ईरानी मिशन ने तमिलनाडु के जेल अधीक्षक को बताया हिट मैन, मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
ईरानी वाणिज्य दूतावास की याचिका में कहा गया है कि जेल अधीक्षक सभी जांच को आसानी से निरस्त करने में सक्षम हैं क्योंकि किसी में उनके खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। तमिलनाडु के एक जेल अधीक्षक को ईरानी महावाणिज्य दूतावास ने कथित तौर पर जेल विभाग का हिट मैन करार दिया है। दूतावास ने कहा कि उसे अपने दो नागरिकों को बचाने की खातिर सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। ईरान के नागरिक नार्कोटिक ड्रग्स साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम मामले में जेल में बंद हैं। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और हृषिकेश रॉय ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ इस याचिका को वापस लेने की अनुमति चाहते हैं। यह अनुमति उनको दी जाती है।
याचिका में दी गई दलील, जेल अधीक्षक ने किए अत्याचार
ईरानी वाणिज्य दूतावास की याचिका में कहा गया है कि जेल अधीक्षक सभी जांच को आसानी से निरस्त करने में सक्षम हैं, क्योंकि किसी में उनके खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं है। विदेशी होने के नाते दोषी ने किसी तरह याचिकाकर्ता (ईरान के वाणिज्य दूतावास) से संपर्क करने का साहस किया है। वकील राजीव रहेजा के माध्यम से दायर याचिका में दलील दी गई कि जेल अधीक्षक सेंथिल कुमार ने जेल में अत्याचार किए हैं। उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत द्वारा बुलाया जा चुका है।
जूम एप मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
वहीं, दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने जूम (Zoom) एप पर रोक लगाने की मांग पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। बता दें कि एक जनहित याचिका में जूम एप के प्रयोग पर सवाल उठाते हुए उस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जहां अब इसके लेकर कोर्ट ने सरकार को जवाब तलब करने को कहा है। बुधवार को दायर की गई वीडियो कॉलिंग एप जूम पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका में निजता के अधिकार हनन का आरोप लगाया है।