भीषण गर्मी की चपेट में देश के कई हिस्से, लोग बेहाल
अभी अप्रैल माह में ही देश के कई हिस्सों का तापमान 45 डिग्री तक पहुंच चुका है।
नई दिल्ली (जेएनएन)।देश के कई हिस्सों में गर्मी का कहर देखा जा रहा है। कई जगहों पर तो तापमान 45 डिग्री तक पहुंच चुका है। राजधानी दिल्ली समेत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा आदि राज्यों में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है वहीं उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में बारिश की संभावना बतायी गयी है।
‘दिल्ली की गर्मी...’
अब तक ‘दिल्ली की सर्दी’ विख्यात थी पर इस बार अप्रैल माह में ही दिल्ली की गर्मी का कहर लोगों पर दिख रहा है। दिल्ली में तो अप्रैल में गर्मी रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है और ऐसा ही रहा तो पिछले 72 सालों का रिकार्ड टूट जाएगा। अब तक शहर के कुछ हिस्सों में तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है।
अधिकतम तापमान का कहर
हरियाणा और पंजाब, चंडीगढ़ नारनौल और करनाल में तो गजब की गर्मी पड़ रही है। हरियाणा में नारनौल में तो कब का अधिकतम तापमान 45 डिग्री पहुंच चुका है। इसके अलावा राजस्थान के श्रीगंगानगर में उच्चतम तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड हुआ था। चुरु और जैसलमेर में अधिकतम तापमान 45 और 44.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
तप रहा उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहा, राज्य का इलाहाबाद शहर 45 डिग्री तापमान के साथ यहां का सबसे गर्म प्रदेश रहा।
उत्तराखंड के मौसम ने ली करवट
उत्तराखंड में मौसम करवट बदलने जा रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार सूबे के पांच पर्वतीय जिलों में हल्की वर्षा की संभावना बतायी गयी है। इनमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व बागेश्वर शामिल हैं। वहीं राज्य के मैदानी इलाकों में तापमान में बढ़ोतरी बरकरार रह सकती है।
ओडिशा में अभी ही गर्मी की छुट्टी
पश्चिमी ओडिशा का बालांगीर राज्य का सबसे गर्म प्रदेश रहा जहां का अधिकतम तापमान 43 डिग्री पहुंच गया। तेलंगाना में अदिलाबाद जिले का सबसे अधिक तापमान 44.1 डिग्री रहा है। राज्य के स्कूलों में अभी ही गर्मी की छुट्टी की घोषणा कर दी गयी है।
महाराष्ट्र में 43 डिग्री
महाराष्ट्र के कुछ हिस्से में भी गर्मी जारी है जहां कई जगहों पर 43 डिग्री तापमान रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र के कुछ जगहों पर गर्म हवाएं चलने का पूर्वानुमान लगाया है।
मार्च में ही टूट गए गर्मी के रिकार्ड
पिछले 137 सालों में पहला सबसे गर्म मार्च 2016 का रहा है यानी लगातार दूसरे साल बढ़े रहे पृथ्वी के तापमान ने रिकार्ड तोड़ दिए हैं। नासा ने कहा है कि 1951 से 1980 के बीच मार्च के औसतन तापमान से इस साल के मार्च में 1.12 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि यह तापमान भी मार्च 2016 के तापमान से थोड़ी कम है।
बढ़ती गर्मी का कारण
अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी पर बढ़ती जनसंख्या ही ग्लोबल वॉर्मिंग का मुख्य कारण है। अधिक जनसंख्या के कारण अधिक ग्रीन हाउस गैस बनते हैं और इससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है।
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