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Video: सिंगापुर के तीन उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी 53 का सफल प्रक्षेपण, जानें क्‍यों खास है यह मिशन

सिंगापुर के तीन वाणिज्यिक उपग्रहों को साथ लेकर ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी53 गुरुवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हो गया। यह अंतरिक्ष एजेंसी की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 06:55 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 01:01 AM (IST)
Video: सिंगापुर के तीन उपग्रहों के साथ पीएसएलवी-सी 53 का सफल प्रक्षेपण, जानें क्‍यों खास है यह मिशन
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी53 गुरुवार को श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हो गया।

श्रीहरिकोटा, पीटीआइ। इसरो ने एक सप्ताह के भीतर अपने दूसरे मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। गुरुवार को सिंगापुर के तीन उपग्रहों के साथ धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी53 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया। पीएसएलवी-सी53 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआइएल)का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन है। इससे पहले 23 जून को इसरो ने एनएसआइएल के लिए बनाए गए नए संचार उपग्रह जीसैट-24 को लांच किया था। इसकी लांचिंग फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कोउरू से की गई थी।

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तीनों उपग्रहों को अभीष्ट कक्षा में स्थापित किया

गुरुवार को 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी53 को सिंगापुर के तीन उपग्रहों 365 किग्रा के 'डीएस- ईओ', और '155 किलोग्राम के न्यूसर' और सिंगापुर के नानयांग टेक्नालाजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के 2.8 किलोग्राम के स्कूब-1 उपग्रह के साथ सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया गया। इन तीनों उपग्रहों को अभीष्ट कक्षा में स्थापित किया।

तीनों उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित किया

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पुष्टि की कि मिशन ने अपने इच्छित उद्देश्य को प्राप्त किया। प्रक्षेपण यान ने तीनों उपग्रहों को 10 डिग्री झुकाव के साथ 570 किमी की सटीक कक्षा में स्थापित किया। सोमनाथ ने लांच के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर से अपने संबोधन में कहा, 'आज के मिशन के साथ इन तीनों उपग्रहों को सही कक्षा में स्थापित कर दिया गया है।'

पीएसएलवी का 55वां मिशन

एनएसआइएल के सीएमडी डी राधाकृष्णन ने कहा कि सिंगापुर के साथ उनका जुड़ाव काफी लंबा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कई मिशनों पर काम किया जाएगा। इससे पहले प्रक्षेपण यान ने 25 घंटे की उल्टी गिनती के अंत में शाम 6.02 बजे उड़ान भरी। यह पीएसएलवी का 55वां मिशन है।

दिन और रात, सभी मौसम में तस्वीरें भेजने में सक्षम

'डीएस- ईओ' में इलेक्ट्रो-आप्टिक, मल्टी-स्पेक्ट्रल पेलोड होता है जो भूमि वर्गीकरण के लिए पूर्ण रंगीन तस्वीरें भेजेगा। इसके साथ ही मानवीय सहायता और आपदा राहत आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा। न्यूसर सिंगापुर का पहला छोटा वाणिज्यिक उपग्रह है जो एआर पेलोड ले जाता है, जो दिन और रात में और सभी मौसम में तस्वीरें भेजने में सक्षम है। सिंगापुर के नानयांग टेक्नालाजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) स्कूब-1 सिंगापुर के स्टूडेंट सैटेलाइट सीरीज का पहला उपग्रह है।

'अगले साल तक गगनयान मिशन संभव नहीं'

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन इस साल या अगले साल नहीं हो सकता। इस मिशन से पहले सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है। गगनयान देश की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान है। इसरो प्रमुख ने कहा, 'यह बहुत ही महत्वपूर्ण मिशन है। सुरक्षा को लेकर परीक्षण किए जा रहे हैं। हम और अधिक बार परीक्षण कर रहे हैं, हम इसे बहुत सावधानी से करना चाहेंगे। चंद्रयान-3 के बारे में सोमनाथ ने कहा कि वर्तमान में बहुत सारे परीक्षण चल रहे थे। इस बार हमें चांद पर जाने की कोई जल्दी नहीं है।


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