सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोही मामले में 15 जुलाई तक वरिष्ठ पत्रकार को संरक्षण दिया
श्याम ने आरोप लगाया है कि दुआ ने अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट पाने के लिए मौतों और आतंकी हमलों का उपयोग करने का आरोप लगाया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 15 जुलाई तक वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ को उनके YouTube शो में हिमाचल प्रदेश के एक स्थानीय भाजपा नेता द्वारा उनके खिलाफ दायर राजद्रोह मामले में किसी भी आक्रामक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है। न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई सुनवाई में हिमाचल प्रदेश पुलिस को मामले में दुआ को गिरफ्तार करने से रोक दिया और अगले बुधवार को पत्रकार की याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया।
यह भी कहा कि पुलिस जांच में शामिल होने वाले दुआ को मामले में पुलिस के पूरक सवालों के जवाब देने की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने रविवार को राजद्रोह मामले में 'आगे के आदेश' तक दुआ को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की थी। शिमला जिले के कुमारसैन पुलिस स्टेशन में भाजपा नेता श्याम द्वारा 6 मई को छेड़खानी, सार्वजनिक उपद्रव, मुद्रण अपमानजनक सामग्री और सार्वजनिक उपद्रव के अपराधों के लिए आईपीसी प्रावधानों के तहत दुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और पत्रकार को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया।
श्याम ने आरोप लगाया है कि दुआ ने अपने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट पाने के लिए 'मौतों और आतंकी हमलों' का उपयोग करने का आरोप लगाया। बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तारी से राहत और कार्रवाई न किए जाने की मांग की थी। कोर्ट में दुआ के वकील ने एफआइआर का विरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र में बात रखने पर राजद्रोह का केस दर्ज होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इससे पहले दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार की शिकायत पर भी विनोद दुआ के खिलाख मामला दर्ज किया गया था। नवीन कुमार ने अपनी शिकायत में कहा है कि बीते कई माह से विनोद दुआ लगातार पूरे विश्व में भारत की छवि को खराब करने के साथ असामाजिक तत्वों को राजनीतिक आश्रय उपलब्ध कराने का कार्य कर रहे हैं।