क्या ईराकी विदेश मंत्री दे पाएंगे लापता भारतीयों की खबर!
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ईराक काफी अहम है क्योंकि वह भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आतंकी संगठन इस्लामिक एस्टेट (आइएसआइएस) की तरफ से अगवा 39 भारतीयों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। सरकार की अंतिम उम्मीद ईराक के विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जवाहरी पर टिकी हुई है जो अगले सोमवार को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। ईराक के शहर मोसुल से आइएसआइएस के खात्मे के बाद इराक के विदेश मंत्री पहली बार भारत आ रहे हैं। वैसे तो इनकी यात्रा के दौरान पेट्रोलियम क्षेत्र में सहयोग पर काफी अहम वार्ता होनी है लेकिन लापता भारतीयों का मुद्दा भी काफी अहम रहेगा। इब्राहिम 24 से 28 जुलाई तक भारत के दौरे पर रहेंगे।
आईएसआइएस की तरफ से वर्ष 2014 में अगवा 39 भारतीयों के हालात को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। लापता भारतीयों में अधिकांश पंजाब प्रांत के हैं। इनके संबंधी पिछले हफ्ते विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलने गये थे जहां उन्हें बताया गया कि भारतीयों के किसी दूसरे शहर के जेल में होने के आसार हैं और इराक के अधिकारियों से मिल कर उनका पता लगाने की कोशिश की जा रही है। मोसुल से आइएस के भागने के तुरंत बाद ही विदेश राज्य मंत्री जेनरल वी के सिंह भी इराक गये थे लेकिन वहां इन भारतीयों के बारे में कोई खबर नहीं लग पाई।
अभी तक भारतीय अधिकारियों को अपुष्ट सूत्रों से यह खबर मिल रही थी कि अगवा भारतीय मोसुल के एक चर्च में बंद हैं लेकिन बाद में यहां भी कोई खबर नहीं मिली। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक एक शक यह भी है कि मोसुल को जब वहां के नागरिकों ने सामूहिक तौर पर छोड़ा होगा तो ये भारतीय उनके साथ छिप छिपा कर दूसरी जगह चले गये होंगे। इस बारे में ईराक के अधिकारियों से मदद मांगी गई है। हालांकि ईराक ने साफ तौर पर कहा है कि उन्हें मोसुल में अभी तक किसी भी भारतीय के जिंदा या मुर्दा होने की खबर नहीं मिली है। बहरहाल, भारत एक बार फिर ईराक के विदेश मंत्री से इस बारे में आग्रह करेगा।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए ईराक काफी अहम है क्योंकि वह भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश है। अभी जबकि वैश्विक बाजार में क्रूड की कीमतों काफी नरम है और ईरान के साथ क्रूड खरीदने को लेकर बात नहीं बन पा रही है तो भारत के लिए ईराक की अहमियत और बढ़ गई है। भारत ने पहले ही ईराक को आग्रह किया था कि वह उसे अपने यहां तेल ब्लाक आवंटित करे ताकि भारतीय कंपयिनां वहां निवेश कर सके। इससे दोनों देशों का फायदा होगा। सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी वहां कई वर्षों से तेल ब्लाक खरीदने की असफल कोशिश कर रही है। देखना होगा कि अब नए माहौल में ईराक इसके लिए तैयार होता है या नहीं। भारत व ईराक के बीच पिछले वर्ष 13 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था।
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