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बेंजामिन नेतन्याहू को उम्मीद, भारत के साथ मजबूत होंगे रिश्ते

इस यात्रा के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खास तोहफा सौप सकते हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 13 Jan 2018 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jan 2018 08:04 AM (IST)
बेंजामिन नेतन्याहू को उम्मीद, भारत के साथ मजबूत होंगे रिश्ते
बेंजामिन नेतन्याहू को उम्मीद, भारत के साथ मजबूत होंगे रिश्ते

दिल्ली, शिवांग माथुर। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 14 जनवरी से 19 जनवरी तक के लिए भारत आ रहे हैं, 6 दिवसीय यात्रा के दौरान वह आगरा, गुजरात और मुंबई की भी यात्रा करेंगे। भारत और इजराइल के बीच रक्षा, जल संरक्षण, कृषि, आंतरिक सुरक्षा आदि मसलों पर चर्चा होनी होनी हैं। भारत-इजराइल के कूटनीतिक संबंधो की 25वी वर्षगांठ के समारोह में भी नेतन्याहू शामिल होंगे। पिछले तीन वर्षों में दोनों देशो के बीच काफी उच्च स्तरीय आदान प्रदान हुए हैं। प्रधानमंत्री नेतन्याहू का भारत दौरा भारत और इजरायल के बीच 25 वर्षों से बढ़ते साझेदारी की सिल्वर जुबली है। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के संबंधों में प्रगति लाना और दोनों देशो के लोगों के बीच अगले आने वाले वर्षों के लिए संबंधों को आकार देना है।

इजरायली दूतावास ने गुरुवार को बताया, 'नेतन्याहू राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ बैठक करेंगे। उनके साथ एक कारोबारी शिष्टामंडल भी भारत आ रहा है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू की ये पहली भारत यात्रा होगी। पिछले वर्ष भारत के प्रधानमंत्री मोदी भी इजराइल गए थे।

पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच 15 जनवरी को द्विपक्षीय स्तर की वार्ता होनी हैं, इसी दिन उनका राष्ट्रपति भवन जाने का कार्यक्रम है, जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद रहेंगी। दोनों देश के प्रधानमंत्री 15 जनवरी को ही दूसरे भारत-इजराल सीईओ फोरम की बैठक में शामिल होंगे। पहली सीईओ फोरम की बैठक पीएम मोदी के इजराइल दौर के वक्त हुई थी। इसके साथ ही पीएम नेतन्याहू एक व्यापारिक समारोह को संबोधित करेंगे।

पीएम नेतन्याहू भारत दौरे के तीसरे दिन 16 जनवरी को रायसीना डॉयलाग में शामिल होंगे। पीएम नेतन्याहू का 17 जनवरी को गुजरात में कृषि उत्कृष्टता केंद्र जाने का कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं। मुंबई में 18 जनवरी को इसराइली पीएम कारोबारियों से मिल सकते हैं।

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क्या हैं इजराइल की ताकत?
इजरायल दुनियाभर में अपने हथियारों और रक्षा नीति के लिए मशहूर है. अमेरिका और जर्मनी जैसे देश भी इजरायल से हथियार खरीदते हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के साथ संबंध मजबूत करना चाहते हैं.

इजरायल की सेना जिसे इजरायल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) के रूप में जाना जाता है, वो दुनिया की बेहद ताकतवर सेना है। इजरायल एक छोटा देश होने के बावजूद अपनी सेना को लेकर बेहद सतर्क रहता है। रक्षा मामलों के जानकारों की माने तो इजरायल के ऊपर हमला करना आसान नहीं है, क्योंकि यह चारों तरफ से एंटी बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस है। इजरायल को अपने हथियार बनाने में अमेरिका और जर्मनी से काफी मदद मिलती है।

