देशभर में फैला दिल्ली का गुस्सा
[जागरण न्यूज नेटवर्क]। नई दिल्ली में रविवार रात एक फिजियोथेरेपिस्ट के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म को लेकर गुस्से की लहर तीसरे दिन पूरे देश में फैल गई है। दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में भी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए। पीड़ित लड़की की हालत खतरे में बनी हुई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच की निगरानी करने का फैसला किया है। इस बीच गिरफ्तार आरोपियों में दो ने कोर्ट में अपना गुनाह कबूलते हुए फांसी देने की गुजारिश की है। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ और कदम उठाने की घोषणा की है। दो फरार आरोपी अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। वहीं, महिला सांसदों का गुस्सा भी शांत नहीं हुआ है।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। नई दिल्ली में रविवार रात एक फिजियोथेरेपिस्ट के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म को लेकर गुस्से की लहर तीसरे दिन पूरे देश में फैल गई है। दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में भी इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए। पीड़ित लड़की की हालत खतरे में बनी हुई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी मामले की स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच की निगरानी करने का फैसला किया है। इस बीच गिरफ्तार आरोपियों में दो ने कोर्ट में अपना गुनाह कबूलते हुए फांसी देने की गुजारिश की है। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कुछ और कदम उठाने की घोषणा की है। दो फरार आरोपी अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सके हैं। वहीं, महिला सांसदों का गुस्सा भी शांत नहीं हुआ है।
23 वर्षीय लड़की के साथ हुए बलात्कार की शर्मसार करने वाली घटना पर बुधवार को जहां दिल्ली में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के आवास, पुलिस मुख्यालय और इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन हुए। वहीं बेंगलूर, हैदराबाद, मुंबई और चेन्नई सहित अन्य शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए। तीन दिन से जिंदगी और मौत के बीच झूल रही पीड़ित लड़की की पांचवी बार सर्जरी हुई। बुधवार को दो घंटे तक चली सर्जरी के बाद भी उसकी हालत खतरे के बाहर नहीं है। पीड़ित की छोटी आंत निकाल दी गई है। चौतरफा दबाव में गृह मंत्री शिंदे ने राष्ट्रीय राजधानी में अपराध रोकने के लिए कुछ और उपायों की घोषणा की है। इनमें निजी बसों के संचालन को पारदर्शी बनाने से लेकर दिल्ली में पीसीआर की संख्या बढ़ाने और उन्हें जीपीएस से सुसज्जित करने जैसे उपाय शामिल हैं। महिला सांसदों ने पार्टी बंधन को तोड़ते हुए संयुक्त तौर पर इस मुद्दे को लोकसभा में जोर-शोर से उठाया। नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने तो सोनिया की शीला और शिंदे को लिखी चिट्ठी पर तल्ख लहजे में कहा कि सोनिया मांग न करें, बल्कि कड़ी कार्रवाई का निर्देश दें। महिला सांसदों ने बाद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की और अपनी नाराजगी से उन्हें अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसे एक बेहद विचलित करने वाली घटना करार दिया।
सांसदों के दल को प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्रालय को सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं ताकि इस तरह की घटना आगे नहीं हो सके। इससे पहले लोकसभा में महिला सांसदों का जत्था 'बलात्कारियों को फांसी दो' के नारे लगाते हुए अध्यक्ष मीरा कुमार के आसन तक पहुंच गया था। लोक सभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की बढ़ती संख्या काफी चिंताजनक है। महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए वरिष्ठ महिला आइपीएस अधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए।
