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Chandrayaan 2: पृथ्वी की अगली कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-2, जानिए- कब तक पहुंचेगा चंद्रमा की कक्षा में

चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण के बाद इसकी मॉनिटरिंग करने वाली टीम की ओर से लगातार इसकी स्‍थिति के बारे में जानकारियां उपलब्‍ध कराई जा रही है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 04:39 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 10:24 PM (IST)
Chandrayaan 2: पृथ्वी की अगली कक्षा  में पहुंचा चंद्रयान-2,  जानिए- कब तक पहुंचेगा चंद्रमा की कक्षा में
Chandrayaan 2: पृथ्वी की अगली कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-2, जानिए- कब तक पहुंचेगा चंद्रमा की कक्षा में

नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत के दूसरे मून मिशन पर निकला चंद्रयान-2 धीरे-धीरे और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि पृथ्वी की कक्षा में 22 जुलाई को पहुंचने वाले चंद्रयान-2 की बुधवार को पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली गई है। चंद्रयान-2 को पृथ्वी की अगली कक्षा में पहुंचा दिया गया है।

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कक्षा परिवर्तन के दौरान अंतरिक्षयान को दूसरी ऊंची कक्षा में स्थापित किया जाता है। इसरो ने बताया कि कक्षा परिवर्तन की यह प्रक्रिया बुधवार को दिन के 2.52 बजे पूरी हुई। अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि चंद्रमा की तरफ रवाना होने से पहले पृथ्वी का चक्कर लगा रहा चंद्रयान-2 छह अगस्त तक चार बार अपनी कक्षा बदलेगा। अब 26 जुलाई को तड़के 1.09 बजे चंद्रयान-2 की कक्षा दूसरी बार बदली जाएगी।

इसरो ने बताया कि तय कार्यक्रम के मुताबिक 20 अगस्त तक चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। जबकि, 7 सितंबर को रोवर प्रज्ञान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।इसरो ने बताया कि लांच के बाद चंद्रयान-2 को पृथ्वी से कम दूरी वाले कक्ष में170 किलोमीटर पर स्थापित किया गया था। बुधवार को सफलतापूर्वक इसकी कक्षा बढ़ाई गई और उसे पृथ्वी की कक्षा में 230 किलोमीटर पर स्थापित कर दिया गया।

14 अगस्त तक चंद्रयान-2 चंद्रमा के करीब वाले कक्ष में पहुंच जाएगा। जहां से उसे 20 अगस्त तक चंद्रमा के कक्ष में प्रवेश कराया जाएगा। पृथ्वी से अपनी रवानगी के 48 दिन बाद चंद्रयान-2 चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। 3,850 किलोग्राम के चंद्रयान-2 के तीन हिस्से ऑर्बिटर, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान हैं। ऑर्बिटर एक साल तक चंद्रमा की परिक्रमा करेगा जबकि लैंडर विक्रम चांद की सतह पर उतरेगा। इसके बाद 7 सितंबर को विक्रम से रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इस दौरान रोवर चंद्रमा की सतह पर परीक्षण और जांच करेगा।


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