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माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को दबोचने के लिए इंटरपोल बनाएगा नई रणनीति

इस साल भारत का फोकस देश से भागे लोगों को दबोचने के लिए दूसरे देशों के साथ आम सहमति बनाने पर रहेगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 10:29 PM (IST)
माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को दबोचने के लिए इंटरपोल बनाएगा नई रणनीति
माल्या-नीरव जैसे भगोड़ों को दबोचने के लिए इंटरपोल बनाएगा नई रणनीति

भोपाल, राजीव सोनी। सेंटियागो (चिली) में इंटरपोल की ओर से आयोजित कांफ्रेंस में इस बार विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों को दबोचने की पुख्ता रणनीति बनेगी। आतंकवाद, बैंक, सायबर और संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए सभी देशों के पुलिस व सुरक्षा अधिकारी विचार मंथन करेंगे।

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15 से 18 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली 88वीं इंटरपोल जनरल असेंबली में सीबीआइ निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला सहित मध्य प्रदेश कैडर के तीन वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी (देश से पांच) भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

इंटरपोल के तत्वावधान में होने वाली इस कांफ्रेंस में इस साल भारत का फोकस देश से भागे लोगों को दबोचने के लिए दूसरे देशों के साथ आम सहमति बनाने पर रहेगा। इसके अलावा इंटरपोल की नीतियों को ज्यादा सशक्त बनाने, दूसरे देशों के कानूनों की जटिलता दूर करने, अपराधियों को संबंधित देश को सौंपने और राजनीतिक उत्पीड़न की आड़ में कानून से भागने वालों को दंडित कराने पर भी विचार-विमर्श होगा।

देशों में छिपे लोगों की इंटरपोल के पास लंबी सूची

गौरतलब है कि भारत में आतंकी कार्रवाई एवं वित्तीय अपराध कर दूसरे देशों में छिपे लोगों की इंटरपोल के पास लंबी सूची है। इंटरपोल की इस महत्वपूर्ण कांफ्रेंस के लिए भारत से चयनित पांच पुलिस अफसरों में से तीन मध्य प्रदेश कैडर के हैं। इनमें सीबीआइ निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला, मप्र के डीजीपी वीके सिंह एवं सीबीआइ में तैनात मप्र कैडर के साई मनोहर शामिल हैं। इनके अलावा दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक एवं पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के एक अन्य अफसर भी शामिल हैं।

इंटरपोल जारी करता है रेड कार्नर नोटिस

दूसरे देशों में कानून तोड़कर भागे लोगों को पकड़कर संबंधित देश को सौंपने के लिए इंटरपोल की मदद से ही 'रेड कार्नर' सहित अलग-अलग रंग के नोटिस जारी होते हैं। भारत से भागे किसी भी अपराधी पर कार्रवाई के लिए सीबीआइ ही समन्वय करती है। महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी के आधार पर अन्य देशों में इंटरपोल तत्काल कार्रवाई कराता है। अंतरराष्ट्रीय महत्व के आयोजनों की सुरक्षा में भी इंटरपोल की भूमिका रहती है। उल्लेखनीय है कि सभी देशों की पुलिस एजेंसियों के बीच तालमेल बनाने के लिए ही इंटरपोल का गठन हुआ है। इस समय करीब 190 देश इंटरपोल के सदस्य हैं।


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