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नासा और स्पेसएक्स को मानवयुक्त मिशन के लिए इसरो ने बधाई देते हुए कहा- शानदार

इसरो की तरफ से सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा गया है कि साल 2011 के बाद पहले एतिहासिक मानवयुक्त मिशन के लिए नासा और स्पेसएक्स को बधाई। बहुत शानदार काम।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 02:08 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 02:25 PM (IST)
नासा और स्पेसएक्स को मानवयुक्त मिशन के लिए इसरो ने बधाई देते हुए कहा- शानदार
नासा और स्पेसएक्स को मानवयुक्त मिशन के लिए इसरो ने बधाई देते हुए कहा- शानदार

बेंगलुरु, पीटीआइ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) ने नासा और स्पेसएक्स को उनके मानवयुक्त मिशन के लिए मुबारकबाद दी है। और इस मिशन को एतिहासिक बताया है। इसरो की तरफ से सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लिखा गया है कि साल 2011 के बाद पहले एतिहासिक मानवयुक्त मिशन के लिए  नासा और स्पेसएक्स को बधाई। बहुत शानदार काम। 

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फ्लोरिडा में कैनडी स्पेस सेंटर से भरी उड़ान

स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने दो नासा अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रविवार को फ्लोरिडा में कैनडी स्पेस सेंटर से एक एतहासिक लॉन्च के बाद इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्टेशन से सफल उड़ान भरी। इस उड़ान के बाद ही अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। 

21 घंटे का रहा सफर

बता दें कि रॉबर्ट बेनकेन और डगलस हर्ले नाम के अतंरिक्ष यात्री ने इस अभियान के लिए उड़ान भरी है। 21 जुलाई 2011 के बाद पहली पार अमेरिकी धरती से पहला मानव मिशन अंतरिक्ष भेजा गया है। 19 घंटे के सफर के बाद दोनों यात्री आइएसएस पहुंत गए। इस सफल अभियान के बाद कंपनी के मालिक ने  जबरदस्त उत्साह दिखाया। ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी निजी कंपनी ने अंतरिक्ष यात्रियों को लॉन्च किया है। 

सफल रहा अभियान

इस पूरे अभियान की सफलता के बाद एलन मास्क दोनों बाहें हवा में फैलाए नजर आए थे। उन्होंने अपने अनुभव शेयर करते हुआ कहा था कि कैनेडी स्पेस स्टेशन से फॉल्कन 9 रॉकेट में नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों को सफलतापूर्वक आईएसएस के लिए रवाना करने के बाद वह काफी भावुक हुए थे। 

भारत भी कर रहा है तैयारी

बता दें भारत भी अपने पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान गगनयान की तैयारी कर रहा है। साल 2022 में इस महत्वाकाक्षी परियोजना का भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर शुरू होने की आशा है। 10,000 करोड़ की यह योजना है। इस अभियान के लिए भारतीय वायुसने के चार पायलट मॉस्को में प्रशिक्षण भी ले रहे हैं और उन्हें इस परियोजना का संभाावित उम्मीदवार भी माना जा रहा है। 


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