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आउटसोर्सिग को बढ़ावा देकर दोगुने उपग्रह तैयार करेगा इसरो

इसरो के चेयरमैन किरन कुमार का कहना है कि उद्योग जगत के साथ मिलकर बेहतरीन काम किया जा रहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 06 Nov 2017 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 06 Nov 2017 06:38 PM (IST)
आउटसोर्सिग को बढ़ावा देकर दोगुने उपग्रह तैयार करेगा इसरो
आउटसोर्सिग को बढ़ावा देकर दोगुने उपग्रह तैयार करेगा इसरो

हैदराबाद, प्रेट्र। इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गनाइजेशन) अब अपने काम की रफ्तार को दोगुना करने जा रहा है। सालाना नौ से दस उपग्रह बनाकर अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं, लेकिन अब लक्ष्य है कि 12 से 18 उपग्रह बनाकर हर साल अंतरिक्ष में लांच किए जाएं।

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जाहिर है काम बढ़ेगा तो दबाव में भी इजाफा होगा। इसके लिए एजेंसी ने योजना बनाई है कि आउटसोर्सिग के जरिये काम को सिरे चढ़ाया जाए। इससे कार्यक्षमता में बढ़ोतरी होने के साथ इसरो की भागीदार कंपनियां भी अपेक्षाकृत तेजी से विकास करेंगी।

इसरो निजी उद्योगों की सहायता अभी भी बहुत से कामों में लेती है। इसमें अंतरिक्ष यान, लांच व्हीकल, योजना के जमीनी क्रियान्वयन का काम शामिल है। इसरो सैटेलाइट सेंटर (आइएसएसी) के निदेशक मिलस्वामी अन्नादुरई का कहना है कि बदलते समय के साथ जरूरतें बढ़ रही हैं। सारा काम इसरो खुद नहीं कर सकता, इस वजह से आउटसोर्सिग को बढ़ावा देने पर विचार किया जा रहा है। 2018-19 के सत्र से उपग्रह लाचिंग को दोगुना करने की योजना है। गौरतलब है कि इसरो तकरीबन पांच सौ छोटे, मध्यम व बड़े उद्योगों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

इसरो के चेयरमैन किरन कुमार का कहना है कि उद्योग जगत के साथ मिलकर बेहतरीन काम किया जा रहा है। उनका कहना है कि लाचिंग से जुड़ा 80 फीसद काम उद्योगों के जरिये किया जा रहा है। अब योजना है कि लांच का 8 से 10 फीसद काम इसरो करे और बाकी सारा उद्योगों के जरिये सिरे चढ़ाया जाए। जैसे-जैसे उद्योगों की क्षमता में बढ़ोतरी होगी, उन पर काम का दबाव और बढ़ाया जाएगा। उनका कहना है कि 2020-21 तक उद्योगों के साथ मिलकर उपग्रह निर्माण की योजना है। सरकार से अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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