क्या कहता है इजराइल का रक्षा बजट?
इजरायल अपने रक्षा बजट पर काफी ध्यान देता है। 2016 में इजरायल ने 17.8 बिलियन डॉलर रुपये अपने रक्षा बजट में खर्च किए थे, जो कि उसकी जीडीपी की 5.8 फीसदी है। भारत सरकार में पूर्व विदेश सचिव रहे सलमान हैदर के मुताबिक, भारत इजराइल से संबंधों को मज़बूत करना चाहता है। भारत चाहता है की इजराइल के अरब देशो से संबंध सुधरे, भारत इजराइल से पानी की सफाई की तकनीक भी लेना चाहता है, ताकि गंगा की सफाई में मदद मिल सके।' पिछले वर्ष जब प्रधानमंत्री मोदी इजराइल गए थे, तब बेंजामिन नेतन्याहू ने मोदी से इसका ज़िक्र किया था। भारत हथियारों के साथ-साथ डिफेन्स टेक्नोलॉजी को भी इजराइल से खरीदने पे चर्चा कर सकता हैं।

नेतन्याहू को दौरे से उम्मीदें
यरुशलम के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत द्वारा इस्राइल के खिलाफ वोट देने से निराश इजराइल इस मुद्दे को भारत के साथ द्विपक्षीय वार्ता में उठा सकता हैं। भारत ने दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया था, जिसमें यरुशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के अमेरिका के फैसले की आलोचना की गई थी। भारत और इजराइल पुराने मित्र हैं, ऐसे में ये यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। पूरी दुनिया की इस पर नज़र है। भारत की रक्षा नीति और डिफेंस सिस्टम को एक अहम मजबूती मिलेगी। वहीं कूटनीति के मामले में भी इस दौरे से कई उम्मीद लगाई जा सकती हैं।

इजराइल को 70 सालों से भारत का इंतज़ार था ,जब मोदी इजराइल गए थे तब इजराइल ने भारत के प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया था, देश-विदेशों में मोदी और नेतन्याहू के मिलन के चर्चे गर्म थे, मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने इजरायल का दौरा किया है.इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दिल खोलकर मोदी का स्वागत भी किया था , साथ ही मोदी को अपना ख़ास दोस्त बताया था .

5 खास बात जो दोनों देशों के लिए होंगी फायदेमंद
-इजरायल दुनिया में भारत के दौरे से विरोधियों को ये जताना चाहता है कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश उसका सबसे अच्छा दोस्त है।
-इजरायल भारत की दोस्ती का इस्तेमाल मिडिल-ईस्ट व एशिया के अन्य देशों के साथ डिप्लोमेसी में भी कर सकता है, ताकि दुनिया में उसकी स्वीकार्यता बढ़े।
-इजराइल भारत के साथ कई अरब डॉलर के रक्षा सौदे की उम्मीद लगाए बैठा हैं, वही भारत में प्रधानमंत्री मोदी की मेक इन इंडिया पहल को इजरायल का समर्थन मिलेगा, क्योंकि दोनों देश फ्री-ट्रेड की ओर बढ़ रहे हैं।
-इतना ही नहीं, कृषि सम्बंधित और आईटी समझौते इसमें अहम साबित हो सकते हैं।
-भारत दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनोमी है, जिसका फ़ायदा इजरायल उसके वायु शक्ति एवं रक्षा सौदे से उठाना चाहता है।

भारत यात्रा पर अपने 'दोस्त' पीएम मोदी को ये 'स्पेशल गिफ्ट' देंगे बेंजामिन नेतन्याहू
इस यात्रा के दौरान इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू अपने दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खास तोहफा सौप सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नेतन्याहू खारे पानी को पीने लायक शुद्ध बनाने वाला गल-मोबाइल जीप भारत ला सकते हैं। पिछले साल जुलाई में अपनी इजरायल यात्रा के दौरान मोदी ने नेतन्याहू के साथ इस ‘बुग्गी’ जीप में बैठकर सागर के तट की सैर की थी और खारे पानी को पीने लायक बनाने का नमूना भी देखा था। बताया जा रहा है कि जीप की कीमत करीब 3.9 लाख शेकेल यानी करीब 70 लाख रुपये है। इजरायल यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने इस जीप की तारीफ भी की थी। भारत भी इस तरीके की तकनीक को भारत में खरीद सकता है, ताकि नदियों को साफ़ किया सके।

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