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ITBP Camp Incidence: घटना के दूसरे दिन जवानों ने नहीं खाया खाना, खून के छीटें बयां कर रहे हादसे की कहानी

ITBP Camp Incidence नारायणपुर जिले के कड़ेनार स्थित आईटीबीपी कैंप में बुधवार को हुई खून-खराबे में मारे गए जवानों के खून के छींटे दूसरे दिन तक फर्श और दीवारों पर नजर आए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 09:24 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 09:38 PM (IST)
ITBP Camp Incidence: घटना के दूसरे दिन जवानों ने नहीं खाया खाना, खून के छीटें बयां कर रहे हादसे की कहानी
ITBP Camp Incidence: घटना के दूसरे दिन जवानों ने नहीं खाया खाना, खून के छीटें बयां कर रहे हादसे की कहानी

नारायणपुर, जेएनएन।  ITBP Camp Incidence: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के कड़ेनार स्थित आईटीबीपी कैंप में बुधवार को हुई खून-खराबे की घटना में मारे गए जवानों के खून के छींटे दूसरे दिन तक फर्श और दीवारों पर नजर आए। गुस्र्वार को फॉरेंसिक टीम यहां जांच के लिए पहुंची। इसके बाद क्लीनिंग का काम हुआ। इस घटना के बाद पूरे कैंप में मातम का माहौल पसरा हुआ है। जवानों ने घटना की रात और दूसरे दिन सुबह तक भी खाना नहीं खाया था। इसके बाद जवानों को सांत्वना देने कैंप में पहुंचे आईटीबीपी के डीआईजी ने उनके साथ खाया खाना। कैंप में हर एक जवान के चेहरे पर इस दर्दनाक घटना से गमजदा होने का अहसास अब तक साफ नजर आ रहा है।

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आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों का दल पहुंचा

कड़ेनार कैम्प में आईटीबीपी के जवानों के बीच हुए खूनी संघर्ष में छह जवानों की मौत के बाद गुरुवार को आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों का दल हेलीकॉप्टर से कड़ेनार कैंप पहुंचा। यहां घटना के कारणों को जानने के लिए कैंप प्रभारी से लेकर जवानों से एक-एक कर बात करने के बाद अधिकारियों ने जवानों की सामूहिक बैठक ली। घटना के बाद तनाव के माहौल में जकड़े जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए आईटीबीपी के डीआईजी अवनीश कुमार और अन्य अधिकारियों ने उनके साथ दोपहर का भोजन किया।

डीआईजी ने जवानों से कई प्रेरक बातें कहीं 

जवानों के बीच आपसी गोलीबारी की घटना की वजह से कैम्प में जवानों के बीच उपजे मानसिक तनाव पैदा करने वाले माहौल को खत्म करने के लिए डीआईजी ने जवानों से कई प्रेरक बातें कहीं। अधिकारियों ने कहा की किसी भी जवान को किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत हो तो अपने शीर्ष अधिकारियों से बात कर समस्या का निराकरण करें। जवानों को समझाया गया कि कोई भी साथी यदि तनाव से गुजर रहा है तो वह अपने साथी के मन के बोझ को हलका करें और कैम्प प्रभारी को संबंधित जवान की गतिविधियों से वाकिफ कराएं।

फॉरेंसिक रिसर्च लैब टीम ने लिए सैंपल

वहीं जगदलपुर से पहुंची फॉरेंसिक रिसर्च लैब टीम (एफएसएल) के द्वारा कैम्प के अंदर बिखरे खून का सैंपल लिया। टीम ने करीब छह घंटे तक बारीकी से घटना स्थल की जांच की। घटना को अंजाम देने वाले जवान मसुदुल रहमान के बैरक और उनके हथियार की जांच की गई। वहीं गोलीबारी में मारे गए हेड कांस्टेबल दलजीत सिंह, महेंद्र सिंह, कांस्टेबल सुरजीत सरकार, विश्वरूप महतो और बृजेश के शव स्थल की भी पड़ताल की गई। घटना के दौरान पेड़ की टहनियों, बैरक के दरवाजे और दीवारों में लगी गोली के निशानों की फोटोग्राफी करने के बाद अन्य सैंपल एकत्रित किए गए।

कैंप का निरीक्षण करने आए आइटीबीपी के शीर्ष अधिकारियों में डीआईजी अवनीश कुमार, आईजी अनिल कुमार गौतम, एडीजी अरविंद कुमार, बस्तर आईजी पी सुंदर राज, एसपी मोहित गर्ग, कमांडेड 45 बटालियन सुरेश कुमार यादव समेत अन्य मौजूद रहे। जागरण से चर्चा में मोहित गर्ग ने बताया कि घटना की जांच के लिए एफएसएल टीम के द्वारा कड़ेनार कैम्प का दौरा किया गया। टीम द्वारा सैंपल लिया गया है। आईटीबीपी के अधिकारियों ने जवानों से बातचीत कर हादसे से उबरने और अपनी जिम्मेदारी को पूरी करने की समझाइश दी।  


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