Move to Jagran APP

आईएस के ढहते गढ़ पर खुफिया एजेंसियों की नजर

मोसुल से उखड़ रहे आईएस आतंकियों पर भारतीय खुफिया एजेंसियों की भी नजर है। इसकी वजह कुछ भारतीयों का इसमें शामिल होना भी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 10:13 AM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 10:27 AM (IST)
आईएस के ढहते गढ़ पर खुफिया एजेंसियों की नजर

नई दिल्ली (जयप्रकाश रंजन)। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के पैर अब उसके सबसे बड़े गढ़ मोसुल से भी उखड़ने लगे हैं। इराक में मोसुल आइएस का सबसे सुरक्षित गढ़ माना जाता था। लेकिन, इराकी और अमेरिकी सेना के संयुक्त अभियान के बाद आइएस आतंकी वहां से भागने लगे हैं। इस पूरे हालात पर भारतीय खुफिया एजेंसियों की भी नजर है। मोसुल से भाग रहे आइएस के लड़ाके कहां जाएंगे यह सवाल भारत समेत तमाम देशों की सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द है।

loksabha election banner

सूत्रों के मुताबिक आइएस के युद्धस्थल पर कितने भारतीय हैं इसका ठीक-ठाक अंदाजा लगाना मुश्किल है लेकिन आइएस से प्रभावित होकर देश छोड़ने वालों की संख्या कम से कम 50 है। इनमें से कई सीधे तौर पर आइएस के संपर्क में हो सकते हैं। हाल में राष्ट्रीय जांच ब्यूरो (एनआइए) ने तमिलनाडु में आइएस से संपर्क के सुबूत के साथ सुबाहनी हाजा मोइद्दीन नाम के आतंकी को गिरफ्तार किया है। उसने स्वीकारा है कि वह पेरिस हमले में 125 लोगों की जान लेने वाले आइएस आतंकी के संपर्क में था।

इससे पहले भी एनआइए कुछ अन्य गिरफ्तार आइएस आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट में यह बता चुकी है कि उन्होंने 25 देशों में आइएस के नेटवर्क से संपर्क बना लिया था। इससे साफ है कि आइएस के भारत स्थित आतंकी इस संगठन के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा बने हुए थे।

केरल से गायब युवाओं को लेकर भी सतर्कता

एनआइए पिछले तीन वर्षो में केरल, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल समेत कई रायों से दर्जनों लोगों को आइएस के संपर्क में होने के संदेह में गिरफ्तार कर चुकी है। विदेशी सरकारों की मदद से आइएस के कई भारतीय आतंकियों को भारत प्रत्यर्पित भी किया गया है। जुलाई, 2016 में जब भारतीय जांच एजेंसियों ने स्वीकार किया कि केरल से गायब लगभग दो दर्जन युवा आइएस के संपर्क में हो सकते हैं तो यह साफ हो गया कि उम्मीद से जयादा भारतीय आइएस से जुड़े हुए हैं। केरल से गायब इन युवाओं पर भी खुफिया एजेंसियों की नजर है। आइएस के संगठन के बिखराव के बाद ये युवा किधर जाते हैं या फिर भारत लौटने की कोशिश करते हैं, इसका पता लगाना खुफिया एजेंसियों की सबसे बड़ी चुनौती है।

मोसुल की जंग में अब तक मारे जा चुके हैं 25 कुर्द लड़ाके, उखड़ रहा आईएस

इराक के किरकुक में IS आतंकियों ने 46 जवानों को उतारा मौत के घाट

मोसुल में लड़ाई जारी, बचने के लिए नागरिकों को ढाल बना रहा आइएस

मोसुल में भीषण जंग जारी, शहर के मुख्यद्वार पर इराकी फौज का कब्जा

इस्लामिक स्टेट से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.