महिला सांसदों का विरोध सदन के बाहर भी रहा। शिरोमणि अकाली दल की सिमरनजीत कौर की अगुवाई में महिला सांसदों ने सदन परिसर में भी अपने गुस्से का इजहार किया। राज्य सभा सांसद जया बच्चन ने बाद में दिल्ली पुलिस आयुक्त निखिल कुमार से भी मुलाकात की।
सरकार ने की सतही उपायों की घोषणा
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश को हिलाकर रख देने वाली गैंगरेप की घटना के बाद जागी सरकार ने राजधानी में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए उठाए गए कदमों की घोषणा की है। लेकिन, इन कदमों के पीछे दीर्घकालीन सोच के बजाय आम जनता का आक्रोश शांत करने की जल्दबाजी ज्यादा दिखती है। इनमें निजी बसों के संचालन को पारदर्शी बनाने से लेकर दिल्ली में पीसीआर की संख्या बढ़ाने और उन्हें जीपीएस से सुसज्जित करने जैसे उपाय शामिल हैं। गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लंबे विचार-विमर्श के बाद बुधवार को गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संसद में इन कदमों का एलान किया।
चूंकि इस घटना में इस्तेमाल बस में काले शीशे और पर्दे लगे थे, इसलिए दिल्ली में निजी बसों और व्यावसायिक वाहनों में काले शीशे व पर्दे लगाने पर रोक लगा दी गई है। ऐसे वाहनों को तत्काल जब्त कर लिया जाएगा। नियमानुसार घटना के वक्त इस बस को मालिक के पास होना चाहिए था, लेकिन यह ड्राइवर के पास थी, इसलिए ऐसी तमाम बसों का गलत इस्तेमाल रोकने की जिम्मेदारी अब मालिकों पर डाल दी गई है। चलती बस में हो रहे अपराध को रोकने में पीसीआर वैन की नाकामी को देखते हुए रात में ऐसी बसों में लाइट जलाए रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
तात्कालिक उपायों से जरा-सा आगे बढ़ते हुए शिंदे ने कहा, राजधानी में चलने वाली सभी बसों के चालकों और हेल्परों का दिल्ली पुलिस सत्यापन करेगी। इसके बिना चलने वाली बसों को जब्त कर लिया जाएगा। चालकों को ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए उनके ड्राइविंग लाइसेंस की विस्तृत जानकारी फोटो समेत बसों के बाहर प्रमुखता से दर्शाई जाएगी। सड़कों पर दिल्ली पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने के लिए उसके बेड़े में पीसीआर वैन की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्हें जीपीएस [ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम] से भी लैस किया जाएगा। ताकि उनकी आवाजाही की सटीक जानकारी कंट्रोल रूम को मिलती रहे।
इन उपायों से असंतुष्ट भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने जानना चाहा कि सरकार ने दुष्कर्मियों को मौत की सजा दिलाने के लिए क्या कदम उठाए हैं। उनके अनुसार मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में दुष्कर्मियों को मौत की सजा देने की मांग की गई थी। इसके जवाब में शिंदे ने गत चार दिसंबर को लोकसभा में पेश अपराध कानून संशोधन विधेयक का हवाला दिया। वेंकैया ने यह भी पूछा कि चलती बस में दुष्कर्म रोकने में विफल रही दो पीसीआर वैन में मौजूद पुलिसकर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? इस पर शिंदे ने बस में काले शीशे और पर्दो का हवाला देकर पुलिसकर्मियों का बचाव किया।
बेंगलूर में नाबालिग से किया दुष्कर्म
बेंगलूर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गैंगरेप की दिल दहला देने वाली घटना की चौतरफा निंदा के बीच कर्नाटक की राजधानी बेंगलूर में भी एक शर्मनाक वाकया सामने आया है। यहां एक जनरल स्टोर मालिक ने मंगलवार को 14 साल की एक लड़की के साथ बलात्कार किया।
पुलिस के मुताबिक पीड़ित अक्सर आरोपी दुकानदार अश्वथ [26] के यहां सामान लेने जाया करती थी। इसी का फायदा अश्वथ ने उठाया। पुलिस उपायुक्त [दक्षिण पूर्व शाखा] पीएस हर्षा ने कहा कि पीड़ित और आरोपी की मेडिकल जांच कराई गई है।
दुराचार पीडि़त लड़की को नौकरी देगी उप्र सरकार
