परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की पूर्ण बैठक में उठ सकता है भारत की सदस्यता का मुद्दा
भारत ने 2016 में एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था, लेकिन चीन ने इसकी राह में रोड़ा अटका दिया।
नई दिल्ली, पीटीआइ। 48 देशों के परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की दो दिनों की बैठक में भारत अपनी सदस्यता के लिए नए सिरे से प्रयास कर सकता है। लातविया में समूह की बैठक होने जा रही है। गुरुवार को बैठक की प्रक्रिया शुरू हो गई।
भारत ने 2016 में एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था, लेकिन चीन ने इसकी राह में रोड़ा अटका दिया। बीजिंग ने इस बात पर जोर दिया कि नई दिल्ली ने परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं किया है। भारत को अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों से समर्थन मिलने की उम्मीद है। इन देशों ने क्लब में नई दिल्ली के शामिल होने का जोरदार तरीके समर्थन किया है।
तीन निर्यात नियंत्रण व्यवस्था 2016 में मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर), 2017 में आस्ट्रेलिया समूह और 2018 में वासेनार व्यवस्था का भारत सदस्य बन चुका है। मजेदार है कि इन तीनों समूहों में से किसी का भी चीन सदस्य नहीं है। बीजिंग से उसकी आपत्ति में नरमी बरतने के लिए नई दिल्ली संपर्क साध चुका है।