नोटबंदी के बाद रिटर्न संशोधित करने वालों की जांच के निर्देश
सीबीडीटी ने कहा है कि जांच के दौरान जिन मामलों का संबंध काले धन से मिले, उन पर अधिक ऊंची दर से आयकर लगाया जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सरकार नोटबंदी के बाद आयकर रिटर्न (आइटीआर) को संशोधित करने वालों की तह तक जाने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिकारियों को ऐसे मामलों की जांच का निर्देश दिया है। सीबीडीटी ने कहा है कि जांच के दौरान जिन मामलों का संबंध काले धन से मिले, उन पर अधिक ऊंची दर से आयकर लगाया जाए।
सीबीडीटी ने आयकर विभाग के सभी क्षेत्रीय प्रमुखों को 24 नवंबर को दो पन्नों का दिशानिर्देश जारी किया है। इसमें नोटबंदी के बाद संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों वाले मामलों की जांच के तरीकों को स्पष्ट किया गया है। बोर्ड ने कहा है कि जांच में पाई गई बेहिसाबी आमदनी आयकर कानून के तहत अधिक ऊंची दर से टैक्स लगाने के योग्य है। दिशानिर्देश में कर अधिकारियों को कारोबारी करदाताओं की ओर से ज्यादा बिक्री के दावों का वैट के रिटर्न के साथ मिलान करने के लिए भी कहा गया है।
एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने कहा कि सीबीडीटी ने यह दिशानिर्देश इसलिए जारी किया है, जिससे लोग संशोधित और विलंबित आइटीआर भरने की कानूनी सुविधा का दुरुपयोग नहीं कर पाएं। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद करने में इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया गया हो।
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