भारत को जापान का तोहफा, बुलेट की रफ्तार से सिमट जाएंगी दूरियां
पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो एबी ने अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन की नींव रखी।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। भारतीय रेलवे के इतिहास में 14 सितंबर का दिन स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया। अहमदाबाद में पीएम नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो एबी ने बुलेट ट्रेन की नींव रखी। इस ऐतिहासिक मौके पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि रफ्तार और तकनीक ही विकास का मानक है। ये सौभाग्य की बात है कि भारत ने उस दिशा में शुरुआत की है। पीएम ने कहा कि बुलेट ट्रेन जापान की तरफ से भारत को बहुत बड़ी सौगात है। लेकिन इसे सिर्फ आर्थिक नजरिये से नहीं देखना चाहिए, बल्कि यह दोनों देशों की मित्रता की भी पहचान है। पीएम ने कहा कि हर एक नए काम को अक्सर कहा जाता है कि वो अमीरों के हित में है, लेकिन हकीकत ये है कि तकनीक का सबसे बेहतर इस्तेमाल सामान्य जन की तरक्की में किया जा सकता है। पिछले 100 सालों में तकनीक के इस्तेमाल में हम जितना आगे नहीं बढ़े, उससे कहीं अधिक पिछले 25 साल में आगे बढ़े हैं।
बुलेट ट्रेन की नींव रखे जाने पर जापान के पीएम शिंजो एबी ने कहा कि ये दो देशों के और करीब आने का उदाहरण है। जापान के लिए भारत का मतलब सिर्फ आर्थिक रिश्तों को आगे बढ़ाना नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच साझी सोच को और मजबूत करना है। प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के दूसरे तटवर्ती देशों को पूर्वाग्रही सोच से निकलकर एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए आगे आना चाहिए। जापान सदैव भारत के विकास के लिए कृत संकल्प रहा है और आगे भी दोस्ती के रिश्ते को आगे बढ़ाता रहेगा। बुलेट ट्रेन के जरिए टोक्यो और दिल्ली एक-दूसरे के और करीब आने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं। लेकिन ये जानना आपके लिए जरूरी है कि बुलेट ट्रेन की खासियत क्या है।
बुलेट ट्रेन रूट की खासियत
- महाराष्ट्र में 156 किमी
- गुजरात में 351 किमी
- दादरा और नगर हवेली में 2 किमी
- 15 अगस्त 2022 को 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की पहली बुलेट ट्रेन चलाने की योजना
- जापानी शिंकनशेन हाई स्पीड रेल तैयार होगी।
- 350 किमी प्रति घंटा अधिकतम ऑपरेशनल रफ्तार 320 किमी प्रति घंटा
- बुलेट ट्रेन को पटरी पर लाने के लिए 108000 करोड़ लागत आएगी।
- 509 किमी लंबाई, अहमदाबाद से मुंबई के बीच की दूरी 2 घंटे में तय की जा सकेगी। वर्तमान में इतनी दूरी को तय करने के लिए 6-7 घंटे लगते हैं।
- 509 किमी लंबे कॉरिडोर का अधिकांश हिस्सा एलीवेटेड होगा, जिससे जमीन अधिग्रहण की कोई समस्या नहीं होगी।
जानकार की राय
Jagran.Com से खास बातचीत में वरिष्ठ पत्रकार आर राजगोपालन ने कहा कि आलोचना अपनी जगह है लेकिन ये देश के लिए गौरवमयी क्षण है। आप कुछ कमजोरियों एवं खामियों की वजह से तकनीक को नकार नहीं कर सकते हैं। आज के समय में यातायात में तेजी का होना देश के आर्थिक विकास के लिए जरूरी है।
@JagranNews pic.twitter.com/sJiUfqqFNl— Rajesh Mishra (@rajeshemmc) September 14, 2017
- भारत में पहली बार समुद्र के नीचे सुरंग।
- थाणे और विरार के बीच एक पतली समुद्री संरचना है। लिहाजा यहां बुलेट ट्रेन समुद्र के नीचे बनी सुरंग से गुजरेगी। समुद्र के नीचे सुरंग भारत में पहली बार बनेगी।
- चीन की शंघाई मैग्लेव दुनिया की सबसे तेज बुलेट ट्रेन है। इसकी अधिकतम स्पीड 430 किमी प्रति घंटा है। जबकि औसत स्पीड 251 किमी प्रति घंटा है।
Jagran. Com से खास बातचीत में रेलवे मामलों के जानकार वी के दत्त ने कहा कि बुलेट ट्रेन की नींव भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल भारतीय रेल और आधुनिक होगी बल्कि आर्थिक रफ्तार को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। बुलेट ट्रेन का मतलब सिर्फ ट्रैक और ट्रेन चलाना नहीं है, बल्कि आधुनिक तकनीक के जरिए रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना है। वड़ोदरा में रेलवे अधिकारियों के प्रशिक्षण के सेंटर खोलना उदाहरण है। जहां तक आम ट्रेनों के संरक्षा का सवाल है उसे आप बुलेट ट्रेन से नहीं जोड़ सकते हैं। ये बात सच है कि भारतीय रेलवे में अपेक्षित मात्रा में संरक्षा को लेकर निवेश कम है। लेकिन मौजूदा सरकार ने उस दिशा में ईमानदार कोशिश की है।
