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ISRO में मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मांगे गए प्रस्‍ताव

भारत में इसरो द्वारा सुनिश्‍चित मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के तकनीकों के विकास के लिए प्रस्‍ताव मांगे गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 04:41 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 07:14 PM (IST)
ISRO में मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मांगे गए प्रस्‍ताव
ISRO में मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मांगे गए प्रस्‍ताव

बेंगलुरु, प्रेट्र। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्‍थान (Indian Space Research Organisation) ने शुक्रवार को स्‍वदेशी तकनीकों के विकास के लिए प्रस्‍तावों को आमंत्रित किया है। यह आमंत्रण भारतीय मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम व अन्‍य अंतरिक्ष शोधों के लिए है। इसरो के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम निदेशालय ने 18 संभावित प्रौद्योगिकी विकास क्षेत्रों के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

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भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ 2022 में लांच किया जाएगा। इसके लिए मॉस्‍को में भारतीय वायुसेना के चार लड़ाकू पायलट की ट्रेनिंग चल रही है मिशन के लिए वे ही उम्मीदवार भी होंगे। 18 क्षेत्रों में प्रस्तावों को दाखिल करने के लिए 15 जुलाई अंतिम तिथि तय की गई है। इन क्षेत्रों में रेडिएशन खतरों की पहचान व इसके प्रभाव को कम करने की तकनीक, अंतरिक्ष भोजन व संबंधित प्रौद्योगिकियां, मानव रोबोटिक इंटरफेस, पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली, लंबी अवधि के मिशनों के लिए मानवीय मनोविज्ञान और कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।

निदेशालय ने अपनी अवसर की घोषणा (एओ) में कहा, ‘स्पेस रिसर्च के लिए पृथ्वी की निचली कक्षाओं में और उससे आगे भी मानव के जीवित रहने में मददगार किफायती और स्वदेशी अत्याधुनिक तकनीकों के विकास के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान/अकादमिक संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित हैं।’

एओ में कहा गया है कि प्रस्ताव का मुख्य रिसर्चर आवश्यक जानकारी दे और तकनीक के इस्तेमाल के बारे में बताए या मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐसे समाधान मुहैया कराए, जो सामर्थ्य और स्वदेशीकरण के संदर्भ में अंतर का पाट सके और अंतरिक्ष ले जाने योग्य पेलोड विकसित करने की क्षमता भी रखता हो। उसने कहा कि प्रस्तावों की छंटनी के लिए इसरो एक चयन समिति गठित करेगा। इनकी छंटनी वैज्ञानिक लाभ, प्रासंगिकता, तकनीकी विषय वस्तु और व्यवहार्यता के पहलुओं को ध्यान में रखकर की जाएगी।

वर्ष 2022 के लिए सुनियोजित गगनयान भारत का पहला मानव सहित मिशन है। इसके लिए मॉस्‍को में चार भारतीय वायु सेना के पायलट इसके लिए ट्रेनिंग ले रहे हैं। इन प्रस्‍तावों के सबमिशन की आखिरी तारीख 15 जुलाई सुनिश्‍चित की गई है।


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