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कंधार हाइजैक के पीछे था पाक खुफिया एजेंसी ISI का हाथ : अजित डोभाल

अजित डोभाल का कहना है कि दिसंबर 1999 में काटठमांडूू से दिल्‍ली आ रही IC 814 फ्लाइट को हाइजैक कराने के पीछे आईएसआई का हाथ था। एक किताब में उन्‍होंने इसका जिक्र किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 15 Jan 2017 10:52 AM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2017 07:50 PM (IST)
कंधार हाइजैक के पीछे था पाक खुफिया एजेंसी ISI का हाथ : अजित डोभाल
कंधार हाइजैक के पीछे था पाक खुफिया एजेंसी ISI का हाथ : अजित डोभाल

नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का कहना है कि 1999 में हुए कंधार विमान हाइजैक के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ था। उनके मुताबिक 1999 में इंडियन एयरलाइंस के जिस विमान का अपहरण किया गया था, उसके अपहरणकर्ताओं को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पूरा समर्थन मिला हुआ था। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने इसका जिक्र मायरा मैकडॉनल्ड की किताब 'डिफीट इज ऐन ऑर्फन: हाउ पाकिस्तान लॉस्ट द ग्रेट साउथ एशियन वॉर' में किया है। दिसंबर 1999 में सामने आए इस संकट को खत्म करने और बंधकों को छुड़ाने के लिए बातचीत करने वालों में डोभाल भी शामिल थे।

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इस वजह से लंबा चला था बंधक संकट

न्यूज एजेंसी रायटर्स की पूर्व इंडिया ब्यूरो चीफ मायरा मैकडॉनल्ड ने 'डिफीट इज ऐन ऑर्फन: हाउ पाकिस्तान लॉस्ट द ग्रेट साउथ एशियन वॉर' नाम से एक किताब लिखी है। उन्होंने बताया कि आईएसआई के समर्थन की वजह से ही बंधक संकट काफी लंबे वक्त तक खींचा।

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आईएसआई का आतंकियों को समर्थन

डोभाल ने बताया कि अगर तालिबानी अपहरणकर्ताओं को आईएसआई का समर्थन नहीं होता तो भारत ने इस संकट का समाधान कर लिया होता। उन्होंने कहा, 'कंधार में विमान के पास बहुत से तालिबान आतंकी थे और उनके पास हथियार थे।' जब आतंकियों से बातचीत करने वाली टीम मौके पर पहुंची तो उसे एक अन्य चीज के बारे में पता चला। यह चीज थी मामले में आईएसआई की दखलअंदाजी।

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हाईजैक विमान के पास थे दो आईएसएस अधिकारी

डोभाल ने कहा, 'विमान के पास आईएसआई के दो लोग खड़े थे। जल्द ही कई और वहां आ गए। उनमें से एक लेफ्टिनेंट कर्नल और दूसरा मेजर था। उन्होंने पाकिस्तान में काम करते हुए कई साल बिताए थे। चीजें तब और खराब हो गईं जब भारतीय अधिकारियों को मालूम हुआ कि अपहरणकर्ता सीधे आईएसआई अधिकारियों से बात कर रहे थे। वहां पर जो कुछ भी हो रहा था, उसके बारे में हमें जानकारी मिल रही थी। अगर इन लोगों को आईएसआई की तरफ से खुला समर्थन नहीं मिल रहा होता तो हमने बंधक संकट को खत्म कर दिया होता।'

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आईएसआई खत्म कर रही सभी कोशिश

डोभाल ने किताब में लिखा, 'हमने अपहरणकर्ताओं पर जो भी दबाव बनाया था, आईएसआई ने उसे खत्म कर दिया।' बता दें कि यह बंधक संकट तब खत्म हुआ था जब भारत ने तीन आतंकवादियों मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुस्ताक जरगर को रिहा किया था। डोभाल ने इन तीनों को आईएसआई समर्थित आतंकवादी करार दिया।

काठमांडू से दिल्ली आते हुए हाईजैक हुुआ था प्लेन

गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को तब अपहृत कर लिया गया था जब वह काठमांडू से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। इस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मैंबर सवार थे। आतंकियों और भारत सरकार के बीच हुई बातचीत के दौरान ही आतंकियों ने इस विमान में सवार एक यात्री रुपन कात्याल की हत्या कर दी थी। अपहरणकर्ता इस विमान को अमृतसर, लाहौर, दुबई के बाद कंधार ले गए थे। काफी कोशिशों के बाद इस विमान को 31 दिसंबर 1999 को आतंकियों के कब्जे से छुड़ा़ लिया गया था। इसके बदले में भारत को तीन आतंकी मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद और मौलाना मसूद अजहर को छोड़ना पड़ा था।

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