लखनऊ [जागरण ब्यूरो]। दिल्ली में गैंगरेप की शिकार हुई लड़की और उसके साथ घायल हुए उसके दोस्त को उत्तर प्रदेश सरकार नौकरी देगी। यह घोषणा बुधवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से की गई। दोनों के इलाज पर होने वाले खर्च को भी प्रदेश सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली की इस घटना को अत्यंत दुखद व शर्मनाक बताया और कहा कि जरूरत इस बात की है कि घटना के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए। मुख्यमंत्री ने पीड़ितों और उनके परिवारीजन को भरोसा दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार उन लोगों के साथ खड़ी है। किसी तरह की कठिनाई होने पर उन्हें पूरी मदद दी जाएगी।
बलात्कारियों को मौत की सजा पर हो रहा विचार
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गैंग रेप से चौतरफा मचे हाहाकार के बीच गृह मंत्रालय अब दुष्कर्म के आरोपियों के लिए मौत की सजा के प्रावधान का रास्ता तलाशने में जुट गया है। दरअसल बलात्कार के आरोपियों को कड़ी सजा के प्रावधान वाला संशोधन विधेयक लोकसभा में पहले ही पेश हो चुका है, लेकिन उसमें मौत की सजा का प्रावधान नहीं है। संसद से लेकर सड़क तक इसके लिए उठ रही मांग को देखते हुए मंत्रालय बलात्कार के दौरान दरिंदगी व क्रूरता के मामलों में मौैत की सजा का प्रावधान कर सकता है। संसद के बजट सत्र के दौरान इस विधेयक को पास कराने की कोशिश होगी।
गौरतलब है कि मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में गैंगरेप के आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग की गई थी, लेकिन संसद में पहले ही संशोधन विधेयक पेश कर चुकी सरकार इसमें बदलाव के पेशोपेश में फंस गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संसद की भावना के मद्देनजर सरकार विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव रख सकती है। वैसे एक उपाय यह भी है कि संसद में पेश विधेयक को वापस लिया जाए और उसे जरूरी संशोधनों के साथ अगले सत्र में पेश किया जाए। इस संबंध में कानून मंत्रालय व संसदीय कार्य मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श चल रहा है। इसके बाद ही कोई उचित फैसला लिया जाएगा।
कागजी संस्था है राष्ट्रीय महिला आयोग
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। राजधानी में सामूहिक दुष्कर्म जैसी गंभीर घटनाओं को छोड़िए, महिलाओं से जुड़े आम मामलों में भी राष्ट्रीय महिला आयोग [एनसीडब्ल्यू] कागजी संगठन साबित हुआ है। केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल की महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी हो या गुवाहाटी में लड़की से छेड़छाड़ का मामला, आयोग ने संबंधित सरकार या विभाग को पत्र लिखने के सिवा कोई गंभीर कदम नहीं उठाया।
आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] को भेजा गया एक आवेदन बताता है कि जायसवाल की अपमानजनक टिप्पणी को लेकर भी आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। लेकिन, इसमें उन्होंने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग नहीं की बल्कि उन्हें ऐसी टिप्पणी दोबारा न करने की सलाह देने की बात लिखी। जबकि, आयोग को स्वयं ऐसे मामलों में केस दर्ज कराने का अधिकार है। पीएमओ ने भी जवाबी पत्र में उनकी चिंता को वाजिब ठहरा दिया था।
बकौल अग्रवाल, 'महिला आयोग नेताओं का पुनर्वास केंद्र बन गया है।' इससे पहले गुवाहाटी में एक लड़की के साथ भीड़ द्वारा छेड़छाड़ के मामले की जांच करने गई एनसीडब्ल्यू की टीम वहां फैशन परेड करती दिखाई दी थी। दिल्ली गैंगरेप मामले में भी आयोग ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को चिट्ठी लिख पुलिस की शिथिलता की निंदा कर उसे और ज्यादा संवेदनशील होने की सलाह दी है। अग्रवाल ने सवाल उठाया है कि आखिर कार, कार्यालय, भत्ते आदि के रूप में करोड़ों रुपये खर्च कर महिला नेत्रियों को आयोग में बिठाने के बजाय महिलाओं की असली लड़ाई लड़ने वालों को इसमें जिम्मेदारी क्यों नहीं दी जाती?
