Move to Jagran APP

VIDEO: अंतरिक्ष में बजेगा भारत का डंका, अगले साल जनवरी में लॉन्च होगा चंद्रयान-2

इसरो ने ऐलान किया है कि चंद्रयान-2 मिशन को अगले साल जनवरी में लॉन्च होगा। इस मिशन के लॉन्च के साथ ही भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन जाएगा।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 04:13 PM (IST)
VIDEO: अंतरिक्ष में बजेगा भारत का डंका, अगले साल जनवरी में लॉन्च होगा चंद्रयान-2
VIDEO: अंतरिक्ष में बजेगा भारत का डंका, अगले साल जनवरी में लॉन्च होगा चंद्रयान-2

नई दिल्ली, जेएनएन। आखिरकार भारत के सबसे महात्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन की तारीख तय हो गई है। इसरो ने ऐलान किया है कि चंद्रयान-2 मिशन को अगले साल जनवरी में लॉन्च किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले मिशन लॉन्च की तारीख कई बार टल चुकी है। इस मिशन को पिछले साल 23 अप्रैल को अंजाम देना निर्धारित किया गया था। उसके बाद चंद्रयान-2 को अक्टूबर के पहले सप्ताह में भेजा जाना था, लेकिन फिर उसे दिसंबर, 2018 तक टाल दिया गया। इसरो ने बताया कि मार्च 2019 से पहले 19 स्पेस मिशन लॉन्च किए जाएंगे।

loksabha election banner

इस मिशन के लॉन्च के साथ ही भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन जाएगा। दरअसल, तकनीकी कारण को मिशन में देरी की वजह बताया गया। हालांकि अब इसरो के ऐलान के साथ जल्द ही भारत का सपना पूरे होने वाला है।

इसरो के अध्यक्ष का बयान 
इसरो के अध्यक्ष के सिवान ने कहा, 'जनवरी 2019 में GSLV-Mk-III-M1 के जरिये चंद्रयान-2 का मिशन लॉन्च किया जाएगा। हमने पूरे देश में विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की है। उन्होंने हमारे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह अब तक का सबसे जटिल मिशन होगा।' उन्होंने कहा, 'चंद्रयान-2 का व्यापाक वजन बढ़कर 3.8 टन हो गया है, जिसे जीएसएलवी द्वारा लॉन्च नहीं किया जा सकता है। हमने जीएसएलवी में बदलाव करके नए वर्जन के साथ इसे लॉन्च करने की योजना बनाई है। ये मिशन 3 जनवरी को लॉन्च किया जाएगा और 16 फरवरी को ये लैंड होगा। दक्षिणी ध्रुव के पास जाने वाला दुनिया में यह पहला मिशन होगा, यानी 72 डिग्री दक्षिण लैंडिंग साइट है।'

चांद तक पहुंचने की रेस में दो एशियाई देश  
बता दें कि अब तक अमेरिका, रूस और चीन पहले ही चांद पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। अब चांद तक पहुंचने की रेस में दो एशियाई देश भारत और इजरायल हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि भारत और इजरायल में से कोई सा देश चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बनेगा।

इसरो पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में उतारेगा यान
इस मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो पहली बार अपने यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश करेगा। भारत के चंद्रयान-1 अभियान ने ही पहली बार चांद पर पानी की खोज की थी। चंद्रयान-2 इसी अभियान का विस्तार है।

दूसरी चांद यात्रा, भारत की योजना
यह भारत की दूसरी चांद यात्रा है। भारत के मून रोवर की पहली तस्वीर इसरो के 800 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चंद्रयान- 2 मिशन का हिस्सा ही है। कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 मिशन के जरिए भारत दक्षिण ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग कर, छह पहियों वाले रोवर को स्थापित करने की तैयारी में है, ताकि चांद की सतह से जुड़ी जानकारियां हासिल करने की जा सकें। अपने इस मून मिशन के लिए भारत अपने सबसे भारी रॉकेट बाहुबली का इस्तेमाल कर रहा है।

ऐसे काम करेगा चंद्रयान-2
जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के बाद, लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। लैंडर के अंदर लगे 6-पहिए वाले रोवर अलग हो जाएंगे और चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ेंगे। रोवर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चंद्रमा की सतह पर 14 दिन तक रह पाएगा और 150-200 किमी तक चलने में सक्षम होगा। इसरो के चेयरमैन ने बताया कि रोवर फिर 15 मिनट के भीतर चंद्रमा की सतह के आंकड़े और छवियों को पृथ्वी पर भेज देगा। 14 दिनों के बाद रोवर स्लीप मोड में जाएगा।

इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 यान का वजन 3,290 किलो है और यह चंद्रमा के चारों ओर चक्कर काटेगा और उसका अध्ययन करेगा। यान के पेलोड चांद की सतह से वैज्ञानिक सूचनाएं और नमूने एकत्र करेंगे। यह पेलोड चांद के खनिज, तत्वों की संरचना, चांद के वातावरण और वाटर आइस का भी अध्ययन करेगा। इसरो ने अपना पहला चंद्र अभियान चंद्रयान-1 वर्ष 2008 में लॉन्च किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.