राजनीति में बने रहने के लिए संवेदनहीन होना जरूरीः अजीम प्रेमजी
सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी अजीम प्रेमजी की नेताओं के बारे में अच्छी धारणा नहीं है। राजनीतिज्ञों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में बने रहने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले संवेदनहीन बनना पड़ता है। असंवेदनशीलता, राजनीति की पहली जरूरी शर्त है।
बेंगलुरु। सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी अजीम प्रेमजी की नेताओं के बारे में अच्छी धारणा नहीं है। राजनीतिज्ञों पर तल्ख टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में बने रहने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले संवेदनहीन बनना पड़ता है। असंवेदनशीलता, राजनीति की पहली जरूरी शर्त है।
प्रेमजी ने शनिवार को यहां आईआईएम में आयोजित पहले ग्लोबल एलुमनी सम्मेलन और लीडरशिप समिट में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। प्रेमजी ने कहा, "मैं राजनीति में क्यों नहीं हूं? शायद यही कारण है। क्योंकि मैं सोचता हूं कि अगर मैं राजनीति में होता तो इस कारण (संवेदनहीन नहीं होने के कारण) कुछ वर्षों में ही किसी का काम का नहीं रह जाता। राजनीति में सफलता के लिए आपको असंवेदनशील होना पड़ता है।"
मालूम हो कि विप्रो के अरबपति संस्थापक प्रेमजी अपनी आधी संपत्ति दान कर चुके हैं। राजनीति में बुद्धिमान, समर्थ और परोपकारी मानसिकता रखने वाले लोगों की कमी पर उन्होंने कहा कि बुद्धिमान लोगों को सरकार में शामिल होने और राजनीति करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। लेकिन मुद्दा यह है कि क्या उसका मानस इसके लिए तैयार है?
निश्चित रूप से उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए। जब तक सही लोग राजनीति में नहीं आएंगे तब तक आप राजनीति और सरकार का स्तर नहीं बढ़ा सकते। वे यहां "परोपकार का व्यवसाय" विषय पर बायोकॉन की प्रमुख और आईआईएम, बेंगलुरु के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ के साथ चर्चा कर रहे थे।