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SHO फिरोज डार की कविता वायरल, पता नहीं कब्र में पहली रात मेरे साथ क्या होगा

कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर कब लगाम लगेगी। क्या पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को अंजाम पर पहुंचाने के लिए गुमराह युवकों को ऐसे ही भड़काता रहेगा।

By Lalit RaiEdited By: Published: Sun, 18 Jun 2017 02:16 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jun 2017 03:12 PM (IST)
SHO फिरोज डार की कविता वायरल, पता नहीं कब्र में पहली रात मेरे साथ क्या होगा
SHO फिरोज डार की कविता वायरल, पता नहीं कब्र में पहली रात मेरे साथ क्या होगा

नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क] ।  जरा सोचिए... अपनी कब्र में खुद को, उस घने अंधेरे में गड्ढे के अंदर बिल्कुल अकेला। उस अंधेरे में आप मदद के लिए चिल्लाएंगे लेकिन यह काफी संकीर्ण है आपकी हड्डियों को कुचल दिया जाता है। आपको अपनी प्रार्थनाएं याद आती है, आप संगीत को याद करते हैं। ये न सिर्फ शब्द हैं या वाक्यों की कुछ पंक्तियां, बल्कि इसमें वो दर्द है जिसे करीब चार साल पहले आतंकी हमलों में शहीद एसएचओ फिरोज डार ने दुनिया से साझा किया था। कश्मीर घाटी आतंकियों के खून खराबे से रो रही है। पाकिस्तान की सरपरस्ती में पलने बढ़ने वाले अपने ही कश्मीरी भाइयों और परिवारों को गम के सागर में डूबो रहे हैं। 

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डार के परिवार और मित्र जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, डार द्वारा 18 जनवरी 2013 को लिखे गए शब्द सभी को याद आ रहे थे। डार के गांव के लोगों की आंखें नम थीं। ग्रामीण डार को श्रद्धांजलि अपर्ति करने के लिए उनके घर के बाहर एकत्रित हुए थे। डार की दो बेटियां, छह वर्षीय अदाह और दो वर्षीय सिमरन नहीं समझ पा रही थीं कि अचानक उनके घर के बाहर लोग क्यों जमा हुए हैं। डार की पत्नी मुबीना अख्तर और उनके माता पिता चिल्ला रहे थे और अपनी छाती पीट रहे थे।

कुछ इस तरह फिरोज डार द्वारा साझा की गई भावना को समझा जा सकता है। 

क्या आपने एक पल के लिए भी रूककर खुद से सवाल किया कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा? उस पल के बारे में सोचना जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी। उस दिन के बारे में सोचो जब लोग तुम्हें तुम्हारी कब्र तक ले जा रहे होंगे और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा।उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें तुम्हारी कब्र में डाला जा रहा होगा।

जरा सोचिए... अपनी कब्र में खुद को, उस घने अंधेरे में गड्ढे के अंदर बिल्कुल अकेला। उस अंधेरे में आप मदद के लिए चिल्लाएंगे लेकिन यह काफी संकीर्ण है आपकी हड्डियों को कुचल दिया जाता है। आपको अपनी प्रार्थनाएं याद आती है, आप संगीत को याद करते हैं।


आप हिजाब ना पहनने पर अफसोस जताते हैं। अल्लाह के आदेशों की अनदेखी करने पर आप पछतावा करेंगे लेकिन बच नहीं सकेंगे। आप अपने कर्मों के साथ अकेले रहेंगे, ना पैसा ना आभूषण, सिर्फ कर्म अल्लाह सभी को कब्र की यातनाओं से बचाता है। आमीन.

अनंतनाग जिले के अचबल इलाके में शुक्रवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने घात लगाकर पुलिस दल पर हमला किया। इस हमले में थाना प्रभारी फिरोज अहमद डार समेत 6 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। पुलिस के मुताबिक लश्कर ने अपने कमांडर जुनैद मट्टू के मारे जाने का बदला लेने के लिए पुलिस बल पर हमला किया।शुक्रवार को ही सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर के बिजबहेड़ा इलाके में लश्कर कमांडर मट्टू समेत 3 आतंकवादियों को एक मुठभेड़ में मार गिराया था।  


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