बुलेट ट्रेन से रोजगार सृजन
- निर्माण क्षेत्र में 20 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार।
- ट्रेन के संचालन में 4 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी।
- अप्रत्यक्ष रूप से 20 हजार लोगों को रोजगार।
- पूरे रूट में शहरी औद्योगिक विकास को मिलेगी गति।
जापान से मिला ऋण
- परियोजना लागत का 81 फीसद हिस्सा जापान से मामूली ब्याज दर पर मिलेगा।
- जापान ने 88 हजार करोड़ का लोन 0.1 फीसद प्रति वर्ष पर सॉफ्ट लोन दिया है। इसको अधिकतम 50 साल में चुकाना है।
अन्य प्रस्तावित रूट
- दिल्ली, कोलकाता, दिल्ली-मुंबई, मुंबई-चेन्नई, दिल्ली-चंडीगढ़, मुंबई-नागपुर, दिल्ली-नागपुर।
- दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता बुलेट ट्रेन रूट पर सफर में लगेंगे 6 घंटे से कम।
रेल सुधार की दिशा में अहम कदम
- भारत में फिलहाल हाइ स्पीड रेल नहीं।
- जापानी शिंकनसेन का रिकॉर्ड है कि पिछले 50 साल में एक भी मिनट लेट नहीं हुई है। इसके अलावा दुर्घटना नहीं हुई है।
- अत्याधुनिक तकनीक से रेलवे को सुधारने में मदद मिलेगी।
- दुर्घटना के पूर्वानुमान और रोकथाम को भी लागू किया जाएगा।
चीन ने भी बुलेट ट्रेन में दिखाई दिलचस्पी
भारत में पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान के साथ करार किए जाने के बावजूद चीन ने इसमें फिर से अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इससे पहले भी उसने भारत में पहली बुलेट ट्रेन परियोजना का ठेका हासिल करने के लिए काफी प्रयास किया था। दिल्ली-चेन्नई रूट पर इसने बुलेट ट्रेन की संभावना का अध्ययन भी किया था, लेकिन इस दिशा में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। मुंबई-अहमदाबाद रूट पर जापानी सहयोग से शुरू होने जा रही बुलेट टेन परियोजना पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि क्षेत्रीय देशों के बीच सहयोग से चीन बहुत खुश है। उन्होंने कहा कि हम भारत सहित क्षेत्र के अन्य देशों के साथ सहयोग करने के लिए भी तैयार हैं। जहां तक रेलवे की बात है, यह भारत और चीन के बीच व्यावहारिक सहयोग का हिस्सा है। दोनों देशों के बीच इस पर अहम सहमति बन चुकी है।
बुलेट ट्रेन पर विरोध को रेलमंत्री ने कुछ यूं दिया जवाब
अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन के शिलान्यास के साथ ही शिवसेना ने सवाल उठाया कि एक तरफ आप सामान्य ट्रेनों को सही ढंग से नहीं चला पा रहे हैं। गरीबों की गरीबी बढ़ रही है, लेकिन सरकार बुलेट ट्रेन के लिए भारी भरकम कर्ज ले चुकी है। इस सवाल के जवाब में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि जब भी किसी नई तकनीक को शुरू हुआ उसका जबरदस्त विरोध हुआ। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन सिर्फ एलीट वर्ग के लिए नहीं है। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन रूट पर निर्माण के जरिए हजारों की संख्या में लोगों को संख्या में रोजगार मिलेंगे जिससे न केवल उनके परिवार खुशहाल होंगे बल्कि स्थानीय इलाकों का भी विकास होगा।
कांग्रेस ने बुलेट ट्रेन पर निशाना साधते हुए कहा कि कर्ज लेकर इस तरह के निर्माण को उचित कैसे कहा जा सकता है। एक तरफ हर एक दिन ट्रेनें पटरियों से बेपटरी हो रही हैं और सरकार एलीट वर्ग का ख्याल कर रही है। कांग्रेस के इस निशाने पर भाजपा प्रवक्ता सैय्यद जफर इस्लाम ने Jagran.Com से कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान राजनेताओं को खुश करने के लिए नई ट्रेनों की घोषणा की जाती थी। कांग्रेस ने रेलवे संरक्षा को लेकर कभी ईमानदार कोशिश नहीं की। नए ट्रैक बिछाने की दिशा में कोई काम नहीं किया गया। लेकिन एनडीए सरकार न केवल ट्रैक की संरक्षा की दिशा में काम कर रही है, बल्ति ट्रैक के विद्युतीकरण से लेकर आमान परिवर्तन की दिशा में भी गंभीर कोशिश कर रही है।
जापान का ज और इंडिया के य का कनेक्शन
अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन के शिलान्यस से पहले जापान के पीएम शिंजो एबी ने नमस्कार कह लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि जापान के ज और इंडिया के य से मिलकर जय मिलता है। इस एक शब्द के जरिए शिंजो ने ये संदेश देने की कोशिश की भारत और जापान एक साथ मिलकर विकास की कहानी को और आगे बढ़ा सकते हैं।