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Balakot airstrike: 'बालाकोट में मारे गए थे 170 आतंकी, 45 घायल आतंकियों का अब भी चल रहा इलाज'

फ्रांचेस्का दक्षिण एशिया मामलों की विशेषज्ञ हैं। वह पाकिस्तान का दौरा कर चुकी हैं और वहां के आतंकी संगठनों पर एक पुस्तक भी लिख चुकी हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 08 May 2019 10:35 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 10:20 AM (IST)
Balakot airstrike: 'बालाकोट में मारे गए थे 170 आतंकी, 45 घायल आतंकियों का अब भी चल रहा इलाज'
Balakot airstrike: 'बालाकोट में मारे गए थे 170 आतंकी, 45 घायल आतंकियों का अब भी चल रहा इलाज'

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान की लाख कोशिशों के बावजूद बालाकोट का सच छन-छनकर सामने आ रहा है। बालाकोट में एयर स्ट्राइक के तीन दिन बाद ही चश्मदीदों के बयान के आधार पर जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों के बड़ी संख्या में मारे जाने के तथ्य को उजागर करने वाली इतालवी स्वतंत्र पत्रकार फ्रांचेस्का मरीनो ने अब पूरी घटना का विस्तृत ब्योरा पेश किया है। उनके अनुसार एयर स्ट्राइक में करीब 170 आतंकी मारे गए। जबकि 45 घायल आतंकियों का अब भी इलाज चल रहा है।

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फ्रांचेस्का दक्षिण एशिया मामलों की विशेषज्ञ हैं। वह पाकिस्तान का दौरा कर चुकी हैं और वहां के आतंकी संगठनों पर एक पुस्तक भी लिख चुकी हैं। 'स्ट्रिंगर एशिया' में प्रकाशित उनकी रिपोर्ट के अनुसार, 26 फरवरी की तड़के 3.30 बजे भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक के ढाई घंटे बाद घटनास्थल से 20 किलोमीटर दूर पाकिस्तानी सेना के शिंकियारी कैंप से एक टुकड़ी वहां पहुंची थी।

उसके बाद मारे गए आतंकियों के शव ठिकाने लगाने और घायल आतंकियों को शिंकियारी में ही स्थित हरकत-उल-मुजाहिदीन के शिविर में ले जाने का काम शुरू हुआ। वहां पाकिस्तानी सेना के डॉक्टरों ने घायल आतंकियों का इलाज किया। इस दौरान गंभीर रूप से घायल 20 आतंकियों की मौत हो चुकी है, लेकिन अभी भी 45 आतंकियों का इलाज चल रहा है।

चुप रहने के लिए आतंकी परिवारों को दी गई मोटी रकम

सबसे बड़ी बात यह है पूरी तरह ठीक होने और अपाहिज होने वाले आतंकी अभी भी पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हैं और उन्हें अपने घरों को नहीं लौटने दिया गया है। हमले में मारे गए आतंकियों के परिवारों को चुप रखने के लिए जैश-ए-मुहम्मद सदस्यों के समूह उनके घर गए और रिश्वत के रूप में उन्हें मोटी रकम सौंपी।

दो अफगान समेत 11 ट्रेनर भी मारे गए

स्थानीय चश्मदीदों के मुताबिक, हमले में मारे गए आतंकियों में 11 ट्रेनर थे जो आइईडी बम बनाने से लेकर अत्याधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे। इनमें दो अफगानी भी थे।

इलाका अभी भी सेना के नियंत्रण में

मारिनो के मुताबिक, जैश के शिविर वाला बालाकोट का इलाका अभी भी पाकिस्तानी सेना की मुजाहिद बटालियन के नियंत्रण में है। इस बटालियन का कैप्टन रैंक का एक अधिकारी इलाके की निगरानी कर रहा है। शिविर तक जाने वाले कच्चे रास्ते पर पुलिस तक को जाने की इजाजत नहीं है।

जैश ने की थी बदला लेने की बात

एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने भले ही सच को छिपाने के लिए काफी लीपापोती करने की कोशिश की थी। लेकिन हमले के तीन दिन बाद चश्मदीदों के बयानों के आधार पर जैश-ए-मुहम्मद के कई दर्जन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हो गई थी। इसके अलावा जैश-ए-मुहम्मद सरगना और अंतराष्ट्रीय आतंकी मसूद अजहर के भाई ने भी एक जलसे में बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की बात स्वीकार की थी। यही नहीं, जैश नेतृत्व ने अपने लड़ाकों को सही वक्त पर बदला लेने का आश्वासन भी दिया था।

एनटीआरओ ने भी की थी पुष्टि

तकनीकी सर्विलांस रखने वाली भारतीय खुफिया एजेंसी एनटीआरओ ने भी हमले की रात वहां उपयोग होने वाले मोबाइल के आधार पर कैंप में 250 से 300 आतंकियों के होने की पुष्टि की थी।

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