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...और इस तरह बॉलीवुड को मिले 'ही मैन' धर्मेंद्र

हिंदी सिनेमा के 'द ही मैन' कहे जाने वाले अभिनेता धर्मेंद्र किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। धर्मेंद्र ने अब तक 250 से अधिक फिल्‍मों में काम किया है।

By Lalit RaiEdited By: Published: Fri, 08 Dec 2017 05:22 PM (IST)Updated: Fri, 08 Dec 2017 10:25 PM (IST)
...और इस तरह बॉलीवुड को मिले 'ही मैन' धर्मेंद्र
...और इस तरह बॉलीवुड को मिले 'ही मैन' धर्मेंद्र

नई दिल्ली [ स्पेशल डेस्क ]। बॉलीवुड में 'ही मैन' नाम से मशहूर धर्मेंद्र अलग-अलग किरदारों को निभाने वाले अभिनेता रहे हैं। उन्हें 70 और 80 के दशक में हिंदी सिनेमा का किंग माना जाता था। इस दौरान वो सबसे ज्यादा मेहनताना लेने वाले अभिनेता हुआ करते थे। धर्म पाजी उन दिनों सिने जगत के कई दिलों पर राज करते थे। दशकों तक वो फिल्म जगत में एक्टिंग किंग रहे और भारतीय सिनेमा के एक से बढ़कर एक फिल्में दी। इस दौरान के धर्मेंद पाजी की जिंदगी के कुछ अनछुए पहलुओं से हम आपको रूबरू कराते हैं।

- धर्म पाजी का जन्म स्कूल टीचर केवल सिंह देओल के यहां हुआ। आठ दिसंबर 1935 को केवल और सावंत कौर के यहां धर्म पाजी ने जन्म लिया। बाकी बच्चों की तरह ही धर्म पाजी स्कूल जाना पसंद नहीं करते थे। वो स्कूल न भेजे जाने को लेकर अपनी मां से आग्रह करते थे, शिकायती लहजे में कहते थे कि स्कूल में पिता जी उन्हें मारते हैं।

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- धर्मेंद्र हमेशा से एक्टर बनना चाहते थे। अभिनेता बनने के सपने को अपनी मां के साथ साझा किया करते थे। धर्मेंद्र की मां ने उन्हें सुझाव दिया कि उन्हें फिल्म में रोल करने को लेकर एक पत्र लिखना चाहिए, जो कि धर्मेंद्र के लिए एक वरदान साबित हुआ।

- धर्मेंद्र ने अपनी मां की बात को मानते हुए फिल्मफेयर न्यू टैलेंट हंट के लिए एक एप्लीकेशन के साथ एक तस्वीर भेजी और इस तरह धर्मेंद्र का चयन हुआ और आगे चलकर उन्होंने कंप्टीशन जीता। इसके साथ ही अपने सपने को साकार करने के लिए धर्मेंद्र पंजाब से मुंबई आ गए।

- 1960 में धर्मेंद्र ने अर्जुन हिंगोरानी के साथ दिल भी तेरा हम भी तेरे फिल्म से डेब्यू किया। 1966 में आयी फिल्म फूल और पत्थर से धर्मेंद्र ने खुद को सिनेमा जगत में एक्शन हीरो के तौर पर स्थापित किया। धर्मेंद्र अपने संघर्ष के दिनों में मनोज कुमार के दोस्त बन गये। दोनों ने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और इस तरह दोनों आगे चलकर बॉलीवुड के बड़े सुपरस्टार बन गए।

- शोले फिल्म धर्म पाजी के बॉलीवुड करियर की बेहतरीन फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में हेमा मालिनी और उनकी जोड़ी यादगार बन गई। कहा जाता है कि पहले धर्मेंद्र पाजी फिल्म में ठाकुर बलदेव सिंह का किरदार निभाना चाहते थे। तब उन्हें बताया गया कि ऐसे में वीरू का रोल संजीव कुमार को दिया जाएगा। फिल्म में ठाकुर बलदेव का हेमा के साथ एक भी सीन नहीं था। धर्मेंद्र फिल्म में हेमा के साथ रोमांस करना चाहते थे, तो इस तरह उन्होंने वीरू का रोल करने को स्वीकार किया।

- धर्मेंद्र ने कई फिल्मों में शानदार अभिनय किया। इनमें से हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म सत्यकाम ने व्यवसायिक सिनेमा से इतर गंभीर भूमिका निभाने वाले कलाकार के तौर पर स्थापित किया। धर्मेंद्र ने फिल्मी पर्दे पर उस वक्त की टॉप की अभिनेत्रियों मीना कुमारी, सायरा बानों, शर्मिला टैगोर, मुमताज, आशा पारेख और जीनत अमान के साथ रोमांस किया है। लेकिन उनकी जोड़ी हेमा मालिनी के साथ नायाब थी।

- धर्मेंद्र की वर्ष 1954 में प्रकाश कौर से शादी हुयी थी, जिससे उनके दो पुत्र सनी देओल और बॉबी देओल और पुत्री विजेता दओल, अजीता देओल हुयीं। धर्मेंद्र के दोनों बेटे सनी और बॉबी बॉलीवुड के सफल अभिनेता हैं। धर्मेंद्र ने वर्ष 1980 में दूसरी शादी हेमामालिनी के साथ की। दोनों ने इस्लाम धर्म अपनाया लिया, ताकि वे पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर सकें।

- यह धर्मेंद्र का चार्म ही था कि उनके बड़े बेटे सनी के बॉलीवुड में कदम रखने के बाद भी उन्हें फिल्मों में मुख्य भूमिका के लिए ऑफर मिलते रहे। धर्मेंद्र के फिट शरीर को देखकर एक बार एक्टर दिलीप कुमार ने कहा था कि भगवान ने धर्मेंद्र की तरह उन्हें फिट शरीर न देकर उनके साथ बड़ा अन्याय किया है।

- धर्मेंद्र को वर्ष 2012 में पद्म विभूषण पुरस्कार दिया गया। भारतीय सिनेमा जगत की ओर से  सिनेमा में सर्वक्षेष्ठ योगदान के लिए उन्हें 2004 में सम्मानित किया गया। हिंदी सिनेमा में बेहतरीन कार्य के लिए उन्हें वर्ष 1997 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।

- धर्मेंद्र का दिल्ली में थीम रेस्टोरेंट है, जहां उनके फिल्मों, किरदारों और संवाद का जश्न मनाया जाता है। रेस्टोरेंट का मालिक धर्मेंद्र का बड़ा फैन है। उसके मुताबिक यह धर्मेंद्र को श्रद्धांजलि देने का एक अच्छा तरीका है। रेस्टोरेंट की दीवारों पर धर्मेंद्र के फिल्मों के संवाद को प्रदर्शत किया गया है। धर्मेंद्र ने ही इस रेस्टोरेंट का उद्धाटन किया था। यहां दी जाने वाली मॉकटेल का नाम है-जवानी भरी गुलाबो, वीरू की घुट्टी और प्यारे मोहन मसाला नींबू।


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