने पदाधिकारियों, सांसदों और मंत्रियों को बताया कि किस तरह देश-विदेश में मोदी सरकार के आने के बाद भारत का मान बढ़ा। उन्होंने डोकलाम से लेकर पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया।

रामलाल ने पदाधिकारियों से कहा कि अपने चुनावी कैंपेन में यह बताना है कि मोदी के आने से देश का सम्मान बढ़ा है। आम आदमी सुरक्षित हुआ है। हर घर का सपना पूरा हुआ और देश स्वच्छता की ओर बढ़ा है। विधानसभा चुनाव में मोदी सरकार की उपलब्धियों को लेकर ही मुख्य कैंपेन किया जाएगा। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को अंत्योदय के सिद्घांत के अनुसार पालन करने का निर्देश दिया।

निशाने पर रहे राहुल और कांग्रेस

बैठक में रामलाल के निशाने पर कांग्रेस और राहुल गांधी रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं, वंशवाद है। सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, लेकिन भाजपा में किसी को पता नहीं है कि अमित शाह के बाद कौन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा।

जानकार की राय

दैनिक जागरण से खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने कहा कि राजनीति में उस शख्स पर ही दांव लगाया जाता है जिसकी लोकप्रियता बरकरार हो। अगर आप पीएम नरेंद्र मोदी की बात करें तो ये बात साफ है कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष आज की तारीख में उतना लोकप्रिय नेता और कोई दूसरा नहीं है। जहां तक छत्तीसगढ़ की बात है तो ये बात साफ है कि भाजपा एक बार फिर चुनाव जीतकर इतिहास रचना चाहेगी, वहीं कांग्रेस किसी भी तरह सत्ता पर काबिज होने की कोशिश करेगी ताकि उनमें जान आ सके। हाल ही में संपन्न गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कड़ी टक्कर के बाद भी पीएम मोदी का करिश्मा काम आया और भाजपा अपने विजय रथ को आगे बढ़ाने में कामयाब हो सकी। भाजपा के रणनीतिकारों को लगता है कि कठिन हालात में भी पीएम मोदी हवा के रुख को अपनी तरफ मोड़ने में कामयाब रहते हैं, लिहाजा उन्हें छत्तीसगढ़ में प्रमुख चेहरे के तौर पर उतारना चाहिए। 

2013 और 2008 में भाजपा का प्रदर्शन

2013 में छत्तीसगढ़ में भाजपा को 53.4 लाख वोट मिले, जो कुल वैध मतों का 41.4 प्रतिशत था। कांग्रेस को 40.29 प्रतिशत यानि 52.44 लाख वोट मिले। यानी दोनों पार्टियों के बीच का अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा।साल 2008 के चुनावी आंकड़ों को देखें तो भाजपा उस समय 43.33 लाख वोट पाकर 40.33 प्रतिशत पर थी और कांग्रेस को जनता ने 41.50 लाख वोट यानी 38.63 प्रतिशत के आंकड़े पर रोक दिया था।


भाजपा को 2008 के 50 सीटों की जगह एक सीट कम यानि 49 सीट मिली। जबकि कांग्रेस एक सीट पर बढ़त बनाते हुए 38 से 39 सीट पर जा पहुंची। 2008 में बस्तर की 12 में 11 सीटें पिछली बार भाजपा के पास थी। 2013 में इनमें से आठ सीटें कांग्रेस को मिली।

रमन सिंह की सरकार में 2007 से राज्य में अंत्योदय और गरीब परिवारों को हर महीने एक और दो रुपए किलो के हिसाब से 35 किलो चावल मिलता है। इसके अलावा गरीबी रेखा से ऊपर लोगों को भी राज्य सरकार सस्ते में राशन उपलब्ध करा रही है और इस सब पर एक हजार करोड़ का खर्च आ रहा है। छत्तीसगढ़ के सीएम कहते हैं कि राज्य में 3 लाख परिवार बीपीएल हैं और हम दोगुने परिवार को चावल दे रहे हैं। यानि जो लोग गरीबी रेखा के ऊपर हैं उन्हें भी चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। वो बताते हैं कि चावल, बीपीएल या एपीएल को ही नहीं मिल रहा है बल्कि सभी गरीबों को चावल दिया जा रहा है।  
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