गुजरात की बाजी: सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर भाजपा-कांग्रेस में जंग हुई तेज
गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सभी दल सोशल मीडिया का जमकर सहारा ले रहे हैं।
शत्रुघ्न शर्मा [अहमदाबाद]। गुजरात की सत्ता पर काबिज होने के लिए कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दल जमीन पर भारी दौड धूप कर रहे हैं, वादे, नारे और भाषणों के दम पर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। सोशल मीडिया में इनके बीच मानो युद्व चल रहा है। दोनों ही दलों के गुजरात में लाखों फॉलोअर हैं तथा पल पल की घटनाओं की वर्चुअल दुनिया में जमकर खबर ली जा रही है। गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण का चुनाव 9 दिसंबर को होगा।
गुजरात में हाईटेक जंग
भाजपा ने गांधीनगर में अपने प्रदेश कार्यालय श्रीकमलम पर हाईटेक सोशल मीडिया वॉर रुम तैयार किया है जहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, रविशंकर, निर्मला सीतारमण, केन्द्रीय मंत्री स्म्रती ईरानी आदि की सभाओं को फेसबुक व यूट्यूब पर लाइव करने तथा भाषणों के अंश व्हाट्सऐप ग्रुप्स में फैलाया जाता है। कांग्रेस अपने अहमदाबाद के प्रदेश कार्यालय राजीव गांधी भवन पर मीडिया वॉर रुम के जरिए पूर्व पीएम मनमोहनसिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी, गुजरात प्रभारी अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, रणदीप सुरजेवाला, पियंका चतुर्वेदी, राजब्बर आदि नेताओं की सभाओं को फेसबुक यूट्यूब पर लाइव दिखा रहे हैं।
भाजपा के आईटी हैड युवा नेता पंकज शुक्ला हैं वहीं कांग्रेस आईटी सेल के प्रमुख रोहन गुप्ता अपनी 50 से 100 की टीम को वॉर रुम में गाइड करते हैं। भाजपा की टीम से जुडे आईटी एक्सपर्ट विजय चौथाइवाले बताते हैं कि प्रदेश भाजपा के आॅफिसिएल पेज पर 25 लाख लोग जुडे हुए हैं, पीएम मोदी की सभा, रैली व रोड शो को सबसे अधिक लाखों में लाइक्स मिलते हैं।
फेसबुक, व्हाट्स ऐप, ट्वीटर, यू ट्यूब बने हथियार
फेसबुक, व्हाट्स ऐप, ट्वीटर, यू ट्यूब इस चुनाव के प्रमुख हथियार हैं तथा वच्यूअल दुनिया में भाजपा अपने प्रतिद्वंदी से काफी आगे है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का टाउन हॉल कार्यक्रम भी सोशल मीडिया पर किया, इस कार्यक्रम को सौ से अधिक स्थलों पर लाइव टू वे कम्युनिकेशन के साथ किया जिनसे दो से तीन लाख युवा व महिलाओं ने संवाद किया। विजय बताते हैं कि आजकल हरेक के हाथ में मोबाइल है इसलिए मोबाइल के जरिए लोगों पर सीधे पहुंचा जा सकता है, इसमें मैसेज के अलावा, फोटो, आॅडियो, वीडियो क्लिप या स्पीच की लिंक भी भेजी जा सकती है।
सोशल मीडिया और भाजपा राग
भाजपा ने इसके लिए कई महीनों तक मेहनत के करके लाखों मोबाइल डेटा तैयार किया है, उनको गुजरात के संबंध में लगातार मैसेज, सूचना व खबरें दी गई तथा कईयों से फीडबैक लेने के बाद सोशियल मीडिया पर प्रचार का एक डिजाइन तेयार किया गया। वरिष्ठ पत्रकार हरि देसाई बताते हैं कि गत लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया, दिलली चुनाव में आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं रही। सोशल मीडिया एक प्रभावी माध्यम है लेकिन कई बार नकारात्मक भी हो जाता है। गुजरात में इस बार सोशल मीडिया बडा माध्यम बना है, जनता भी सत्ता पक्ष से सवाल कर रही है, अच्छी बात हो रही है कि इस बार सोशल मीडिया काफी हद तक सकारात्मक है।
सोशल मीडिया और कांग्रेस राग
कांग्रेस की आईटी सदस्य महक बताती हैं कि प्रदेश कांग्रेस के फेसबुक पेज से 8 लाख जुड़े हैं जबकि अलग अलग उद्देश्य से 25 फेसबुक पेज हैं, इन सभी की फॉलोअर संख्या 18 से 20 लाख है, वे बताती हैं कि एक सप्ताह में कांग्रेस के सोशयल मीडिया पर ट्रैफिक दस गुना तक बढ जाता है। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के हरेक नेता व स्टार प्रचार की सभा, रेली व रोड शो को फेसबुक, यूटूयूब पर लाइव किया जाता है। विकास पागल हो गया के ट्रेंड करने पर वे बताती हें कि सौराष्ट्र कच्छ के किसी गांव में एक सरकारी बस के पहिए खुले पडे थे जिसकी फोटो को लेकर यह टाइटल दिया गया जो काफी प्रचलित हुआ, हालांकि विकास की मजाक उड़ाने को लेकर अब भाजपा उलटे कांग्रेस पर ही पलटवार कर रही है।
पास के नेता भी पीछे नहीं
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल भी सोशल मीडिया में खूब ट्रेंड कर रहे हैं,ढ़ाई साल पहले उनकी अहमदाबाद के जीएमडीसी की सभा के बाद अब राजकोट, सूरत, मोरबी, सुरेन्द्रनगर, की सभाओं पर सोशल मीडिया आफरीन हो गया, गुजरात में हार्दिक की सोशल मीडिया ही नहीं मैन स्ट्रीम मीडिया में भी भारी डिमांड है।
राजनीतिक विश्लेषक सुधीर रावल बताते हैं कि हार्दिक जनता की समस्या व किसानों की वेदना को द्रढता से उठा रहे है। बिना किसी पार्टी के वह जननेता की तरह गुजरात की राजनीति में उभरा है, कहीं पर भी समझौतावादी रवैया नहीं अपनाया जिससे लोग उसके साथ आ रहे हैं। उनकी अश्लील सीडी पर रावल मानते हैं कि राजनीति में कई लोग बुरे हैं, इसलिए लगता है हार्दिक के सीडी कांड को राजनीतिक साजिश मानकर दरकिनार कर दिया है। यह भी पढ़ें: माइक्रो मैनेजमेंट,ओबीसी और यूपी फार्मूला के जरिए गुजरात फतह की तैयारी