Move to Jagran APP

कश्मीर को लेकर आइएस के खतरनाक इरादे, गतिविधि तेज करने के मिले संकेत

पिछले कुछ हफ्तों के दौरान आइएस ने कश्मीर में अपनी जड़ जमाने और आतंकी गतिविधियों को तेज करने के संकेत देने शुरु किये हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 27 Dec 2017 08:58 PM (IST)Updated: Wed, 27 Dec 2017 08:58 PM (IST)
कश्मीर को लेकर आइएस के खतरनाक इरादे, गतिविधि तेज करने के मिले संकेत
कश्मीर को लेकर आइएस के खतरनाक इरादे, गतिविधि तेज करने के मिले संकेत

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के बढ़ते दबाव की वजह से कश्मीर में स्थानीय व पाक समर्थित आतंकियों के पांव उखड़ रहे हैं लेकिन देश की सुरक्षा एजेंसियां अब एक नई तरह की चिंताओं से दो-चार है। यह चिंता किसी और से नहीं बल्कि कुख्यात आतंकी संगठन आइएसआइएस की तरफ से आई है।

loksabha election banner

पिछले कुछ हफ्तों के दौरान आइएस ने कश्मीर में अपनी जड़ जमाने और आतंकी गतिविधियों को तेज करने के संकेत देने शुरु किये हैं। आइएसआइएस के साथ ही एक अन्य आतंकी संगठन अल-कायदा की तरफ से भी इस तरह के वीडियो व सोशल साइट्स पर सूचनाएं दी जा रही है जिसमें कश्मीर में 'जिहाद' के नाम पर सहयोग मांगा गया है।

आइएसआइएस से सीधा संबंध रखने वाली दो एजेंसियों अल करार और निदा-ए-हक ने पिछले दो हफ्तों के दौरान कुछ वीडियो जारी किये हैं जिसमें सीधे तौर पर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को जारी रखने का आह्वान किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस्लामिक एस्टेट ऑफ जम्मू व कश्मीर (आइएसजेके) जिहाद को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार है। यह वीडियो पाकिस्तान के कुछ अहम पत्रकारों को मुहैया करवाया गया है।

इसमें एक उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को भी भला-बुरा कहा गया है और इन सभी संगठनों को आइएस के झंडे तले अपनी लड़ाई शुरु करने को कहा गया है। एक वीडियो में कश्मीरी मुसलमानों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का भी विरोध करने और बड़े पैमाने पर धरना-प्रदर्शन करने को कहा गया है।

कुछ ही दिन पहले इसी तरह का एक अन्य वीडियो भारतीय महाद्वीप में अल कायदा (एक्यूआइएस) ने भी जारी किया था। एक वीडियो अल कायदा की तरफ से मंगलवार को भी जारी किया गया है। देश की खुफिया एजेंसियां काफी सतर्क हैं और उनकी एक एक गतिविधियों व सूचनाओं पर नजर रखी जा रही है। लेकिन, इनका मानना है कि दुनिया के अधिकांश कोने से भाग रहे ये संगठन कश्मीर के जरिए प्रचार पाने की कोशिश कर रहे हैं।

खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि ऐसा लगता है कि दोनों आतंकी संगठन कश्मीर को लेकर एक तरह से 'प्रोपगंडा' युद्ध में एक दूसरे को पछाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह कश्मीर में लगातार पिट रहे आतंकियों को एकजुट करने की पाकिस्तानी कोशिश भी हो सकती है। कश्मीर में आतंकी संगठनों के हौसले दिनों दिन पस्त होते जा रहे हैं। पाक समर्थित आतंकियों को बड़े पैमाने पर मौत के घाट उतारा जा चुका है।

देश की खुफिया एजेंसियों को समय समय पर कश्मीर में आइएस व अल-कायदा के इरादों को लेकर सूचनाएं मिलती रही हैं लेकिन यह पहला मौका है जब इनकी तरफ से लगातार सार्वजनिक तौर पर संकेत दिए जा रहे हैं। नवंबर, 2017 में जम्मू व कश्मीर पुलिस के एक सब-इंसपेक्टर को बहुत ही बेरहमी से हत्या की गई थी। बाद में आइएसआइएस से जुड़ी एक सोशल मीडिया एजेंसी ने इसका श्रेय लेते हुए कहा था कि उसने कश्मीर घाटी में आपरेशन शुरु कर दिया है। इसके पहले कई बार आतंकियों के शव-प्रदर्शन के दौरान आइएसआइएस के झंडे या उसके समर्थन वाले बैनर को लहराने वाली घटनाएं भी सामने आई है। सबसे पहले वर्ष 2015 में कश्मीर घाटी में आइएस के झंडे लहराये गये थे।

यह भी पढ़ें: पंजाब में ISI के सहयोग से KLF सक्रिय, 136 हिंदू नेता आतंकियों के निशाने पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.