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अगले साल आइएनएस विक्रमादित्य की पहली बार होगी मरम्मत

विमान वाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य की अगले साल पहली बार मरम्मत की जाएगी। यह भारत का सबसे बड़ा युद्धपोत है। इस पोत को दुरुस्त करने का काम पिपावाव शिपयार्ड पर किए जाने की संभावना है जो कि अनिल अंबानी की अगुआई वाले रिलायंस समूह का हिस्सा है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2015 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2015 07:15 PM (IST)
अगले साल आइएनएस विक्रमादित्य की पहली बार होगी मरम्मत

नई दिल्ली। विमान वाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य की अगले साल पहली बार मरम्मत की जाएगी। यह भारत का सबसे बड़ा युद्धपोत है। इस पोत को दुरुस्त करने का काम पिपावाव शिपयार्ड पर किए जाने की संभावना है जो कि अनिल अंबानी की अगुआई वाले रिलायंस समूह का हिस्सा है।

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रक्षा सूत्रों ने कहा कि फरवरी, 2016 में 45,000 टन के युद्धपोत की अंतरराष्ट्रीय बेड़ा समीक्षा के उपरांत इसकी पहली बार मरम्मत की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि रूसी और भारतीय इंजीनियरों द्वारा युद्धपोत को दुरुस्त करने का काम किए जाने की संभावना है।

सूत्रों के अनुसार पिपावाव शिपयार्ड में होने वाले तमाम मरम्मत कार्य का ब्योरा प्राप्त हो गया है और इसके लिए बजट तय किया जा रहा है। मरम्मत कार्य में चार महीने का समय लग सकता है। विक्रमादित्य को भारतीय नेवी के लिए रूस से खरीदा गया था और 2013 में इसे नौसेना में शामिल किया गया।

इस पोत का नाम एडमिरल गोर्सकोव था जिसका नाम बाद में बदलकर विक्रमादित्य कर दिया गया। विक्रमादित्य में विमानपट्टी भी है। इसकी कुल लंबाई 284 मीटर है और चौड़ाई 60 मीटर है। कुल मिलाकर इसका क्षेत्र तीन फुटबाल मैदान के बराबर है। इस पोत में कुल 22 तल हैं और 1600 लोगों को ले जाने की क्षमता है।


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