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देश का सबसे बड़ा युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य भारत पहुंचा

लंबे समय से लंबित एवं प्रतीक्षित 2.3 अरब डॉलर का विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य शनिवार को पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के कर्नाटक स्थित करवर बेस पर पहुंच गया। 16 नवंबर को रक्षामंत्री एके एंटनी ने देश के सबसे बड़े विमानवाहक युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य को रूसी प्रधानमंत्री दमित्रि रोगोजिन तथा दोनों देशों की सरकारो

By Edited By: Published: Sun, 05 Jan 2014 02:18 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2014 02:32 PM (IST)
देश का सबसे बड़ा युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य भारत पहुंचा

नई दिल्ली। लंबे समय से लंबित एवं प्रतीक्षित 2.3 अरब डॉलर का विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य शनिवार को पश्चिमी तट पर भारतीय नौसेना के कर्नाटक स्थित करवर बेस पर पहुंच गया।

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16 नवंबर को रक्षामंत्री एके एंटनी ने देश के सबसे बड़े विमानवाहक युद्धपोत आइएनएस विक्रमादित्य को रूसी प्रधानमंत्री दमित्रि रोगोजिन तथा दोनों देशों की सरकारों एवं नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में नौसेना में शामिल किया था।

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आइएनएस विक्रमादित्य कीव श्रेणी का विमानवाही पोत है जिसे वर्ष 1987 में बाकू नाम से रूसी नौसेना में शामिल किया गया था। उसका नामकरण बाद में एडमिरल गोर्शकोव कर दिया गया था। भारत को इसकी पेशकश किए जाने से पहले इसने वर्ष 1995 में रूस में अपना आखिरी सफर किया था।

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44,500 टन वजनी युद्धपोत की लंबाई 284 मीटर है और इस पर मिग-29के नौसेना लड़ाकू विमान के साथ ही कामोव 31 और कामोव 28 पनडुब्बी रोधी और समुद्री निगरानी हेलीकॉप्टर तैनात रहेंगे।

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