Move to Jagran APP

यस बैंक में हुई गड़बड़ी की तह तक जाने में जुटी जांच एजेंसियां, सारे रिकार्ड्स की होगी फोरेंसिक जांच

सीबीआइ ने पिछले कुछ वर्षो में देश के बैंकिंग सेक्टर में घोटालों को लेकर जितनी भी जांच शुरु की है अभी उनमें से किसी की भी जांच पूरी नहीं हुई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 Mar 2020 08:50 PM (IST)Updated: Sun, 08 Mar 2020 08:50 PM (IST)
यस बैंक में हुई गड़बड़ी की तह तक जाने में जुटी जांच एजेंसियां, सारे रिकार्ड्स की होगी फोरेंसिक जांच
यस बैंक में हुई गड़बड़ी की तह तक जाने में जुटी जांच एजेंसियां, सारे रिकार्ड्स की होगी फोरेंसिक जांच

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अनियमितताओं पर नजर रखने वाली एजेंसियां भी पुलिस की तरह की काम कर रही है। घटना होने के बाद सतर्क नजर आती हैं। जब वित्त मंत्रालय ने खस्ताहाल वित्तीय स्थिति को देखते हुए यस बैंक के काम काज पर रोक लगा दी, तब एकाएक सभी एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। मुंबई में यस बैंक के संस्थापक व पिछले वर्ष तक इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाले वाले राणा कपूर को प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया तो सीबीआइ ने भी अपने स्तर पर बैंक में हुई धांधलियों की जांच शुरु करने की बात कही है।

loksabha election banner

यस बैंक के पिछले चार वर्षो के सारे रिकार्ड्स की होगी फोरेंसिक जांच

जल्द ही आरबीआइ की तरफ से यस बैंक के पिछले चार वर्षो के सारे रिकार्ड्स की फोरेंसिक जांच करवाये जाने की तैयारी है, तो शेयर बाजार की नियामक एजेंसी सेबी को कहा गया है कि वह बैंक में हुए इनसाइडर ट्रेडिंग की नए सिरे से जांच एक पखवाड़े में खत्म करे।

सीबीआइ यस बैंक में हुए हर तरह के घोटाले की करेगी जांच

सीबीआइ के सूत्रों ने बताया है कि यस बैंक को लेकर प्राथमिक जांच शुरु कर दी गई है और अभी तमाम तरह के कागजात जुटाने का काम हो रहा है। अभी यह तय नहीं है कि सीबीआइ ने एफआइआर दर्ज की है या नहीं। सीबीआइ यस बैंक में हुए हर तरह के घोटाले, वित्तीय अनियमितताओं और अपराधिक मामलों की जांच करेगी। सीबीआइ पहले से ही देश के बैंकिंग सेक्टर में तीन दर्जन बड़े घोटालों की जांच अभी कर रही है। इसके अलावा भी दर्जनों घोटालों की जांच सीबीआइ के पास है।

आरबीआइ जानना चाहती है कि यस बैंक ने वैधानिक नियमन मामलों का कहां-कहां उल्लंघन किया

सीबीआइ की तरफ से जांच शुरु करने की खबर तब आई है जब भारतीय रिजर्व बैंक के स्तर पर भी यस बैंक की गड़बड़ी की तह में जाने की प्रक्रिया पहले ही शुरु हो चुकी है। आरबीआइ मुख्य तौर पर यह जानने की कोशिश कर रही है कि यस बैंक ने वैधानिक नियमन संबंधी मामलों का कहां कहां उल्लंघन किया है।

यस बैंक ने 2015-16 के बाद से एनपीए की सही स्थिति नहीं बतायी

अब यह बात सामने आ चुकी है कि यस बैंक वर्ष 2015-16 के बाद से नियामक एजेंसियों के समक्ष पेश अपनी वित्तीय रिपोर्ट में फंसे कर्जे (एनपीए) की सही स्थिति नहीं बता रहा था। यही वजह है कि वर्ष 2015-16 में बैंक के एनपीए 749 करोड़ रुपये का था जो बढ़ वर्ष 2018-19 में बढ़ कर 7882.60 करोड़ रुपये का हो गया है।

आरबीआइ की तरफ से यस बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था

वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार यह भी जानना चाहती है कि नियामक एजेंसियों के स्तर पर निगरानी में कहीं चूक तो नहीं हो गई है क्योंकि पहले भी यस बैंक के भीतर वित्तीय अनियमितता को लेकर सूचनाएं आई थी। सेबी इनसाइडर ट्रेडिंग की जांच पहले भी कर चुकी है। साथ ही आरबीआइ की तरफ से यस बैंक पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

सेबी व आरबीआइ ने इनसाइडर ट्रेडिंग और वित्तीय अनियमितताओं पर नहीं लगाई लगाम

जो सूचना आ रही है उससे साफ है कि सेबी व आरबीआइ के स्तर पर चिंता जताने व आगाह करने के बावजूद ना तो इनसाइडर ट्रेडिंग पर लगाम लगी है और ना ही बैंक प्रबंधन ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सख्ती बरती है। सरकार की मंशा इन तथ्यों को जानने के लिए इसलिए है ताकि बैंकिंग नियमन के मौजूदा सुराखों को बंद किया जा सके।

सीबीआइ ने कुछ वर्षो में बैंकिंग सेक्टर में घोटालों की जितनी भी जांच शुरु की वह अधूरी पड़ी हैं

सीबीआइ ने पिछले कुछ वर्षो में देश के बैंकिंग सेक्टर में घोटालों को लेकर जितनी भी जांच शुरु की है अभी उनमें से किसी की भी जांच पूरी नहीं हुई है। जिन बड़े मामलों की जांच हो रही है उसमें पीएनबी से लोन लेकर फरार उद्योगपति नीरव मोदी का घोटाला, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, देना बैंक, आइडीबीआइ बैंक में किये गये घोटाले जैसे दर्जनों मामलों की जांच शामिल है। वैसे हकीकत यही है कि शायद ही किसी बैंकिंग घोटाले के मामले में सीबीआइ की जांच दोषियों को सजा दिलाने में सफल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.