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बढ़ेगी अपनी ताकत! कल भारत के हवाले हो जाएगा आईएनएस विक्रमादित्य

रूसी विमानवाहक पोत गोर्शकोव आखिरकार शनिवार को भारत को हासिल हो जाएगा। भारत ने इस विमानवाहक पोत का नाम आईएनएस विक्रमादित्य रखा है। इस युद्धक पोत को लाने के लिए रक्षा मंत्री एके एंटनी शुक्रवार को रूस पहुंचेगे।

By Edited By: Published: Fri, 15 Nov 2013 10:48 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2013 10:49 AM (IST)
बढ़ेगी अपनी ताकत! कल भारत के हवाले हो जाएगा आईएनएस विक्रमादित्य

नई दिल्ली। रूसी विमानवाहक पोत गोर्शकोव आखिरकार शनिवार को भारत को हासिल हो जाएगा। भारत ने इस विमानवाहक पोत का नाम आईएनएस विक्रमादित्य रखा है। इस युद्धक पोत को लाने के लिए रक्षा मंत्री एके एंटनी शुक्रवार को रूस पहुंचेगे। रूस के सेवेरोदविस्क शहर में नौसेना को मिल रहा आईएनएस विक्रमादित्य करीब डेढ़ माह बाद भारत पहुंचेगा।

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पढ़ें: परीक्षणों में खरा उतरा एडमिरल गोर्शकोव

2004 में राजग सरकार के कार्यकाल में दौरान हुए खरीद सौदे में गत नौ सालों के भीतर न केवल कई फेरबदल हुए, बल्कि इसकी कीमत भी खासी वृद्धि हुई । नौसेना प्रवक्ता के अनुसार भारत की सैन्य ताकत में खासा इजाफा करने वाले इस विशाल पोत में लगभग 80 फीसद उपकरण नए हैं। साथ ही भारतीय सामरिक जरूरतों के मुताबिक इसमें आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं। लिहाजा यह लगभग नया ही युद्धपोत है।

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भारत में सरकार के सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने (सीसीएस) अंत में एडमिरल की खरीद के पक्ष में फैसला किया था। विक्रमादित्य के संचालन के कलाकार अवधारणा में लगे आठ बॉयलर को निकाल कर इसके जगह पर भट्ठी ईंधन तेल और आधुनिक तेल जल विभाजक के साथ ही एक मलजल उपचार संयंत्र अंतराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने के लिए शामिल किया गया है। विक्रमादित्य में 1.5 मेगावाट डीजल जनरेटर, एक वैश्रि्वक समुद्री संचार प्रणाली, स्पेरी नेविगेशन रडार, एक नए टेलीफोन एक्सचेंज, नया डेटा लिंक और एक आईएफएफ एमके इलेवन प्रणाली, होटल की सेवाएं, नई जल उत्पादन संयंत्रों के साथ ही न्यूयॉर्क इंटरनेशनल प्रशीतन और एयर कंडीशनिंग के साथ सुधार किया जा रहा है। एक नए गैली सुधार घरेलू सेवाएं और 10 महिला अधिकारियों के लिए आवास के साथ स्थापित किया जा रहा है।

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इस विमानवाहक पोत का जीवन काल 20 साल है, विशेषज्ञों का कहना है कि यह वास्तव में 30 साल की एक न्यूनतम हो सकता है। आधुनिकीकरण के पूरा होने पर, जहाज और उसके उपकरणों के 70 प्रतिशत से अधिक नया हो जाएगा। विक्रमादित्य का सफलता पूर्वक समुद्री परीक्षण पूरा कर लिया गया है और 32 समुद्री मील की अधिकतम गति तक पहुँचने में सक्षम है। सफेद सागर में सितंबर 2013 में विमान का परीक्षण कर लिय गया।

नाम : आईएनएस विक्रमादित्य

बिल्डर : काला सागर शिपयार्ड , यूक्रेन

लागत: 2350000000

स्थिति: समुद्री परीक्षण पूरा

जनरल विशेषता

कक्षा एवं प्रकार : संशोधित कीव श्रेणी

प्रकार: विमान:: वाहक पोत

विस्थापन: 45,400 टन का लोड

लंबाई: 283.5 मीटर [930 फीट]

किरण : 59.8 मीटर [196 फीट]

औषध: 10.2 मीटर (33 फुट)

प्रोपल्सन : 4 शाफ्ट गियर भाप टर्बाइन, 140,000 अश्वशक्ति

गति : 29.3 समुद्री मील [(54.3 किमी / घंटा]

सीमा: 4,000 नॉटिकल मील (7400 किमी) [5]

धीरज: 18 समुद्री मील में 13,500 समुद्री मील (25,000 किमी) (33 किमी / घंटा) [6]

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