भारत ने पिछले दशक में 'लुक ईस्ट' से 'एक्ट ईस्ट' नीति में किए गुणात्मक बदलाव, आसियान प्रतिनिधिमंडल से बोले उपराष्ट्रपति
आसियान (ASEAN) के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankar) ने कहा कि जन-केंद्रित और संसदीय कूटनीति एक शांतिपूर्ण सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण में योगदान कर सकती है ।
नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की। इसके साथ ही आसियान अंतर-संसदीय विधानसभा प्रतिनिधिमंडल ने भी आज संसद भवन में उपराष्ट्रपति धनखड़ से मुलाकात की। आसियान के प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि जन-केंद्रित और संसदीय कूटनीति एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निर्माण में योगदान कर सकती है।
ASEAN Inter-Parliamentary Assembly delegation called on VP & RS Chairman Jagdeep Dhankhar at Parliament House today
During talks, VP said that people-centric & result-oriented parliamentary diplomacy can contribute to building a peaceful, secure & prosperous Indo-Pacific region pic.twitter.com/QNkhJxu56J— ANI (@ANI) August 12, 2022
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में 'लुक ईस्ट' से 'एक्ट ईस्ट' नीति में गुणात्मक बदलाव किया है, जिसमें आसियान एक महत्वपूर्ण तत्व है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भारत-प्रशांत में आसियान एकता और केंद्रीयता के लिए भारत के समर्थन को भी रेखांकित किया।
गुरुवार को जगदीप धनखड़ ने ली थी उपराष्ट्रपति पद की शपथ
बता दें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार 11 अगस्त को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई थी।
विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट को हराया था उपराष्ट्रपति ने
6 अगस्त को विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुना गया था। धनखड़ को 528 वोट मिले थे, उन्होंने संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार अल्वा को हराया था। मार्गेरट को 182 वोट मिले थे। इस दौरान पंद्रह मत अवैध घोषित किए गए थे।
पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और अन्य सांसदों ने शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाग लिया था। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) धनखड़ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुईं थी। शपथ लेने से पहले धनखड़ ने राजघाट का दौरा किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी।