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कठुआ कांड के आरोपित विशाल परीक्षा के दिन अपनी कक्षा में था या नहीं, इस पर नहीं शुरू हुई जांच

हैंड राइटिंग मिलान को लैब भेजी गई हैं उत्तर पुस्तिकाएं, जो जांच कमेटी गठित हुई थी, उसमें भी किया गया बदलाव

By Srishti VermaEdited By: Published: Tue, 24 Apr 2018 08:53 AM (IST)Updated: Tue, 24 Apr 2018 03:54 PM (IST)
कठुआ कांड के आरोपित विशाल परीक्षा के दिन अपनी कक्षा में था या नहीं, इस पर नहीं शुरू हुई जांच
कठुआ कांड के आरोपित विशाल परीक्षा के दिन अपनी कक्षा में था या नहीं, इस पर नहीं शुरू हुई जांच

मेरठ (जागरण संवाददाता)। कठुआ कांड के आरोपित विशाल जंगोत्रा की परीक्षा को लेकर चौधरी चरण सिंह विश्र्वविद्यालय की तरफ से रिपोर्ट जारी करना तो दूर, अभी तक ठीक से कमेटी ने अपनी जांच भी शुरू नहीं की है। पहले जो पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी, अब उसे घटाकर तीन सदस्यीय कर दिया गया है। यह निर्णय सोमवार को लिया गया। सूत्रों का कहना है कि जांच कमेटी के पास विशाल की मूल उत्तर पुस्तिका नहीं है। केवल फोटो कॉपी है। असली उत्तर पुस्तिका जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली थी।

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तब और अब की कमेटी

चौधरी चरण सिंह विवि के कुलपति के नेतृत्व में डीएवी बुलंदशहर के रिटायर प्रो. डॉ. दीनानाथ सिंह, प्रो. मृदुल कुमार गुप्ता, प्रो. एके चौबे, रजिस्ट्रार ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, उप कुलसचिव बीपी कौशल की टीम गठित की गई थी। इनमें से अब प्रो. एके चौबे और रजिस्ट्रार ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव को कमेटी में नहीं रखा गया है। अब इस जांच कमेटी ने 25 अप्रैल को विवि में बैठक बुलाई है। इसके बाद अपनी जांच शुरू करेगी।

हैंडराइटिंग फोटो कॉपी में एक जैसी

दरअसल, उत्तर पुस्तिकाओं की फोटो कॉपी पुरानी जांच कमेटी ने देखी थी। सूत्रों का कहना है कि नौ जनवरी से लेकर 30 जनवरी तक दी गई परीक्षाओं में एक जैसी ही हैंडराइटिंग है। यदि एक भी परीक्षा किसी और ने दी होती तो उसकी हैंडराइटिंग अलग होती। वहीं सूत्रों का कहना है कि बीएससी एजी की एक प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं दी। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।

चंडीगढ़ की लैब रिपोर्ट पर टिकी नजर

कठुआ कांड में अब विवि की जांच भी काफी हद तक चंडीगढ़ की एफएसएल लैब पर टिक गई है। परीक्षा में सभी उत्तर पुस्तिकाओं पर विशाल की ही लिखावट है या फिर किसी और की, इसकी जांच की व्यवस्था विवि के पास नहीं है। ऐसे में यह कमेटी भी चंडीगढ़ लैब की रिपोर्ट पर ही अपना फैसला दे पाएगी। वैसे भी विवि के पास अभी न तो विशाल है और न ही विशाल की मूल उत्तर पुस्तिकाएं। ऐसे में व्यवस्थागत खामी और परीक्षा के मानकों को छोड़कर विवि की यह कमेटी और किसी निर्णय पर पहुंच भी नहीं सकती। हां, प्रथम दृष्टया देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि विवि के पास जो उत्तर पुस्तिकाएं हैं, उसमें लिखावट एक ही व्यक्ति की है। अब वह व्यक्ति विशाल है या कोई और, इसे भी बगैर वैज्ञानिक जांच के कहना आसान नहीं होगा।

विशाल ने परीक्षा दी या नहीं, इसकी जांच के लिए अब तीन सदस्यीय टीम बनाई गई है। जो जल्द ही जांच कर रिपोर्ट देगी।

-एनके तनेजा, कुलपति विवि


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