सिख फार जस्टिस के एलान पर भड़के मंत्री बोले- खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम की घोषणा राष्ट्रद्रोह
जो भारत माता से प्यार करते हैं वे देश के मान सम्मान पर कभी आंच नहीं आने देंगे। चाहे गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस ये राष्ट्रीय पर्व हैं। अगर इस तरह की घटनाएं होंगी तो देश के सम्मान पर सवालिया निशान लग जाएगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रतिबंधित संगठन सिख फार जस्टिस द्वारा 26 जनवरी को खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को इनाम देने का एलान करने पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कड़ी निंदा करते हुए इसे देशद्रोह की संज्ञा दी है। चौधरी ने इसके साथ किसानों से 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली रद करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से देश के सम्मान को ठेस पहुंचती है। चौधरी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जो लोग 26 जनवरी को खालिस्तानी झंडा फहराने वाले को पुरस्कृत करने की घोषणा कर रहे हैं वे देश हित की बात नहीं कर रहे हैं। यह राष्ट्रद्रोह की बात है। पूरा देश देख रहा है कि कौन लोग यह बात कर रहे हैं।
चौधरी ने कहा कि जो भारत माता से प्यार करते हैं, वे देश के मान सम्मान पर कभी आंच नहीं आने देंगे। चाहे गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस, ये राष्ट्रीय पर्व हैं। अगर इस तरह की घटनाएं होंगी तो देश के सम्मान पर सवालिया निशान लग जाएगा। चौधरी ने कहा, 'मैं किसान नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे ट्रैक्टर रैली का कार्यक्रम रद कर दें ताकि देश का गौरव बरकरार रहे।' यह पूछे जाने पर कि क्या किसानों को ट्रैक्टर रैली या खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए उकसाया जा रहा है उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को यह समझना चाहिए यदि प्रारंभिक मांगों पर चर्चा की जाए तो समाधान निकल सकता है। अगर वे बातचीत नहीं करेंगे तो खालिस्तान के समर्थक या उनके कंधे पर बंदूक रखकर चलाने वाले अन्य स्वार्थी तत्व उनके आंदोलन का फायदा उठा लेंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों का बड़ा तबका नए कृषि कानूनों का पक्षधर है यह बात किसान नेताओं को समझनी चाहिए। उन्होंने किसान संगठनों से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ही इस मामले में अंतिम निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि हम पहले दिन से किसान नेताओं से कह रहे हैं कि किसान संगठन किसानों का हित ध्यान में रखकर अपनी मांग रखें तो कानूनों में संशोधन हो सकता है लेकिन जब कानूनों को पूरी तरह खत्म करने की बात होने लगी तो समझ में आ गया कि कहीं न कहीं राजनीति है।
वार्ता जारी रहनी चाहिए
रूपालाउधर कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बुधवार को कहा कि सरकार आंदोलित किसानों के साथ बातचीत जारी रखने के पक्ष में हैं। सरकार को विश्वास है कि बातचीत से समाधान निकल सकता है। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिसका समाधान बातचीत से ही हल हो सकता है।