माननीयों पर लाखों का बिजली बिल बकाया, आपका हजार में कट जाता है कनेक्शन
आप अगर एक महीने भी बिजली का बिल नहीं भरते हैं तो परेशानी हो जाती है। 1000 रुपये से ज्यादा बकाया होने पर आपका कनेक्शन काटने को विभाग के लोग पहुंच जाते हैं, लेकिन माननीयों का क्या?
रायपुर, [मृगेंद्र पांडेय]। छत्तीसगढ़ में भले ही सरप्लस बिजली के बीच आम उपभोक्ता हर महीने बिल जमा करते हों लेकिन, मंत्रियों और अफसरों के मामले में ऐसा नहीं है। प्रदेश के मंत्रियों के सरकारी बंगलों का बिजली बिल हर महीने जमा नहीं किया जा रहा। हाल यह है कि नौ मंत्रियों के सरकारी बंगले में सिर्फ तीन महीने में 14 करोड़ से ज्यादा की बिजली जला दी गई। यही नहीं, इसका भुगतान भी नहीं किया गया है। अब छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने उन मंत्रियों और अधिकारियों की एक सूची तैयार की है, जिनका बिल लाखों में है और जमा नहीं किया जा रहा।
जागरण नेटवर्क को मिले दस्तावेजों के अनुसार, रायपुर रेंज में 59 लोगों की सूची तैयार की गई है। इसमें मंत्री, निगम-मंडल के अध्यक्ष, आला अधिकारी और पीडब्ल्यूडी के कई इंजीनियरों के नाम हैं। अब इन नेताओं और अफसरों को तत्काल बिजली बिल जमा करने का रिमांइडर नोटिस जारी किया गया है। बिजली विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो सभी मंत्रियों के बंगले का बिल पीडब्ल्यूडी जमा कराता है, ऐसे में इनकी बिजली काटी नहीं जा सकती।
अधिकांश मंत्रियों का जुलाई में जमा हुआ बिल
मंत्री रामसेवक पैकरा, अमर अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पांडेय, केदार कश्यप, राजेश मूणत और मंत्री अजय चंद्राकर के बंगले का आखिरी बिल 22 जुलाई को जमा किया गया है। इसके साथ ही मंत्री रमशीला साहू का 28 अगस्त, महेश गागड़ा का 23 अगस्त को आखिरी बिल जमा किया गया है।
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केदार और अजय के नाम दो बंगलों का बिल
मंत्री केदार कश्यप और अजय चंद्राकर के नाम पर दो बंगलों का बिजली बिल आया है। केदार के एक बंगले का बिल एक लाख 56 हजार, नौ रुपये और दूसरे बंगले का बिल एक लाख 71 हजार 702 रुपये है। वहीं अजय चंद्राकर के नाम पर एक बिल एक लाख 81 हजार 655 और दूसरा दो लाख 15 हजार 776 रुपये का है। दोनों मंत्रियों पर लगभग तीन-तीन लाख रुपये बकाया हैं।
आम उपभोक्ता का कट जाता है कनेक्शन
प्रदेश में आम घरेलू उपभोक्ताओं का अगर हजार रुपये भी बकाया होता है, तो बिजली विभाग उनके कनेक्शन को काटने की कार्रवाई करता है। बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पैसा जमा नहीं करने पर काटने की कार्रवाई का जिम्मा प्राइवेट कंपनियों को दिया गया है। दो से तीन महीने का बिल जमा नहीं होता है, तो कनेक्शन काट दिया जाता है।
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रायपुर रेंज सीएसपीडीसीएल के चीफ इंजीनियर आरके अवस्थी इस बारे में कहते हैं, मंत्रियों और अधिकारियों के बंगले के बिजली बिल पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से जमा किया जाता है। मंत्रियों के बिजली बिल में किसी प्रकार की सब्सिडी नहीं दी जाती है। बिल समय पर नहीं आता है, तो पीडब्ल्यूडी से रिक्वेस्ट की जाती है। अभी तक किसी मंत्री के बंगले का कनेक्शन नहीं काटा गया है।
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