पाक जासूसों के निशाने पर सुरक्षाबल, महिला बनकर करते हैं चैटिंग, सेना ने सुझाया बचने का ये तरीका
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ सोशल मीडिया पर सुरक्षाबलों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है।
नई दिल्ली, एएनआइ। भारतीय सेना ने अपने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ सोशल मीडिया पर सुरक्षाबलों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। हाल ही में आइएसआइ ने सेना के एक अफसर को पाकिस्तान के संदिग्ध वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया था। इसके बाद सेना ने अधिकारियों को वॉट्सएप सेटिंग्स बदलने की हिदायत दी है।
सेना के 11 नवंबर को जारी पत्र के अनुसार पाकिस्तान के संदिग्ध फोन नंबर +9230332569307 ने सेना के एक अधिकारी को वॉट्सएप ग्रुप में जोड़ लिया था। अधिकारी ने बुद्धिमानी का परिचय देते हुए, ग्रुप छोड़ने से पहले उसका स्क्रीनशॉट ले लिया। अगर अधिकारी के वॉट्सएप सेटिंग्स में अनाधिकृत या अवांछित समूहों को प्रतिबंधित कर दिया जाता, तो यह स्थिति टाली जा सकती थी।
परिवार की जासूसी की कोशिश
सेना ने कहा कि इस घटना से स्पष्ट था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लोग सैन्य अफसरों को निशाना बना रहे हैं। पहले भी वॉट्सएप जैसे चैटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए सुरक्षाबलों के परिवार की जानकारी जुटाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सैन्य अधिकारियों और उनके परिवार को अपने वॉट्सएप चैट नंबर की सेटिंग बदलकर, उसकी पहुंच केवल कांटेक्ट लिस्ट में शामिल लोगों तक सीमित कर देनी चाहिए।
हनी-ट्रैप का शिकार
सेना की एडवाइजरी में कहा गया कि आइएसआइ के जासूस, खुफिया और संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए जवानों और अफसरों से चैटिंग करते हैं। हाल ही में सेना के दो जवानों को सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी जासूसों ने हनी-ट्रैप किया था। पिछले कुछ सालों में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब सेना के वरिष्ठ अफसरों तक को इन जासूसों ने अपने जाल में फंसा लिया था।