विश्व की सबसे शांत पनडुब्बी है INS खंडेरी, पानी से आसमान में भी दुश्मन पर करेगी वार
मुंबई के तट पर रहकर 300 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली पनडुब्बी के नौसेना के शामिल होने से नौसेना की ताकत और बढ़ गई है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए नौसेना के बेड़े में अब आइएनएस खंडेरी भी शामिल हो गई है। इससे नौसेना की समुद्र सीमा की ताकत में और भी इजाफा हो गया है। इसकी खासियत ये है कि दुश्मनों के लिए इसका पता लगाना आसान नहीं होगा। इसके अलावा इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आएगी। जंग के दौरान पानी में दुश्मन पर सबसे पहले प्रहार करने वाली कलवरी श्रेणी की दूसरी डीजल- इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। मुंबई के तट पर रहकर 300 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के जहाज को नष्ट करने की क्षमता रखने वाली पनडुब्बी के नौसेना के शामिल होने से नौसेना की ताकत और बढ़ गई है। खंडेरी का पूरे दो साल तक समुद्र में परीक्षण किया गया उसके बाद अब इसे देश की सागर की सुरक्षा के लिए तैनात किया जा रहा है।
पानी के भीतर 45 दिनों तक रहने में सक्षम
खंडेरी अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। इस पर टॉरपीडो और ऐंटिशिप मिसाइलें तैनात की जाएंगी। ये पानी से पानी और पानी से किसी भी युद्धपोत को ध्वस्त करने की क्षमता रखती हैं। इसकी एक और खासियत ये है कि ये 45 दिनों तक पानी के भीतर रह सकती है। देश में निर्मित यह पनडुब्बी एक घंटे में 35 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। 67 मीटर लंबी, 6.2 मीटर चौड़ी और 12.3 मीटर की ऊंचाई वाली पनडुब्बी का कुल वजन 1550 टन है। इसमें 36 से अधिक नौसैनिक रह सकते हैं। दुश्मन सेना के छक्के छुड़ाने की ताकत रखने वाली खंडेरी सागर में 300 मीटर की गहराई तक जा सकती है। यह पनडुब्बी स्टेल्थ और एयर इंडिपेंडेंट प्रॉपल्शन समेत कई तरह की तकनीकों से लैस है। यह टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च एंटी-शिप मिसाइल से हमला करने में सक्षम है।
एक बार में 12 हजार किमी का सफर
वर्तमान चुनौतियों और हिन्द महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ का मुकाबला करने में भी यह काफी मददगार साबित होगी। इससे पहले पनडुब्बी कलवरी दिसंबर 2017 में नौसेना में शामिल हुई थी, जिसके नौ महीने बाद सितंबर 2018 में ही खंडेरी को शामिल किया जाना था, परंतु यह दो साल की देरी से 28 सितंबर, 2019 में शामिल हो रही है। एक बार पानी में उतर जाने के बाद खंडेरी एक बार में 12 हजार किलोमीटर का सफर तय कर सकती है। ये बैटरी पर चलने वाली पनडुब्बी है। लंबे समय तक पानी में रहने के लिए इसमें 750 किलो की 360 बैटरी लगाई गई हैं। बैटरी को चार्ज करने के लिए इसमें 1250 वॉट्स के 2 डीजल जनरेटर लगाए गए हैं।
विश्व की सबसे शांत पनडुब्बी
रेडार, सोनार, इंजन समेत इसमें छोटे बड़े 1000 से अधिक उपकरण लगे हुए हैं। इसके बावजूद बगैर आवाज किए यह पानी में चलने वाली विश्व की सबसे शांत पनडुब्बियों में से एक है। इस वजह से रेडार आसानी से इसका पता नहीं लगा सकते हैं। इसीलिए इसे 'साइलंट किलर' भी कहते हैं।
शिवाजी महाराज के दुर्ग पर नामकरण
आईएनएस खंडेरी पनडुब्बी का नाम खंडेरी मराठा सेनाओं के द्वीप खंडेरी के नाम पर रखा गया है। महाराष्ट्र में तटवर्ती मुंबई के दक्षिण में स्थित खंडेरी द्वीप पर मराठा सेनाओं ने 17वीं सदी में अपनी सत्ता को बरकरार रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, खंडेरी का नाम महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के खंडेरी दुर्ग के नाम पर रखा गया है। इस दुर्ग या किले की खासियत यह थी कि यह एक जल दुर्ग था मतलब चारों और पानी से घिरा हुआ इसलिए दुश्मन के लिए अभेद्य था। इसी को ध्यान में रखते हुए इसका नाम भी खंडेरी रखा गया है। एक तरह से इसको भी अभेद्य माना जा रहा है।
‘आईएनएस खंडेरी’ में क्या खास है ?
नौसेना का कहना है स्कॉर्पिन श्रेणी की सभी 6 पनडुब्बियों को नौसेना की राफेल कहा जा सकता है। यह दूसरी पीढ़ी की पनडुब्बी है, जिसका वजन करीब 1800 टन है। इसमें कई उन्नत सेंसर्स, एंटी-शिप मिसाइल और टॉरपिडो लगे हुए हैं। यह पानी के अंदर बेहद खामोशी से ज्यादा देर तक रह सकती है।
नौसेना में कुल 16 पनडुब्बियां
इस समय नौसेना में कुल करीब 16 पनडुब्बियां हैं। इनमें से एक परमाणु चालित, एक बैलेस्टिक मिसाइल दागने में सक्षम और 14 परंपरागत पनडुब्बियां हैं। इनमें से 14 परंपरागत पनडुब्बियां तीन दशक का अपना सेवाकाल पूरा कर अब सेवानिवृति की प्रतीक्षा कर रही हैं। ऐसे में स्कॉर्पिन श्रेणी की इन दो पनडुब्बियों आईएनएस कलवरी और आईएनएस खंडेरी की मदद से नौसेना की पानी के अंदर दुश्मन से लड़ने की ताकत में कई गुना वृद्धि होगी। कलवरी श्रेणी की यह स्कॉर्पिन सबमरीन आईएनएस खंडेरी कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें ऐसी तकनीक है कि दुश्मन देशों की नेवी के लिए इसका सामना करना मुश्किल होगा और यह सटीक हमला करने में सक्षम है।
दुश्मन की निगाह में नहीं आ सकती आईएनएस खंडेरी
आईएनएस खंडेरी हर उस काम को कर सकती है, जिसे कोई भी आधुनिक पनडुब्बी करती है। जैसे कि एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, इंटेलीजेंस इकट्ठा करना और सर्विलांस। इस सबमरीन की टॉप स्पीड करीब 20 नॉट्स की है। इस सबमरीन की खासियत है कि ये दुश्मन की निगाह से छिपी रह सकती है। यह 1150 फीट (350 मीटर) की गहराई तक जा सकती है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 50 किमी की है। यह हवा में कम ऊंचाई पर उड़ते हुए बेहद तेज गति से दुश्मन पर वार कर सकती है। इसमें 8 अधिकारी और 35 सेलर के रहने की व्यवस्था है।
खासियत-
लंबाई- 67 मीटर
चौड़ी- 6.2 मीटर
ऊंचाई- 12.3 मीटर
कुल वजन- 1550 टन
रफ्तार- 35 किमी प्रति घंटा
बैटरी- 360
केबल- 60 किमी
एक बार में 12 हजार किमी का सफर