इटली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं जाएगा गृह मंत्रालय
इतालवी नौसैनिकों से पूछताछ को लेकर गृह मंत्रालय को विदेश मंत्रालय के आगे झुकना पड़ा है। विदेश मंत्रालय के दबाव में गृह मंत्रालय ने पूछताछ के लिए इटली द्वारा अपने चार नौसैनिकों को नहीं भेजने की शिकायत के साथ सुप्रीम कोर्ट जाने का विचार त्याग दिया है। विदेश मंत्रालय का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के कड़े रु
नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। इतालवी नौसैनिकों से पूछताछ को लेकर गृह मंत्रालय को विदेश मंत्रालय के आगे झुकना पड़ा है। विदेश मंत्रालय के दबाव में गृह मंत्रालय ने पूछताछ के लिए इटली द्वारा अपने चार नौसैनिकों को नहीं भेजने की शिकायत के साथ सुप्रीम कोर्ट जाने का विचार त्याग दिया है। विदेश मंत्रालय का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद इटली के साथ टकराव की स्थिति हो सकती है, जो राजनयिक रूप से उचित नहीं होगा। अब नौसैनिकों से पूछताछ के लिए इटली को अनुरोध पत्र (एलआर-लेटर रोगेटरी) के साथ-साथ एनआइए की टीम भेजने का फैसला किया गया है।
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भारत आने को तैयार नहीं इतालवी नौसैनिक
दो इतालवी नौसैनिकों ने केरल के दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दोनों नौसैनिकों को सजा दिलाने के लिए उनके साथ मौजूद चार नौसैनिकों का बयान दर्ज करना जरूरी है। लेकिन इटली सरकार इन नौसैनिकों को भारत नहीं भेज रही है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मार्च में आरोपी इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ हत्या के मामले में एफआइआर दर्ज कर जांच जल्द पूरी करने का आदेश दिया था। इसके बाद अप्रैल में एनआइए ने एफआइआर दर्ज कर ली। लेकिन जहाज पर मौजूद अन्य इतालवी नौसैनिकों से पूछताछ नहीं होने के कारण जांच आगे नही बढ़ पा रही है।
अब गृह मंत्रालय अदालत के मार्फत एलआर भेजकर नौसैनिकों का बयान मंगाने के लिए तैयार हो गया है। लेकिन समस्या यह है कि एलआर पर कार्रवाई करने में कई देश सालों-साल लगा देते हैं। इससे बचने के लिए एलआर के साथ-साथ एनआइए की टीम को भी इटली भेजने का फैसला किया गया है, ताकि इसे तत्काल लागू कराया जा सके।
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