Move to Jagran APP

अब कोविन से पता कीजिये- अंगदान और रक्तदान की क्या है स्थिति, रक्त देने वाले से संपर्क करना होगा आसान

आने वाले दिनों में आपको कोविन एप पर ही अंगदान और रक्तदान की स्थिति को लेकर भी जानकारी मिलने लगेगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक इस एप से अब अन्य टीकाकरण कार्यक्रम को भी जोड़ दिया जाएगा।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 10:13 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 10:23 PM (IST)
अब कोविन से पता कीजिये- अंगदान और रक्तदान की क्या है स्थिति, रक्त देने वाले से संपर्क करना होगा आसान
कोविन एप पर आपको अंगदान और रक्तदान की स्थिति को लेकर भी जानकारी मिलने लगेगी।

नई दिल्ली, एजेंसी। वह दिन ज्यादा दूर नहीं है, जब कोविन एप पर आपको अंगदान और रक्तदान की स्थिति को लेकर भी जानकारी मिलने लगेगी। इतना ही नहीं, कोरोना रोधी टीकाकरण के लिए बनाए गए भारत सरकार के इस एप से अब अन्य टीकाकरण कार्यक्रम को भी जोड़ दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, भारत के सार्वभौम टीकाकरण कार्यक्रम (यूआइपी) को शामिल करते हुए एक नया कोविन प्लेटफार्म सितंबर के मध्य में प्रायोगिक तौर पर शुरू किए जाने की संभावना है। इतना ही नहीं बाद के चरणों में इसमें रक्तदान और अंगदान संबंधी सुविधाएं जोड़ने की योजना है। 

loksabha election banner

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक कोविन के साथ रक्तदान और अंगदान प्रक्रियाओं को जोड़ने से रोगियों को आसपास के उपयुक्त रक्तदाताओं का पता करने और उनसे संपर्क करने में मदद मिलेगी। इससे रक्त की आसानी से उपलब्धता हो सकेगी। इसी तरह अंगदान की प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

सूत्रों ने बताया कि इस प्रायोगिक परियोजना को प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के दो जिलों में तीन महीने के लिए लागू किया जाएगा। इसके साथ ही एप पर कोरोना टीकाकरण और प्रमाणपत्र जारी करने का काम भी चलता रहेगा।

एक बार यूआइपी को इस प्लेटफार्म पर शामिल करने के बाद संपूर्ण टीकाकरण प्रणाली रिकार्ड सहित डिजिटल हो जाएगी। इससे लाभार्थियों का पता लगाना आसान हो जाएगा। यूआइपी के तहत टीकाकरण रिकार्ड की देखरेख अभी इलेक्ट्रानिक प्रणाली से नहीं की जा रही है।

सूत्रों ने बताया, नई व्यवस्था से भौतिक रिकार्ड रखने की परेशानी दूर होगी। वास्तविक समय के आधार पर टीकाकरण की स्थिति को अपडेट किया जाएगा। टीकाकरण के लिए लाभार्थी पहले से रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। पूरे टीकाकरण कार्यक्रम के डिजिटल हो जाने के बाद, लाभार्थियों को मौके पर ही प्रमाणपत्र मिल जाएंगे। वे चाहें तो इन्हें डाउनलोड भी कर सकते हैं। इन प्रमाणपत्रों को डिजी लाकर में रखा जाएगा।

यूआइपी कई तरह के रोगों से बच्चों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक है। इसके तहत सरकार 12 बीमारियों के खिलाफ मुफ्त टीकाकरण कर रही है। इनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, खसरा, रूबेला, बचपन की टीबी, रोटावायरस डायरिया, हेपेटाइटिस बी, मेनिन्जाइटिस और निमोनिया खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण किया जाता है। जापानी इन्सेफेलाइटिस के खिलाफ टीका केवल प्रभावित जिलों में उपलब्ध कराया जाता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.