'पाकिस्तान के सभी परमाणु ठिकानों पर मिलकर हमला करें भारत-अमेरिका'
ऐसी आशंका बार-बार जताई जा रही है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कहीं आतंकियों के हाथ न लग जाएं।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। पाकिस्तान वह देश है जो दुनिया में किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे ज्यादा तेज़ी से परमाणु हथियार बनाने में लगा हुआ है। ये बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कई बार सुनी गई है। लेकिन, अमेरिका के पूर्व सीनेटर ने जो कहा है वह पाकिस्तान के लिए हैरान करनेवाला है। पूर्व सीनेटर लैरी प्रेसलर ने एक सुझाव देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत को मिलकर पाकिस्तान पर एक साथ हमला करना चाहिए और वहां पर बने परमाणु ठिकानों को बर्बाद कर देना चाहिए।
पाक न्यूक्लियर ठिकानों पर एक साथ हमला करे भारत-यूएस
लैरी प्रेसलर ने एक अखबार के साथ बातचीत में बताया कि डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में आतंकवादियों को पनाह देने को लेकर पाकिस्तान को झाड़ लगा चुके हैं। ऐसे में वह भारत के लिए अब तक के सबसे बेहतर अमेरिकी राष्ट्रपति साबित हो सकते हैं। प्रेसलर ने कहा, लेकिन इसके लिए सबसे पहले ट्रंप को पेंटागन की ओर देखना होगा, जिसने हमेशा पाकिस्तान को बढ़ावा देने का काम किया है।
ट्रंप का पेंटागन की आलोचना अच्छा संकेत
उन्होंने कहा कि अमेरिका की तरफ से मिले बढ़ावे के चलते पाकिस्तान की हिम्मत इस कदर बढ़ गई कि उसने संयुक्त राष्ट्र आमसभा में भारत पर हमला करते हुए उसे 'आतंकवाद की जननी' और 'दरिंदा' जैसे शब्दों का प्रयोग तक कर डाला। प्रेसलर ने बताया कि ट्रंप का पेंटागन को दलदल बताना एक अच्छा संकेत है, जिससे ऐसा माना जा रहा है कि जल्द पेंटागन में सुधार होने की संभावना है।
कौन है लैरी प्रेसलर
तीन बार सीनेटर और दो बार हाउस ऑफ रेप्रिजेंटटिव के सदस्य रहे 75 वर्षीय लैरी प्रेसलर चर्चित संशोधन के लिए जाने जाते हैं, जिसके तहत 1990 में पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सैन्य सहायता पर रोक लगी थी। रिपब्लिकन रहे प्रेसलर ने अपनी किताब 'नेबर्स इन आर्म्स' में अमेरिकी विदेश नीति में आए बदलावों पर चर्चा की है जिसके जरिए पाकिस्तान न्यूक्लियर हथियार विकसित कर पाया है। प्रेसलर काफी समय से रिपब्लिकन पार्टी से खुद को अलग कर चुके हैं। उन्होंने साल 2014 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हिलरी क्लिंटन को समर्थन दिया था। ट्रंप से कई मतभेदों के बावजूद लैरी को लगता है कि ट्रंप इतने भी बुरे नहीं हैं, जितना उनको यूएस मीडिया बताती है।
हमेशा से भारत के हिमायती रहे हैं लैरी प्रेसलर
Jagran.com से खास बातचीत में पाकिस्तान मामलों के जानकार कमर आगा ने बताया कि लैरी प्रेसलर हमेशा से भारत के हिमायती रहे हैं। उन्होंने हमेशा से भारत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान की जो स्थिति बनी है वह काफी चिंताजनक है। पाकिस्तानी की सेना काफी हद तक तालिबान का रूप लेती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान आर्मी के इस रुख से काफी चिंतित है।
नॉर्थ कोरिया से ज्यादा खतरनाक है पाकिस्तान
कमर आगा ने आगे बताया कि आज नॉर्थ कोरिया से भी ज्यादा खतरनाक पाकिस्तान है, क्योंकि नॉर्थ कोरिया से सिर्फ धमकी दे रहा है लेकिन पाकिस्तान कब क्या कर दे इसका कुछ भी नहीं पता। ऐसे में पाकिस्तान के अंदर परमाणु प्रतिष्ठान बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आगे बताया कि चूंकि पहले पाकिस्तान लगातार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के बहाने अमेरिका को बेवकूफ बना रहा था। अफगानिस्तान में हक्कानी नेटवर्क को बढ़ाने में पाकिस्तान का ही हाथ है। हालांकि, उसके बाद से पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी सोच में काफी बदलाव आया है।
नौ जगहों पर पाकिस्तान ने छिपा रखे हैं परमाणु हथियार
ऐसी आशंका बार-बार जताई जा रही है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार कहीं आतंकियों के हाथ न लग जाएं। हालांकि, पाकिस्तान लगातार यह कहता आ रहा है कि उसके परमाणु ठिकाने बेहद सुरक्षित हैं और आतंकियों की पहुंच से बाहर हैं।
हाल में आयी फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट (एफएएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियारों को देश के नौ अलग जगहों पर रखा हुआ है। अमेरिका के प्रसिद्ध परमाणु मामलों के विशेषज्ञ और इस रिपोर्ट को लिखने वाले को-ऑथर हंस क्रिस्टेनसेन ने कहा कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु जखीरे को उन जगहों पर इकट्ठा करके रखा हुआ है जहां पर रिपोर्ट में उन जगहों की पहचान की गई है। साथ ही, उन जगहों पर परमाणु क्षमतायुक्त लाउंचर्स भी रखे गए हैं, जिसका युद्ध के समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
क्रिस्टेनसेन और रोबर्ड नूरिस की तरफ से तैयार की गई इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान अपने 130-140 परमाणु हथियारों के जखीरे को तेज़ी के साथ बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में आग कहा गया है कि इस्लामाबाद अपने परमाणु क्षमता और उसकी संख्या को बढ़ाने में तेजी से जुटा हुआ है और उसे कई जगहों पर तैनात कर रहा है। हालांकि, उसके ठिकानों का पता लगाना अभी मुश्किल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी वजह है इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है कि पाकिस्तान कहां पर अपने परमाणु हथियारों का जखीरा जमा या पैदा कर रहा है। हालांकि, कॉमर्शियल सैटेलाइट तस्वीरें, विशेषज्ञों की राय, स्थानीय न्यूज रिपोर्ट और आर्टिकल का इस्तेमाल कर इस बात का अंदाजा लगाया गया है कि कहां पर परमाणु क्षमता वाले हथियारों की तैनाती की गई है।
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