International Women's Day: महिलाओं ने संभाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस की कमान, 11 मिनट जल्दी पहुंची ट्रेन
महिला लोको पायलट कौशल्या देवी सुबह छह बजकर 15 मिनट पर झांसी से ट्रेन लेकर ग्वालियर के लिए रवाना हुई। पहली बार यात्री ट्रेन चला रहीं कौशल्या ने ट्रेन को 11 मिनट पहले ही सुबह आठ बजकर 19 मिनट पर ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा दिया।
ग्वालियर, जेएनएन। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रेलवे ने नारी सशक्तीकरण का संदेश देते हुए बुंदेलखंड एक्सप्रेस की कमान महिला स्टाफ को सौंपी। लोको पायलट कौशल्या देवी और सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता झांसी से ग्वालियर ट्रेन लेकर आई। ट्रेन के अंदर रेलवे ने सभी महिला कर्मचारियों को तैनात किया था।
महिला लोको पायलट कौशल्या देवी सुबह छह बजकर 15 मिनट पर झांसी से ट्रेन लेकर ग्वालियर के लिए रवाना हुई। पहली बार यात्री ट्रेन चला रहीं कौशल्या ने ट्रेन को 11 मिनट पहले ही सुबह आठ बजकर 19 मिनट पर ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पहुंचा दिया। जबकि ट्रेन के पहुंचने का समय सुबह साढ़े आठ बजे है। यह ट्रेन अक्सर देरी से चलती है। ट्रेन के अन्य स्टाफ में महिला टीटीई और आरपीएफ की महिला कमांडो शामिल थीं। महिला कमांडो आधुनिक हथियारों से लैस थीं। झांसी से ट्रेन के रवाना होने के बाद दतिया व डबरा में तो उनका सम्मान किया ही गया, ग्वालियर में पुष्पवर्षा करके और फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया।
इससे पहले मालगाड़ी चलाने का था खासा अनुभव
ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने 2013 में रेलवे ज्वाइन करने के बाद पहली ट्रेन 2019 में चलाई, तब से वह मालगाड़ी ही चला रही हैं। यात्रियों से भरी ट्रेन का संचालन काफी खतरनाक व जिम्मेदारी भरा काम होता है। रेलवे लोको पायलट दिन-रात काम करते हैं। जब सभी लोग सो रहे होते हैं, उस समय लोको पायलट ट्रेन को चला रहे होते हैं। सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि वह रेलवे की अपनी नौकरी के साथ घर भी संभालती हैं। दोनों कार्यो को पूर्ण कुशलता के साथ करना काफी कठिन होता है।