गैंगरेप आरोपी ने कहा, मुझे फांसी पर लटका दो
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। फिजियोथेरेपिस्ट युवती से गैंगरेप मामले में दो आरोपियों विनय शर्मा और पवन ने बुधवार को साकेत कोर्ट में अपनी गलती स्वीकार की। आरोपी विनय ने कहा कि उसे फांसी दे दी जाए। दोनों ने कहा कि उन्होंने बहुत घृणित अपराध किया है, जिसका उन्हें पश्चाताप है। उन्हें चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने आरोपियों मुकेश, जिम इंस्ट्रक्टर विनय शर्मा और फल विक्रेता पवन गुप्ता को महानगर दंडाधिकारी नम्रता अग्रवाल के समक्ष पेश किया। मुकेश ने शिनाख्त परेड के लिए अपनी सहमति दे दी पर पवन व विनय ने इससे इन्कार कर दिया। विनय ने कहा कि उसने लड़के व लड़की की पिटाई जरूर की थी लेकिन दुष्कर्म नहीं किया। रविवार रात नौ बजे वसंत विहार इलाके में चार्टर्ड बस सवार युवकों ने द्वारका छोड़ने की बात कह युवती व उसके दोस्त को बस में बैठा लिया था। बस चालक व उसके छह साथियों ने युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया और उनके साथ मारपीट भी की। इसके बाद निर्वस्त्र अवस्था में उन्हें बस से फेंककर फरार हो गए।
इस तरह जुर्म कबूल करने की कानूनी अहमियत नहीं
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। दिल्ली में चलती बस में छात्रा से गैंग रेप के आरोपियों में से भले ही दो ने भरी अदालत में अपना गुनाह कबूल किया हो और अदालत से सजा देने की मांग की हो, कानून की निगाह में इस कबूलनामे का कोई मतलब नही है। यहां तक कि उनका यह कबूलनामा अदालती कार्यवाही का हिस्सा तक नहीं बन सकता।
अदालत के समक्ष अपराध स्वीकार करने की कानून में एक निश्चित प्रक्रिया तय है। उसका पालन किए बगैर किसी भी आरोपी की अपराध स्वीकृति को न तो अदालत दर्ज कर सकती और न ही उसके आधार पर सजा सुना सकती है। दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरएस सोढी कहते हैं कि अगर आरोपी अपनी इच्छा से जुर्म कबूल करना चाहता है तो भी अदालत कबूलनामा दर्ज करने से पहले उसे आगाह करेगी। पुलिस हिरासत से दूर करके उसे न्यायिक हिरासत में भेजेगी और सोचने-समझने के लिए पर्याप्त समय देगी। इसके बाद भी अगर वह अपना जुर्म कबूल करना चाहता है तो मजिस्ट्रेट आपराधिक दंड प्रक्रिया [आरपीसी] की धारा 164 में उसका बयान दर्ज करेगा।
हालांकि जाने-माने क्रिमिनल लायर राकेश द्विवेदी कहते हैं कि अदालत चाहे तो उसी दिन आरोपी का कबूलनामा दर्ज कर सकती है लेकिन इससे पहले मजिस्ट्रेट को संतुष्ट होना चाहिए कि वह बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से बयान दे रहा है। अदालत में इस तरह स्वत: बोल देना काफी नहीं है। बयान दर्ज करने से पहले प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इस बयान के आधार पर दोषी ठहराकर सजा सुनाने पर सुप्रीमकोर्ट के वकील डीके गर्ग कहते हैं कि जहां कई आरोपी शामिल हों वहां एक आरोपी के जुर्म कबूल करने के बावजूद ट्रायल चलेगा और ट्रायल में कबूलनामे को अन्य सबूतों के साथ मिलाकर देखा जाएगा। हालांकि, कबूलनामा सजा का आधार हो सकता है।
देश के 60 शहरों में बसों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। बलात्कार व छेड़छाड़ जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही दिल्ली सहित देश के 60 बड़े शहरों में चलने वाली बसों में क्लोज सर्किट टेलीविजन [सीसीटीवी] कैमरे लगाए जाएंगे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन [जेएनएनयूआरएम] के दूसरे चरण में ऐसी बसें मुहैया कराएगा, जो सीसीटीवी से लैस होंगी। इन बसों में यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर कई अन्य सुविधाएं भी होंगी।
