त्वरित टिप्पणी: न थी कुछ खास की उम्मीद, हुआ भी कुछ वैसा ही
यूपीए 2 के लगभग पांच साल के कार्यकाल में छह रेल मंत्री देख चुके लोगों को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश चार महीने के अंतरिम बजट में किसी बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही। हां, रेल मंत्री ने किराया न बढ़ाकर और 72 नई ट्रेनें चलाने की घोषणा कर यात्रियों को खुश करने की कोशिश जरूर की।
नई दिल्ली। यूपीए 2 के लगभग पांच साल के कार्यकाल में छह रेल मंत्री देख चुके लोगों को लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पेश चार महीने के अंतरिम बजट में किसी बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं थी और हुआ भी कुछ ऐसा ही। हां, रेल मंत्री ने किराया न बढ़ाकर और 72 नई ट्रेनें चलाने की घोषणा कर यात्रियों को खुश करने की कोशिश जरूर की।
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अपना पहला बजट पेश कर रहे रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे आंध्र प्रदेश के कांग्रेस सांसदों और मंत्रियों के हंगामे के बीच अपना पूरा भाषण नहीं पढ़ पाए और लोकसभा स्पीकर ने सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।
ठोस आश्वासन, पर उपाय नहीं
खड़गे ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए संसाधनों की कमी के बावजूद सेवा देने की बात कही। लेकिन यात्रियों की सुरक्षा और रेल संरक्षा पर कुछ भी ठोस आश्वासन नहीं दे पाए। उन्होंने रेलवे में निवेश की जरूरत बताई लेकिन इसे कैसे आकर्षित किया जाएगा, उस पर कुछ नहीं कहा।
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रेलवे की उपलब्धियां
रेलवे की उपलब्धि को गिनाते हुए उन्होंने जम्मू-कश्मीर के बनिहाल में सुरंग बनाने को बड़ी उपलब्धि करार दिया, वहीं वैष्णो देवी के लिए कटरा तक जल्द रेल सेवा शुरू करने का ऐलान किया। लेकिन रेल मार्ग को कश्मीर और लद्दाख से जोड़ने की योजना पर कुछ नहीं बोले। उन्होंने 2702 किमी नई रेल लाइन बिछाने का काम जारी रहने की बात तो कही, लेकिन खराब पटरियां जिस पर तेज गति से ट्रेन तेज गति से दौड़ सके उस पर कुछ नहीं कहा।
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काम कबतक पूरा होगा, पता नहीं
उन्होंने उत्तर पूर्व में ब्रॉड गेज लाइन बिछाने काम जा रखने के साथ-साथ ईटानगर और शिलांग के जल्द रेल लाइन से जुड़ने की संभावना जताई, लेकिन यह काम कब तक पूरा होगा, उस पर कुछ नहीं कहा।
यात्री किराए में वृद्धि नहीं
खड़गे ने यात्री किराए में किसी तरह की वृद्धि से इन्कार करते हुए 17 प्रीमियम ट्रेनें चलाने का ऐलान किया। इसके साथ ही 17 एसी समेत 72 ट्रेनें चलाने की घोषणा की, जिसमें 38 एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं। उन्होंने कई ट्रेनों के फेरे बढ़ाए जाने का ऐलान किया और 17 रूट पर हवाई जहाज की तरह डिमांड के हिसाब से किराया तय करने की बात कही। लेकिन उन्होंने यात्रियों को सुविधाएं बढ़ाए जाने के बारे में बोलने से परहेज किया।
क्या साबित हुआ
अंतरिम रेल बजट को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने केवल चार साल की उपलब्धियों को गिनाने के सिवा कुछ नहीं किया। इसके साथ ही जो काम जारी हैं उसकी पूरी होने की उम्मीद जताई।
जो होना था, नहीं हुआ
रेलवे में हजारों पद खाली है, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया। लोगों को कन्फर्म टिकट मिलने में होने वाली परेशानियों को दूर करने का उपाय भी नहीं बताया गया। इसके साथ ही कर्मचारियों के प्रशिक्षण और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक शब्द भी रेल मंत्री ने कहने की जहमत नहीं उठाई।
खड़गे ने पिछले रेल बजट में विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने को लेकर कार्य स्थिति की भी कोई जानकारी नहीं दी और न ही अन्य स्टेशनों को शामिल करने का कोई ऐलान किया।
रेल मंत्री में दिखी आत्मविश्वास की कमी
बजट पेश करते हुए रेल मंत्री में आत्मविश्वास की काफी कमी दिखाई दी। वह थोड़ा कन्फ्यूज्ड भी नजर आ रहे थे। वह ऐसा अहसास दिला रहे थे जैसे सरकार जाने वाली है और वह अंतरिम बजट पेश कर रस्मअदायगी कर रहे हैं।