कश्मीर में तीसरे दिन भी बंद का असर, इंटरनेट व रेल सेवा ठप
कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा फायरिंग मामले में चार लोगों की मौत के विरोध में कश्मीर में आज लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल और बंद से सामान्य जनजीवन ठप रहा।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा फायरिंग मामले में चार लोगों की मौत के विरोध में कश्मीर में गुरूवार को लगातार तीसरे दिन भी बंद और हिंसक झड़पों से सामान्य जनजीवन ठप होकर रह गया। हंदवाड़ा, कुपवाड़ा और श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में कफ्र्यू और धारा 144 के बावजूद शरारती तत्वों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाले और सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया।
इस दौरान हुई ङ्क्षहसक झड़पों में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत करीब 12 लोग घायल हो गए। वहीं प्रशासन ने अफवाहों पर काबू पाने के लिए उत्तरी कश्मीर के अलावा दक्षिण कश्मीर के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा। रेल सेवाएं भी लगातार दूसरे दिन ठप रहीं। प्रशासन ने एहतियातन सभी अलगाववादी नेताओं को भी नजरबंद रखा।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को अलगाववादियों ने देश के अन्य हिस्सों में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की कथित प्रताडना के खिलाफ बंद का आह्वान किया था। इसी दौरान हंदवाड़ा में कुछ लोगों ने स्कूली छात्रा के साथ सैन्यकर्मियों की छेड़छाड़ की अफवाह फैलाई। हालात बेकाबू हो गए। हंदवाड़ा में बंकर जला रही भीड़ पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिसमें चार लोग मारे गए। बुधवार और वीरवार को हंदवाड़ा घटना के खिलाफ अलगाववादियों ने बंद का आह्वान किया।
अलगाववादी नजरबंद
कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, इंजीनियर हिलाल वार, अब्दुल गनी बट, जफर फतेह, नईम अहमद खान, एयाज अकबर, शाहिद उल इस्लाम, शकील बख्शी, पीर सैफुल्ला, मुख्तार वाजा समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता लगातार तीसरे दिन भी घरों में नजरबंद रहे। प्रशासन को आशंका थी कि बंद के दौरान अलगाववादी नेता प्रदर्शन कर हंदवाड़ा की तरफ जा सकते हैं। इससे विधि व्यवस्था का संकट पैदा होगा। इसलिए उन्हें नजरबंद रखा गया।
इंटरनेट सेवा बंद
शरारती तत्व हंदवाड़ा घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार अफवाएं फैला रहे हैं। हालात खराब करने की साजिश का संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने बारामुला, सोपोर, हंदवाड़ा, कुपवाड़ा के अलावा दक्षिण कश्मीर के भी कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं को बंद रखा। गांदरबल में इंटरनेट सेवाएं प्रभावित रही हैं। श्रीनगर और साथ सटे इलाकों में डाटा सेवाएं बहाल थी, लेकिन डाटा स्पीड सामान्य से बहुत कम रही।
पटरी पर नहीं दौड़ी रेल
अलगाववादियों के बंद और हंदवाड़ा की घटना से पैदा हुए हालात के मद्देनजर लगातार दूसरे दिन भी बनिहाल-श्रीनगर-बारामुला रेलवे लाइन पर एक भी रेल नहीं चली। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि यह रेल संपत्ति और रेल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही उठाया गया है।
अलबत्ता, शुक्रवार को हालात सामान्य होने के साथ रेल परिचालन भी सामान्य रूप से बहाल हो जाएगा।