मंत्रालय ने बस निर्माताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे बसों में सिक्योरिटी कैमरा नेटवर्क सिस्टम लगाएंगे। इसके तहत बस के अंदर चार हाई रेजुलेशन क्षमता वाले कैमरे लगे होंगे। ये कैमरे वायरलेस लोकल एरिया नेटवर्क के माध्यम से कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। साथ ही इनमें 48 घंटे की रिकार्डिग की सुविधा होगी। इसे यूएसबी केबल के जरिये डाउनलोड किया जा सकेगा। एक कैमरा ड्राइवर के पास भी लगा होगा। ये कैमरे बसों के अंदर होने वाली सभी हरकतों को रिकार्ड करेंगे।
बसों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम [जीपीएस] लगा होगा। इससे बस की लोकेशन का पता चलेगा और इसकी जानकारी बस स्टाप पर लगे इन्फॉर्मेशन सिस्टम पर दिखाई देगा।
बलात्कार पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने पर विचार कर रहा महाराष्ट्र
मुंबई। बलात्कार और एसिड हमले के बढ़ते मामलों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार ऐसे हमलों की पीड़िताओं की चिकित्सा, कानूनी मदद, सलाह और पुनर्वास का खर्च वहन करने पर विचार कर रही है।
सरकार की योजना 'पीड़ित महिला नवजीवन योजना' के तहत न्याय पाने केलिए मुकदमा लड़ने व पुनर्वासन के लिए पीड़ितों को सरकार दो लाख रुपये सहायता मुहैया कराने की है। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने कैबिनेट की मंजूरी के लिए इस प्रस्ताव को तैयार किया है। जैसे ही हमले के मामले की खबर आएगी, पीड़िता को इलाज के लिए 20 हजार रुपये की सहायता मुहैया कराई जाएगी। इसके साथ ही 50 हजार रुपये कानूनी सहायता लिए दी जाएगी। बाद में पीड़िता के पुनर्वास के लिए 1.30 लाख रुपये दिए जाएंगे। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पूरी राशि पीड़िता के बैंक खाते में चरणबद्ध ढंग से जमा कर दी जाएगी। सूत्रों ने कहा कि विभाग द्वारा तैयार इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा गया है। उम्मीद की जाती है कि कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। पैसे बांटने के लिए सभी जिलों में एक कमेटी गठित की जाएगी।
जानवर भी ऐसा बर्ताव नहीं करते: अमिताभ
मुंबई। दिल्ली में 23 वर्षीय लड़की के सामूहिक दुष्कर्म की घटना को बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने शर्मनाक बताते हुए कहा है कि यह अक्षम्य अपराध है। ऐसा बर्ताव तो जानवर भी नहीं करते।
70 वर्षीय अभिनेता ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर लिखा, 'दिल्ली में हुई रविवार की घटना के बारे में बहुत कुछ कहना चाहता था, लेकिन इसकी क्रूरता ने मुझे विचलित कर दिया है। यह नृशंस और अक्षम्य है। इस सार्वजनिक मंच पर मैं बलात्कार की घटना का विस्तृत विवरण देने की हिम्मत नहीं कर पा रहा हूं। कानून, न्याय का डर तेजी से गायब होता जा रहा है। क्या यही आजादी है जिसके लिए हमारे बड़ों ने लड़ाई लड़ी थी।' बिग बी ने कहा, भारत में देवियों की पूजा की जाती है ऐसे में हम लड़कियों के साथ इतना बुरा बर्ताव कैसे कर सकते हैं। दुर्गा, लक्ष्मी, काली सभी देवियां हैं। हम उनकी पूजा और सम्मान करते हैं। महिलाओं का भी सम्मान करने की जरूरत है।
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने भी इस घटना पर ट्वीट किया, 'अपने ही देश में एक महिला निर्भीक होकर बस में सफर नहीं कर सकती। यह सिर्फ महिला के खिलाफ अपराध नहीं है। यह समाज के खिलाफ अपराध है। महिलाओं को कैसे कपड़े पहनने चाहिए कैसे बर्ताव करना चाहिए इस बारे में बहुत कुछ कहा जा चुका है। यह सब बेतुकी बातें हैं। एक महिला का बलात्कार इसलिए नहीं होता क्योंकि उसने छोटे कपड़े पहन रखे हैं या रात को बाहर निकली है..उसका रेप हुआ क्योंकि किसी ने उसका रेप किया। इसके लिए किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है।'
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